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    रात के अंधेरे में गरज रहे हैं बुलडोजर, चुरमुरा में खनन माफिया का तांडव; अधिकारी बने मूकदर्शक

    Updated: Fri, 18 Jul 2025 05:45 PM (IST)

    चुरमुरा में खनन माफिया फिर से सक्रिय हैं जो विभागीय मिलीभगत से अवैध खनन कर रहे हैं। गोशाला के पीछे का टीला गायब हो गया है और मिट्टी आगरा तक जा रही है। पहले हुई कार्रवाई के बावजूद स्थिति जस की तस है जिससे प्रशासन पर सवाल उठ रहे हैं। कंपनी के इनकार के बाद भी खनन जारी है और अधिकारी चुप्पी साधे हुए हैं।

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    अंधेरे में मिट्टी की 'लूट', माफिया को खनन की खुली छूट

    जागरण संवाददाता, फरह। चुरमुरा में खनन माफिया एक बार फिर पूरी निर्भीकता से धरती का सीना छलनी कर रहे हैं। गोशाला के पीछे का मिट्टी का टीला अब इतिहास बन चुका है। रात के अंधेरे में जेसीबी गरज रही है, ट्रैक्टर-ट्रालियां और डंपर फर्राटा भर रहे हैं। मिट्टी आगरा तक भेजी जा रही है और प्रशासन है कि सब कुछ जानते हुए भी अनजान बना बैठा है।

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    सबसे चौंकाने वाली बात यह है कि यह अवैध खनन उस जगह हो रहा है, जहां बीते महीने ही एसडीएम सदर अभिनव जे जैन ने कार्रवाई कर दो डंपर और दो जेसीबी सीज किए थे। उस समय उम्मीद जगी थी कि माफिया के हौसले पस्त होंगे, लेकिन हुआ उल्टा। विभागीय मिलीभगत और अफसरों की खामोशी ने खनन माफिया के हौसले और बढ़ा दिए।

    खनन अधिकारी अक्षय कुमार से जब सवाल किया गया कि आखिर चुरमुरा में खनन की अनुमति किसे दी गई थी, तो उन्होंने कहा कि पहले हिलवेज कंपनी के नाम पर अनुमति दी गई थी। लेकिन जब कंपनी के वाइस प्रेसीडेंट सुमित सिंह से बात की गई तो उनका कहना था कि हमारा काम एक महीने पहले ही पूरा हो चुका है, अब हम मिट्टी नहीं ले रहे।

    अगर कोई खनन कर रहा है तो वह पूरी तरह अवैध है। प्रशासन को ऐसे लोगों को गिरफ्तार करना चाहिए। सवाल उठता है कि जब कंपनी खुद मना कर रही है, तो खनन अधिकारी क्यों खामोश हैं। खनन अधिकारी अक्षय कुमार को बुधवार शाम को खनन की सूचना दी गई, लेकिन अधिकारी ने मौके पर जाकर जांच करना जरूरी नहीं समझा। यह मौन अपने आप में बहुत कुछ कहता है। कहानी वही, किरदार वही... फर्क बस इतना है कि अब खनन का खेल पहले से ज्यादा खुल्लमखुल्ला हो रहा है।

    जमीन समतल, जिम्मेदारों की नीयत संदिग्ध

    गौशाला के पीछे जो मिट्टी का टीला कल तक खड़ा था, वह आज समतल हो चुका है। मिट्टी के साथ कई पेड़ भी काट दिए गए हैं। न पर्यावरण की चिंता है, न सरकारी जमीन की। लोगों में चर्चा है कि जब जेसीबी और डंपर लगातार दौड़ रहे हैं तो क्या यह पुलिस की गश्त से छिपा रह सकता है। कहीं न कहीं संरक्षण की बू जरूर आ रही है।

    बीते महीने की कार्रवाई अब सवालों के घेरे में

    बीते माह एसडीएम सदर अभिनव जे जैन ने अवैध खनन पर कार्रवाई की थी। लेकिन अब वही हालात फिर से बन गए हैं। न कोई मशीन सीज हो रही है, न कोई डंपर पकड़ा जा रहा है। जब इस बारे में एसडीएम से पूछा गया तो उन्होंने कहा कि अगर अवैध खनन हो रहा है तो सख्त कार्रवाई की जाएगी। दोषियों को नहीं बख्शा जाएगा। टीम को अलर्ट कर दिया गया है। लेकिन सच यह है कि अब तक न कोई टीम मौके पर गई, न खनन रुका। ऐसे में कार्रवाई के दावे कागजों तक ही सीमित नजर आ रहे हैं।

    सवाल जो चुप्पी से निकलते हैं

    -आखिर माफिया को इतनी छूट क्यों।

    -सड़क निर्माण कंपनी ने काम बंद कर दिया, फिर किसके लिए हो रहा खनन।

    -पुलिस की गश्त के बावजूद ट्रैक्टर-ट्रालियां कैसे निकल रही हैं।

    -क्या अफसरों की चुप्पी साठगांठ का संकेत है।

    एक महीने पहले काम खत्म हो गया था। कंपनी की तरफ से कोई खनन नहीं कराया जा रहा है। जो खनन कर रहे हैं, गिरफ्तार होने चाहिएं। -सुमित सिंह, उपाध्यक्ष, हिलवेज कंपनी।

    हिलवेज कंपनी को आखरी बार चुरमुरा में खनन की अनुमति दी गई थी। महीनेभर पहले वहां से दो डंपर व जेसीबी सीज कर जुर्माना भी किया गया था। लेकिन अब फिर से खनन हो रहा है तो कड़ी कार्यवाही कराएंगे। -अक्षय कुमार, खनन अधिकारी।

    पूरे प्रकरण को दिखवाया जा रहा है। किसी भी सूरत में खनन बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। खनन माफियाओं के खिलाफ कड़ी से कड़ी कार्यवाही करवाई जाएगी। यदि खनन लगातार बार बार हो रहा है तो ऐसी कार्यवाही कराई जाएगी कि माफिया भी खनन के नाम से कांपने लगेंगे। -सीपी सिंह, जिलाधिकारी।

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