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...जब श्रीकृष्ण से रूठ कर शिला के पीछे छुप गई थीं राधारानी, बड़ा दिलचस्प है पूरा किस्सा

शिला में दिखाई देती है राधा की छवि। कृष्ण से मान करके छुप गई थी बृषभान दुलारी। मान मन्दिर पर स्थित है प्राचीन गुफा।

By Tanu GuptaEdited By: Published: Sat, 29 Aug 2020 06:04 PM (IST)Updated: Sat, 29 Aug 2020 06:04 PM (IST)
...जब श्रीकृष्ण से रूठ कर शिला के पीछे छुप गई थीं राधारानी, बड़ा दिलचस्प है पूरा किस्सा

किशन चौहान, बरसाना। वैसे तो ब्रजभूमि का कण कण ही राधाकृष्ण की दिव्य लीलाओं की गवाही देता है। लेकिन राधारानी के निज धाम बरसाना में उनके लीलाओं के अनेको चिन्ह आज भी मौजूद है। कृष्ण द्वारा चन्द्रमा से बृषभानु दुलारी के सौंदर्य की तुलना उन्हें बहुत बुरी लगी और वो रुठकर एक शिला के पीछे जाकर छुप गई थी। मान मन्दिर पर स्थित उक्त गुफा में आज भी वो शिला मौजूद है। जहा बृषभान नन्दनी छुपकर बैठ गई थी। उक्त शिला पर आज भी उनकी आकृति व हाथ का पंजा दिखाई देता है।

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ब्रह्मांचल पर्वत पर स्थित मान मन्दिर के बारे में तो तमाम लोगों ने सुना व जाना होगा, क्योंकि ब्रज के विरक्त सन्त रमेश बाबा इसी मन्दिर पर निवास करते है। लेकिन बहुत कम लोगों को मालूम होगा कि मान मन्दिर में एक गुफा भी मौजूद है। उक्त गुफा में वो प्राचीन शिला स्थित है जहां राधारानी कृष्ण से रुठकर छिपकर बैठ गयी थी। मान्यता है कि एक बार बृषभान नन्दनी ने सोलह श्रगार करके जब भगवान श्रीकृष्ण से पूछा कि मैं कैसी लग रही हुं। तो कृष्ण ने बृषभान नन्दनी के सौन्दर्य की तुलना चंद्रमा से कर दी। जो बृषभान नन्दनी को बुरा लगा, क्योंकि चंद्रमा के सौंदर्य में दाग है। इसी बात को लेकर राधारानी एक शिला के पीछे जाकर छुपकर बैठ गई थी। कृष्ण के घण्टो अनुनय व विननय करने के बाद उन्होंने गुस्सा छोड़ा। हजारों साल बाद आज भी वो शिला मान मन्दिर में स्थित गुफा में मौजूद है। माना जाता है कि उक्त शिला को गौर से देखने पर उसमें राधारानी की छवि व हाथ का पंजा दिखाई देता है। जबकि आज से साठ साल पहले ब्रज के विरक्त सन्त रमेश बाबा ने इसी गुफा में बैठकर करीब तीस सालों तक राधारानी की आराधना की थी। आज भी उक्त शिला पर राधारानी के लिए खेल खिलौने व भोग लगाए जाते है। जागरण से बात करते हुए ब्रज के विरक्त रमेश बाबा ने बताया कि कई बार आराधना के दौरान घुंघरू व किसी बालिका के पुकारने की अनुभूति उन्हें होती है। मानो ऐसा लगता था कि कोई आसपास घूम रहा है।

ब्रह्मांचल पर्वत पर स्थित मान मन्दिर वहीं प्राचीन स्थल है। जहां राधाकृष्ण की मान लीला हुई थी। कृष्ण द्वारा चंद्रमा से राधारानी के सौंदर्य की तुलना करने पर वो मान करके इसी स्थान पर बैठ गई थी।

सुनील सिंह सचिव

मान मन्दिर बरसाना। 


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