मुझको मन की शक्ति देना.. बांकेबिहारी जी से बहनों की गुहार
रक्षाबंधन पर राखी भेज कोरोना काल में न बुलाने पर शिकायत भी कर रहीं बहनेंराखी के साथ भाव भरे पत्र भेज लिख रहीं पीड़ा दुख हरने की प्रार्थना भी

विपिन पाराशर, वृंदावन (मथुरा):
आस्था के कई भाव होते हैं। ठाकुर बांकेबिहारी और भक्तों के बीच रिश्ता भी भाव का है। इसी भावातिरेक में ठा. बांकेबिहारी को भाई मान कर रक्षाबंधन पर देश भर से बहनें राखी भेज रही हैं। साथ ही पत्र भी भेजे हैं। इनमें परिवार की खुशहाली, मां की बीमारी के हाल हैं। आइएएस की तैयारी कर रही किसी बहन ने मन की मजबूती तो किसी ने बेटे की शादी की मनुहार की है। तमाम बहनों ने कोरोनाकाल में ठाकुर जी से न बुलाने की शिकायत की है।
ठा. बांकेबिहारी मंदिर के चबूतरे पर एक डाकघर है। यहां देशभर से बहनों की राखियां आ रही हैं। एक सैकड़ा राखी अब तक पहुंच चुकी हैं। दिल्ली के रमेश नगर निवासी पायल ने राखी के साथ चिट्ठी लिखी है। दर्शन के लिए जल्द वृंदावन बुलाने की पुकार की है। एक राखी राधारानी के लिए भी है। लिखा है, राखी बंधवाने का फोटो भी भेज देना।
दिल्ली की सोनू लिखती हैं, लंबा समय हो गया, कब बुला रहे हो। मम्मी की तबीयत ठीक नहीं है, उन्हें जल्द ठीक करो। उदयपुर से मोनिका मीणा ने लिखा है, मेरी जिदगी बहुत उलझनों से भरी है, इन्हें दूर करो। कानपुर के लाजपत नगर निवासी लीला गुप्ता लिखती हैं, मैं इन दिनों समस्याओं से घिरी हूं, इनका निदान करो। कानपुर की कुसुम गुप्ता लिखती हैं कि भांजे की जल्द शादी करवा दो, ताकि बहू और बेटे को दर्शन कराने आपके दरबार में ला सकूं।
आराध्य को पढ़कर सुनाते पत्र, श्रद्धालु में बंटतीं राखी
ठाकुर जी को अर्पित होने वाली राखी रक्षाबंधन के दिन श्रद्धालुओं को सेवायत प्रसाद के रूप में बांट देते हैं,जबकि बहनों द्वारा भेजे जाने वाले पत्र सेवायत ठाकुर जी को पढ़कर सुनाते हैं। फिर अपने पास इन्हें सुरक्षित रख लेते हैं।
मंदिर में हर दिन देश भर से राखी आ रहीं हैं। ये राखी रक्षाबंधन के दिन सेवायत के जरिए ठाकुरजी के चरणों में अर्पित कराई जाएंगी।
-उमेश सारस्वत, प्रबंधक
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