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    श्रद्धालु बनकर बांकेबिहारी मंदिर पहुंचे प्रबंधन समिति के अध्यक्ष, हालात देख रह गए दंग; उमड़ी भीड़ में हालात हुए खराब

    Updated: Tue, 04 Nov 2025 06:52 AM (IST)

    वृंदावन के बांकेबिहारी मंदिर में कार्तिक माह के अंतिम चरण में श्रद्धालुओं की भारी भीड़ उमड़ रही है, जिससे व्यवस्था चरमरा गई है। मंदिर प्रबंधन समिति के अध्यक्ष ने औचक निरीक्षण में अव्यवस्थाएं देखीं और भीड़ प्रबंधन पर जोर दिया। आईआईटी रुड़की की टीम कतारबद्ध दर्शन के लिए रेलिंग लगाने पर विचार करेगी, और 19 नवंबर की बैठक में भीड़ नियंत्रण के उपायों पर चर्चा होगी।

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    जागरण संवाददाता, वृंदावन। ठाकुर बांकेबिहारी मंंदिर में अव्यवस्था थम नहीं रही है, जरा सी भीड़ बढ़ने पर दर्शन में पसीना छूट रहा है। कार्तिक माह के अंतिम पड़ाव पर भी भीड़ ऐसी कि मंदिर के बाहर और अंदर पैर रखने की जगह नहीं बची।

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    मंदिर प्रबंधन के लिए गठित उच्चाधिकार प्रबंधन समिति के अध्यक्ष सोमवार को सामान्य श्रद्धालु के रूप में पहुंचे तो अव्यवस्थाएं देख दंग रह गए। सेवायत और सेवादारियों की भीड़ थी। जगमोहन पर पुरुष और महिलाओं के साथ बच्चे भी डटे थे। अब समिति की अगली बैठक में भीड़ प्रबंधन पर विशेष चर्चा होगी।

    कार्तिक के अंतिम पड़ाव में सोमवार से श्रद्धालुओं की संख्या में वृद्धि शुरू हो गई। मंदिर आने वाले एंट्री पाइंटों जुगलघाट और विद्यापीठ से प्रशासन ने रेलिंग में होकर श्रद्धालुओं को मंदिर तक पहुंचने की व्यवस्था की है। लेकिन, भीड़ का दबाव ऐसा कि रेलिंग के दोनों ओर श्रद्धालु मंदिर की ओर ही बढ़ते दिखाई दे रहे हैं।

    पुलिस की बैरिकेडिंग पर जब श्रद्धालुओं को रोका गया तो पीछे से भीड़ का दबाव बनना शुरू हो जाता। ऐसे में भीड़ में फंसे महिला, बालक और बुजुर्गों की हालत खराब हुई। बुजुर्ग श्रद्धालु भीड़ से निकलकर दुकान पर विश्राम करके फिर आगे बढ़ने की कोशिश शुरू कर देते हैं। दर्शन में एक घंटे तक श्रद्धालुओं को जूझना पड़ा।

    श्रद्धालुओं को दर्शन में क्या दिक्कत आती है, यह देखने समिति अध्यक्ष सेवानिवृत्त न्यायाधीश अशोक कुमार बिना किसी पूर्व सूचना के दोपहर करीब एक बजे मंदिर पहुंचे। पट बंद होने का समय था, ऐसे में भीड़ काफी अधिक थी। वह अव्यवस्थाएं देख दंग रह गए। मंदिर के जगमोहन में जहां पुरुषों की व्यवस्था की गई थी, वहां पर महिलाएं और बच्चे थे।

    अध्यक्ष करीब 15 मिनट तक रुके रहे। उन्होंने बताया कि मंदिर परिसर के अंदर काफी अधिक संख्या मेें सेवायत और सेवाधिकारी घूम रहे थे, इससे भी अव्यवस्था फैल रही थी। मंदिर के अंदर श्रद्धालुओं का काफी देर तक ठहराव काफी परेशानी खड़ी कर रहा है। जब तक ठहराव खत्म नहीं होगा, दिक्कत होगी।

    उन्होंने कहा कि कुछ अन्य समस्याएं भी देखी हैं। एक सप्ताह में आइआइटी रुड़की की टीम भी सर्वे कर रिपोर्ट देगी, वह यह बताएगी कि कतारबद्ध दर्शन के लिए रेलिंग लगाना उचित है या नहीं।

    उन्होंने बताया कि 19 नवंबर को होने वाली बैठक में भीड़ नियंत्रण के उपायों पर विशेष जोर रहेगा। हालांकि बाद में अध्यक्ष के पहुंचने की सूचना मंदिर कमेटी के पदाधिकारी भी पहुंच गए।