शरद पूर्णिमा पर बांके बिहारी मंदिर में दर्शन व्यवस्था पर नहीं बनी सहमति, प्रशासन-सेवायतों के बीच हुई तीखी नोकझोंक
वृंदावन के बांके बिहारी मंदिर में शरद पूर्णिमा की दर्शन व्यवस्था पर प्रशासन और सेवायतों के बीच सहमति नहीं बन पाई। सेवायतों ने प्रवेश व्यवस्था पर नाराजगी जताई जबकि गर्भगृह से दर्शन कराने के मुद्दे पर भी विवाद रहा। देशभर से आने वाले श्रद्धालुओं में व्यवस्था को लेकर भ्रम की स्थिति बनी हुई है और वे अंतिम निर्णय का इंतजार कर रहे हैं।

संवाद सहयोगी, वृंदावन। ठाकुर बांके बिहारी मंदिर में शरद पूर्णिमा पर दर्शन व्यवस्था को लेकर प्रशासन और सेवायतों के बीच तीखी नोकझोंक देखने को मिली। कोर्ट के आदेश और हाई पावर कमेटी की सिफारिशों को लेकर सेवायत और प्रशासन आमने-सामने आ गए। रविवार को मंदिर परिसर में जिला अधिकारी, एसपी और अन्य प्रशासनिक अधिकारियों की सेवायतों के साथ अहम बैठक की। जिसमें व्यवस्था को लेकर कई मुद्दों पर चर्चा की गई।
ठाकुर बांकेबिहारी मंदिर में शाम नौ बजे डीएम सीपी सिंह और एसएसपी श्लोक कुमार ने सेवायतों के साथ बैठक कर शरद पूर्णिमा पर दर्शन व्यवस्था को लेकर चर्चा की। बैठक में सेवायतों ने मंदिर में लागू की गई प्रवेश व्यवस्था पर नाराजगी जताई। सेवायतों ने आरोप लगाया कि मंदिर में प्रवेश को लेकर उनके अधिकारों का हनन हो रहा है।
इस पर प्रशासन ने स्पष्ट किया कि सेवा अधिकारी के साथ उनके शिष्यों को प्रवेश की अनुमति दी जाएगी, जबकि अन्य लोगों का प्रवेश आम श्रद्धालुओं के दर्शन समय अनुसार ही रहेगा। अधिकारियों ने यह भी कहा कि जिन गोस्वामीजनों को कोर्ट के आदेश मान्य हैं, वे पालन करें, और जो नहीं मानते, वे न करें। प्रशासन का मकसद केवल दर्शन व्यवस्था को सुव्यवस्थित बनाना है, किसी के अधिकारों का हनन नहीं।
गर्भगृह दर्शन को लेकर भी नहीं बनी सहमति
बैठक में गौरव गोस्वामी ने गर्भगृह से दर्शन कराने की मांग की, जबकि फ्रैंकी गोस्वामी ने श्रृंगार आरती के बाद केवल जगमोहन से ही दर्शन कराने की बात कही। इस पर भी अंतिम निर्णय नहीं हो सका, जिससे रात तक असमंजस की स्थिति बनी रही।
क्या रहेगा अंतिम निर्णय? श्रद्धालु कर रहे इंतजार
शरद पूर्णिमा की रात बांके बिहारी के दर्शन के लिए देशभर से श्रद्धालु वृंदावन पहुंचते हैं। ऐसे में व्यवस्था को लेकर बनी खींचतान से श्रद्धालुओं में भी भ्रम की स्थिति है। प्रशासन और गोस्वामीजन के बीच सहमति नहीं बनने से यह देखना अहम होगा कि अंतिम समय में कौन-सी व्यवस्था लागू होती है।
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