Sharad Purnima: ठाकुर बांकेबिहारी मंदिर में सेवायतों की मनमानी, श्रृंगार आरती के समय पट बंद, नहीं हुए दर्शन
बांकेबिहारी मंदिर में शरद पूर्णिमा पर सेवायतों की हठधर्मिता के कारण भक्तों को श्रृंगार आरती के दर्शन नहीं हुए। मंदिर हाईपावर मैनेजमेंट कमेटी के आदेश के बावजूद सेवाधिकारियों के आपसी सामंजस्य की कमी के चलते मंदिर के पट देरी से खुले जिससे श्रद्धालुओं को घंटों इंतजार करना पड़ा। श्रृंगार आरती गर्भ गृह में हुई और ठाकुरजी को जगमोहन में विराजित करने में अधिक समय लगने से दर्शन में विलंब हुआ।

संवाद सहयोगी, जागरण, वृंदावन। ठाकुर बांकेबिहारी मंदिर में सेवायतों की हठधर्मिता कम होने का नाम नहीं ले रही। शरद पूर्णिमा उत्सव पर भी आपसी सामंजस्य की कमी के चलते ठाकुरजी की सेवा के साथ सेवाधिकारियों ने जमकर खिलवाड़ किया। सुबह की श्रृंगार आरती मंदिर पट बंद रखकर के गर्भ गृह में हुई।
शरद पूर्णिमा की सुबह भक्तों को न हुए श्रृंगार आरती दर्शन
इसके बाद शुरू हुई राजभोग सेवा के सेवाधिकारी ने ठाकुरजी को जगमोहन में विराजित किया। इसमें करीब चालीस मिनट का समय लगा और मंदिर के पट सुबह 7.45 बजे की बजाय 8.27 बजे खुले। सुबह सात बजे से आराध्य के दर्शन को मंदिर के बाहर खड़े हजारों श्रद्धालुओं को घंटों मंदिर खुलने का इंतजार करना पड़ा। मंदिर हाईपावर मैनेजमेंट कमेटी ने शरद पूर्णिमा पर मंदिर के दर्शन समय में वृद्धि और ठाकुरजी के दर्शन जगमोहन में करवाने के आदेश दिए थे।
सेवायत ने मंदिर के पट बंद कर की श्रृंगार आरती, पौने घंटे बाद खुले दर्शन
सोमवार को शरद पूर्णिमा पर मंदिर हाई पावर मैनेजमेंट कमेटी ने भक्तों की भीड़ का आकलन करते हुए ठाकुरजी को जगमोहन में विराजित करने के निर्देश दिए थे। लेकिन, श्रृंगार आरती सेवा अधिकारी गौरव गोस्वामी मंदिर की परंपरा के अनुसार श्रृंगार आरती गर्भ गृह में करने पर अड़े थे और आरती के बाद शुरू होने वाली राजभोग सेवा अधिकारी फ्रैंकी गोस्वामी ने ठाकुरजी को जगमोहन में विराजित करने की तैयारी कर ली थी।
श्रृंगार आरती के दौरान मंदिर के पट बंद रहे
फ्रैंकी गोस्वामी ने जगमोहन में ठाकुरजी का सिंहासन रख दिया तो गर्भ गृह में श्रृंगार आरती के दर्शन श्रद्धालुओं को संभव न हुए। श्रृंगार आरती के दौरान मंदिर के पट बंद रहे और दर्शन के इंतजार में खड़े हजारों भक्तों को भारी मायूसी का सामना करना पड़ा।
श्रृंगार आरती के बाद फ्रैंकी गोस्वामी ने ठाकुरजी को मंदिर के जगमोहन में सिंहासन पर विराजित कर श्रृंगार किया और तब जाकर मंदिर के पट सुबह 8.27 बजे खुल सके और भक्तों को दर्शन संभव हुए।
ये आदेश दिए थे कमेटी ने
शरद पूर्णिमा पर मंदिर में भक्तों की भीड़ को देखते हुए मंदिर हाई पावर्ड मैनेजमेंट कमेटी ने सुबह और शाम को ठाकुरजी को जगमोहन में विराजित करने के आदेश दिए थे। इसके लिए कमेटी के सचिव एवं जिलाधिकारी सीपी सिंह, एसएसपी श्लोक कुमार ने रविवार की रात सेवायतों से सामंजस्य बनाकर ठाकुरजी को जगमोहन में विराजित करने की सलाह दी थी। लेकिन, मंदिर सेवायत गौरव गोस्वामी और फ्रैंकी गोस्वामी अपनी बात पर अड़े रहे। इससे भक्त श्रृंगार आरती के दर्शन से वंचित रहे।
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