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    Banke Bihari Mandir: बांकेबिहारी मंदिर में स्थानीय भक्तों की एक कतार हो... हाईपॉवर कमेटी से उम्मीद

    Updated: Wed, 17 Sep 2025 08:28 AM (IST)

    वृंदावन के बांके बिहारी मंदिर में स्थानीय भक्तों के लिए अलग कतार की उम्मीद जगी है। 2022 में जन्माष्टमी पर हादसे के बाद नियम सेवा टूट गई थी। अब हाईपॉवर कमेटी से स्थानीय भक्तों को सुविधा मिलने की उम्मीद है जैसे श्रीनाथद्वारा मंदिर में मिलती है। मंदिर सेवायत आचार्य प्रह्लादवल्लभ गोस्वामी ने स्थानीय भक्तों के लिए विशेष व्यवस्था करने का आग्रह किया है।

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    बांकेबिहारी मंदिर वृंदावन में भक्तों भीड़ की तस्वीर।

    संवाद सहयोगी, जागरण, वृंदावन। ठाकुर बांकेबिहारी के प्रति भक्तों की आस्था ऐसी कि तीर्थनगरी के हजारों श्रद्धालुओं का संकल्प रहा था कि जब तब सुबह ठाकुरजी के दर्शन न कर लें, अन्न जल ग्रहण नहीं करते थे। 2022 में श्रीकृष्ण जन्माष्टमी पर हुए हादसे के बाद मंदिर में वन-वे रूट व्यवस्था लागू होने और श्रद्धालुओं की संख्या में वृद्धि के चलते ऐसे नियमसेवा वाले श्रद्धालुओं के नियम टूट गए और घर में ही आराध्य के चित्रपट के दर्शन कर आज भी मानसिक रूप से नियम को निभा रहे हैं।

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    अब मंदिर व्यवस्था की कमान हाईपॉवर कमेटी पर आई है तो नियम सेवा वाले भक्तों की भी उम्मीद जाग उठी है। मंदिर सेवायत आचार्य प्रह्लादवल्लभ गोस्वामी कहते हैं कि मंदिर में अब रेलिंग के जरिए तीन लाइन बनाकर श्रद्धालुओं को प्रवेश देने की योजना बनाई जा रही है। तो एक कतार स्थानीय श्रद्धालुओं के लिए तय कर दी जाए। ताकि नियम सेवा करने वाले हों या फिर स्थानीय भक्तों को लाभ मिल सके।

    प्रवेश के लिए दिन में एक समय निश्चित कर एक गैलरी आरक्षित करनी चाहिए

    मंदिर सेवायत प्रह्लादवल्लभ गोस्वामी ने सुप्रीम कोर्ट द्वारा गठित ठाकुर बांकेबिहारी मंदिर प्रबंधन हाई पावर्ड कमेटी टैम्पल मैनेजमेंट कमेटी से आग्रह किया है वृंदावन के स्थानीय निवासियों के मंदिर में प्रवेश के लिए दिन में एक समय निश्चित कर एक गैलरी आरक्षित करनी चाहिए। इसके साथ ही मंदिर प्रांगण में खास दीर्घा में स्थानीय श्रद्धालुओं को आराध्य के दर्शन की सुविधा दी जाए। जिस प्रकार राजस्थान के श्रीनाथद्वारा मंदिर में वहां स्थानीय श्रद्धालुओं के लिए श्रीजी चरण नामक स्पेशल एंट्री पास की तर्ज पर यहां भी स्थानीय भक्तों को पास जारी किए जाएं।

    स्थानीय श्रद्धालुओं को उठाना पड़ रहा खामियाजा

    आचार्य प्रहलाद बल्लभ गोस्वामी ने कहा मंदिर में लगातार हो रही श्रद्धालुओं की संख्या में वृद्धि का खामियाजा स्थानीय श्रद्धालुओं को उठाना पड़ रहा है। नियम सेवा करने वाले श्रद्धालु अब दर्शन तक को तरस रहे हैं। मंदिर क्षेत्र में हजारों श्रद्धालु ऐसे हैं जो कि सुबह ठाकुरजी के दर्शन के बाद ही अन्न-जल ग्रहण करते थे।

    2022 में श्रीकृष्ण जन्माष्टमी पर हादसे के बाद बदली व्यवस्था के बाद उनके नियम टूट चुके हैं। वे अब घर में ठाकुरजी की छवि के दर्शन करके ही नियम पालन कर रहे हैं। आराध्य के दर्शन से वंचित ऐसे भक्तों का दर्द भी कमेटी को समझना चाहिए।

    श्रीनाथद्वारा की तरह स्थानीय लोगों को मिले सुविधा

    आचार्य प्रह्लादवल्लभ गोस्वामी ने कहा श्रीनाथद्वारा में विराजित श्रीनाथप्रभु के दर्शन को वहां स्थानीय लोगों को श्रीजी चरण स्पेशल पास दिए जाते हैं। इस निश्शुल्क पास को दिखाकर नाथद्वारा वासी दैनिक रूप से सुबह मंगलाअरती तथा शाम की संध्याआरती में शामिल होते हैं।

    भगवान श्रीनाथजी के दर्शन को पहुंचने वाले स्थानीय निवासियों को निश्चित स्थान से दर्शन कर बैठने हेतु बैंच, पेयजल व प्रसाद की सुविधाएं भी है। ये व्यवस्था कोरोना काल में आरम्भ हुई थी। लेकिन, आंशिक सुधार व समयानुसार परिवर्तन के साथ वहां उक्त जनसेवा अभी भी चल रहीं हैं।