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    Banke Bihari Mandir में दर्शन व्यवस्था के फेरबदल पर विवाद, हाई पावर कमेटी पदाधिकारियों को सेवायत ने दिया नोटिस

    Updated: Sat, 20 Sep 2025 08:30 AM (IST)

    सेवायत गौरव गोस्वामी ने दर्शन का समय बढ़ाने के विरोध में हाई पावर कमेटी को कानूनी नोटिस भेजा है इसे कोर्ट की अवमानना बताया है। अखिल भारत हिंदू महासभा ने भी दर्शन समय में बदलाव के खिलाफ न्यायालय में याचिका दायर की है ठाकुर जी को बाल रूप में होने के कारण अधिक देर तक दर्शन के लिए खड़ा रखने का विरोध किया है।

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    वृंदावन के बांकेबिहारी मंदिर में भक्तों की भीड़। जागरण

    संवाद सहयोगी, जागरण, वृंदावन। ठाकुर बांकेबिहारी मंदिर में दर्शन व्यवस्था में फेरबदल को लेकर नया विवाद शुरू हो गया है। दर्शन का समय बढ़ाने पर मंदिर की शयनभोग सेवाधिकारी गौरव गोस्वामी ने सुप्रीम कोर्ट द्वारा गठित हाईपावर कमेटी के अध्यक्ष समेत 13 सदस्यों को कानूनी नोटिस दिया है। कहा है कि दर्शन का समय पहले ही इलाहाबाद हाई कोर्ट ने तय किया है। रेलिंग हटाने के निर्देश भी 2022 में हाई कोर्ट ने दिए थे। यह एक तरह से कोर्ट की अवमानना है।

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    पिछले दिनों हाई पावर कमेटी ने कुछ दिन पहले बैठक कर मंदिर की व्यवस्थाओं में बदलाव किया था। मंदिर के दर्शन समय में बढ़ोतरी के साथ ही दर्शन की बाहर लाइव स्ट्रीमिंग और श्रद्धालुओं को कतारबद्ध दर्शन कराने के लिए रेलिंग लगाने का निर्णय लिया गया था। इसे लेकर सेवायत गौरव गोस्वामी ने कमेटी को नोटिस दिया है।

    प्रतिबंध लगाने की मांग

    अधिवक्ता के माध्यम से भेजी गई नोटिस में इन निर्णय पर प्रतिबंध लगाने की मांग की है। इन निर्णयों को इलाहाबाद हाई कोर्ट के आदेश की अवमानना बताते हुए जवाब मांगा है। वरिष्ठ अधिवक्ता संकल्प गोस्वामी द्वारा जारी नोटिस में कहा गया है कि जिला प्रशासन द्वारा 14 नवंबर 2022 के अनुरोध पर सिविल जज जूनियर डिविजन ने दर्शन के समय में वृद्धि और लाइव स्ट्रीमिंग का आदेश दिया था। इस पर माननीय उच्च न्यायालय द्वारा स्वत: ही संज्ञान लेते हुए 28 नवंबर को आदेश पर रोक लगा दी गई। यह मामला अभी तक लंबित है।

    2012 में किया था रेलिंग व्यवस्था में बदलाव

    वर्ष 2012 में तत्कालीन जिला प्रशासन द्वारा रेलिंग व्यवस्था में बदलाव किया गया था। इस पर एक याचिका पर सुनवाई करते हुए भी हाई कोर्ट ने इसे प्रतिबंधित कर दिया था। कहा कि ठाकुर जी रात में निधिवन में रास रचाने जाते हैं। उनके विश्राम को ध्यान में रख ही मंदिर के पट सुबह खुलने का समय निर्धारित है। उन्हें विश्राम का पर्याप्त समय दिया जाता है।

    कमेटी के निर्णय के विरुद्ध न्यायालय में दाखिल प्रार्थना पत्र

    जासं, मथुरा: ठाकुर बांकेबिहारी मंदिर की दर्शन व्यवस्था में बदलाव के हाई पावर कमेटी के निर्णय के विरुद्ध न्यायालय में भी प्रार्थना पत्र दाखिल किया गया है। अखिल भारत हिंदू महासभा से जुड़े संजय हरियाणा ने सिविल जज जूनियर डिवीजन के न्यायालय में प्रार्थना पत्र प्रस्तुत कर कमेटी के निर्णय को चुनौती दी है। उनका कहना है कि ठाकुर जी की सेवा बाल रूप में होती है, इसलिए उन्हें अधिक देर तक दर्शन के लिए खड़ा नहीं रखा जा सकता है।

    शपथ पत्र में कही ये बात

    संजय हरियाणा ने शपथ पत्र के साथ दाखिल प्रार्थना पत्र में कहा है कि ठाकुर जी के दर्शन समय में बदलाव किसी भी दशा में ठाकुर जी के लिए हितकर नहीं है। उन्होंने कहा कि दर्शन का समय बढ़ाने के निर्णय को निरस्त किया जाए। उन्होंने यह भी कहा है कि एकमात्र ठाकुर बांकेबिहारी मंदिर है, जहां पर मंगला आरती नहीं होती है। वह इसीलिए नहीं होती है कि ठाकुर जी रात में निधिवन में रास रचाते हैं। इसलिए उन्होंने विश्राम के लिए पर्याप्त समय दिया जाता है। फिर उन्हें जल्द से जगाने का कोई औचित्य नहीं है। जज के अवकाश पर होने के कारण सुनवाई नहीं हो सकी। संजय हरियाणा ने बताया कि इस मामले में सुनवाई अब सोमवार को होगी।