Lunar Eclipse: चंद्रगहण 3.30 घंटे रहेगा: वृंदावन के मंदिर शाम को रहेंगे बंद, ठाकुर द्वारकाधीश देंगे दर्शन
Lunar Eclipse चंद्रग्रहण के कारण वृंदावन के ठाकुर बांकेबिहारी मंदिर समेत कई मंदिरों में दर्शन का समय बदल गया है। दोपहर 157 बजे सूतक लगने के कारण मंदिर ...और पढ़ें

संवाद सहयोगी, जागरण, वृंदावन। अगहन पूर्णिमा पर रविवार की देर शाम खाग्रास चंद्रग्रहण पड़ेगा। लेकिन, इससे पहले दोपहर को एक बजकर 57 मिनट पर सूतक शुरू हो जाएंगे। ऐसे में ठाकुर बांकेबिहारी मंदिर समेत दूसरे मंदिरों में भी ठाकुरजी के दर्शन समय में परिवर्तन कर दिया गया है।
सुबह साढ़े पांच बजे ठाकुर बांकेबिहारीजी भक्तों को दर्शन देना शुरू करेंगे तो दोपहर को साढ़े बारह बजे तक ही आराध्य के दर्शन देंगे। इसके बाद मंदिरों के आसपास सन्नाटा पसरा नजर आएगा। ग्रहण काल के दौरान श्रद्धालु आश्रमों व घरों में रहकर ईश्वर साधना अथवा हरिनाम संकीर्तन करेंगे।
चंद्रग्रहण के कारण ठाकुर बांकेबिहारी मंदिर में दोपहर साढ़े बाहर बजे तक ही होंगे दर्शन
ठाकुर बांकेबिहारी मंदिर में चंद्रग्रहण के चलते दर्शन समय में बदलाव हो गया है। रविवार को सुबह साढ़े पांच बजे दर्शन खुलेंगे तो 8 बजकर 15 मिनट पर बंद हो जाएंगे। शयनभोग सेवा की शुरुआत सुबह दस बजे होगी। दस बजे मंदिर के पट खुलने के बाद साढ़े बारह बजे बंद हो जाएंगे। इसी तरह राधावल्लभ, राधारमण, कात्यायनी, इस्कान, प्रेममंदिर, चंद्रोदय मंदिर, प्रियाकांतजु मंदिर समेत सभी मंदिर दोपहर बारह बजे बंद हो जाएंगे। तो शाम को मंदिरों के आसपास सन्नाटा पसरा नजर आएगा।
द्वारकाधीश को छोड़ शाम को बंद रहेंगे बाकी मंदिरों के पट
रविवार को चंद्रग्रहण है। ठाकुर द्वारकाधीश के दर्शन होंगे, लेकिन ठाकुर बांकेबिहारी मंदिर समेत सभी मंदिरों के पट दोपहर में ही बंद हो जाएंगे। ठाकुर बांकेबिहारी सुबह साढ़े पांच बजे से दोपहर साढ़े 12 बजे तक दर्शन देंगे। जबकि श्रीकृष्ण जन्मस्थान के पट भी दोपहर 12 बजे बंद होंगे। राधारानी मंदिर के पट भी दोपहर 12 बजे तक बंद होंगे। ठाकुर द्वारकाधीश में रविवार को मंगला, शृंगार, ग्वाल के दर्शन समय के अनुसार ही होंगे। रात में ग्रहण के बीच द्वारकाधीश के दर्शन रात 9.57 से रात 1.27 बजे तक होंगे।
साढ़े तीन घंटे रहेगा चंद्र ग्रहण
श्री दीपक ज्योतिष भागवत संस्थान द्वारा रतन कुंड चौबियापाड़ा स्थित कैंप कार्यालय में हुई बैठक में बताया गया कि चंद्रगहण 3.30 घंटे का रहेगा। यह ग्रहण भारत व विश्व में दिखाई देगा। पितृ पक्ष के प्रारंभ पर चंद्रग्रहण और समापन पर आंशिक सूर्य ग्रहण रहेगा। निदेशक ज्योतिषाचार्य कामेश्वर नाथ चतुर्वेदी ने बताया कि रविवार को रात 9.57 से रात 1.27 बजे तक ग्रहण रहेगा। सूतक दोपहर 12. 57 बजे लग जाएंगे। कुंभ राशि के लोग ग्रहण का न देखें।
संस्कृत भारती ब्रजप्रांत के जिलाध्यक्ष आचार्य ब्रजेंद्र नागर ने कहा कि इसका प्रभाव पूरे विश्व भर में रहेगा। ज्योतिषाचार्य दीपक चतुर्वेदी, साहित्याचार्य शरद चतुर्वेदी ने कहा कि इस वर्ष पितृपक्ष के प्रारंभ में रविवार को चंद्रग्रणह और पितृपक्ष के समापन पर 21 सितंबर को आंशिक सूर्यग्रहण हैं। इसे ज्योतिष शास्त्र की दृष्टि से दुर्लभ योग माना जा रहा है। सौरभ शास्त्री, पंकज, मनीष, ऋषभ देव, गोविंद देव, मनोज पाठक मौजूद रहे।

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