अब दक्षिणा पर प्रहार की बारी, बांकेबिहारी मंदिर में चढ़ावा- रेलिंग व्यवस्था होने पर Dakshina की होगी नई व्यवस्था
ठाकुर बांकेबिहारी मंदिर में भोग भंडारियों के प्रवेश पर रोक का कारण उनकी गलत प्रथा रही है। भंडारी श्रद्धालुओं से मिलने वाली दक्षिणा दानपात्र में ...और पढ़ें

जागरण संवाददाता, वृंदावन। ठाकुर बांकेबिहारी मंदिर में प्रसाद चढ़ाने वाले भोग भंडारी के प्रवेश पर रोक को लेकर हुआ हंगामा आम नहीं है। इसके पीछे खास वजह है। इस आदेश से उच्चाधिकार प्राप्त प्रबंधन समिति ने भंडारियों की गलत प्रवृत्ति पर चोट की थी। भंडारी श्रद्धालु से प्रसाद के साथ दी जाने वाली दक्षिणा को दानपात्र में न डालकर अपने पास रख लेते हैं।
हंगामे के दबाव में अभी इस व्यवस्था को वापस ले लिया गया है। मगर, मंदिर में रेलिंग व्यवस्था शुरू होने के बाद माला प्रसाद अर्पित करने की वैकल्पिक व्यवस्था लागू होना निश्चित माना जा रहा है। ठाकुर बांकेबिहारी मंदिर में श्रद्धालुओं की संख्या बढ़ने से स्थिति बिगड़ रही है। बुधवार को समिति ने व्यवस्था बनाने के लिए सेवायतों की सहायता के लिए तैनात भोग भंडारी हटा दिए।
प्रसाद लेकर ठाकुर जी को करते हैं अर्पित
ये भोग भंडारी श्रद्धालुओं से प्रसाद लेकर ठाकुर जी को अर्पित करते हैं। श्रद्धालुओं से जो दक्षिणा आती है, उसे रख लेते हैं। प्रबंधन समिति ने इसी व्यवस्था को लेकर भोग भंडारी हटा दिए। श्रद्धालु फूल-माला अर्पित नहीं कर पाए, लेकिन दक्षिणा भोग भंडारी न होने पर मंदिर के दानपात्र में डालते रहे। सेवायतों ने भंडारी हटाने पर हंगामा किया और करीब तीन घंटे बाद फिर से भंडारी को तैनात किया गया।
समिति के सदस्य सेवायत दिनेश गोस्वामी कहते हैं कि सेवायत माला प्रसाद श्रद्धालुओं को लौटाकर साथ मिलने वाली दानराशि को अपने पास रख लेते है। उस दानराशि पर मंदिर प्रबंधन का अधिकार है। ठाकुर बांकेबिहारी मंदिर में श्रद्धालुओं के माला प्रसाद अर्पित करने के साथ मिलने वाली दानराशि के कारण मंदिर प्रांगण में सेवायतों की भीड़ रहती है और श्रद्धालुओं का ठहराव होने से व्यवस्था बिगड़ती है। इसीलिए समिति ने भंडारी हटाए थे, लेकिन इसकी वैकल्पिक व्यवस्था जल्द की जाएगी।

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