Hariyali Amavasya 2025: हरियाली अमावस 24 को, आखिरी दिन फूलबंगला में विराजेंगे ठाकुर बांकेबिहारी
Banke Bihari Mandir वृंदावन में ठाकुर बांकेबिहारीजी के फूलबंगला के अंतिम दर्शन 24 जुलाई को होंगे। गर्मी में ठाकुरजी को राहत देने के लिए 109 दिनों तक चलने वाली यह सेवा हरियाली अमावस को समाप्त होगी। स्वामी हरिदास ने इस परम्परा को शुरू किया था जिसमें विभिन्न प्रकार के फूलों से मंदिर को सजाया जाता है। हरियाली तीज पर ठाकुरजी स्वर्ण-रजत हिंडोले में दर्शन देंगे।

संवाद सहयोगी, वृंदावन। Hariyali Amavasya: ठाकुर बांकेबिहारीजी की सेवा परंपरा की जो शुरुआत उनके प्राकट्यकर्ता स्वामी हरिदास ने शुरू की थी, आज भी परंपरा के अनुसार सेवायतों द्वारा निभाई जा रही है। ठाकुरजी का हर उत्सव साल में एक ही दिन होता है। लेकिन, गर्मी के दिनों में ठाकुरजी को राहत देने के लिए फूलबंगला की सेवा 109 दिन होती है।
गर्मी के दिनों में फूलबंगला में विराजकर ठाकुर बांकेबिहारी अपने भक्तों को दर्शन देकर आल्हादित करते हैं। मंदिर में फूलबंगला में विराजित आराध्य के दर्शन अब गुरुवार हरियाली अमावस तक ही संभव हो सकेंगे। इसके बाद अगले साल ही ठाकुरजी फूलबंगला में भक्तों को दर्शन देंगे।
हरियाली अमावस पर खत्म हो जाएगी फूलबंगला सजाने की प्रक्रिया
चैत्र शुक्ल पक्ष की कामदा एकादशी को शुरू हुई ठाकुर बांकेबिहारी मंदिर में फूलबंगला सजाने की प्रक्रिया चार अगस्त को हरियाली अमावस पर खत्म हो जाएगी। गर्मी में ठाकुरजी को शीतलता प्रदान करने के लिए ये परंपरा स्वामी हरिदास ने ही शुरू की थी। परपंरा का निर्वहन आज भी मंदिर में हाे रहा है। लेकिन, इस फूलबंगला की सजावट में आधुनिकता का तड़का लग चुका है।
पहले केले के तने और पत्तियों से बंगला सजाए जाते थे। लेकिन, आज विभिन्न प्रकार के फूलों का उपयोग होने के साथ पूरे परिसर को दिव्य और भव्य बनाया जाता है। कामदा एकादशी से शुरू होने वाले ये फूलबंगला हरियाली अमावस तक सजाए जाते हैं। इस बीच एक दिन अक्षय तृतीया के दिन फूलबंगला नहीं सजता। ऐसे में सीजन में 109 दिन में कुल 218 फूलबंगला की सेवा भक्तों द्वारा की जाती है।
पूरे सीजन के 218 फूलबंगला सजेंगे
इस साल 24 जुलाई तक फूलबंगला सजाए जाएंगे। तो पूरे सीजन के 218 फूलबंगला सजेंगे। अब फूलबंगला सेवा करने वाले भक्तों की लालसा अधूरी ही रह गई, भक्तों ने अगले साल के लिए अपनी सेवा की बुकिंग करवाना शुरू दी है।
हरियालीतीज पर स्वर्ण-रजत हिंडोले में दर्शन देंगे आराध्य
हरियाली अमावस को अंतिम दिन फूलबंगला में दर्शन देने के बाद ठाकुर बांकेबिहारीजी हरियाली तीज 27 जुलाई को बेशकमती स्वर्ण-रजत हिंडोले में विराजमान होकर भक्तों को दर्शन देंगे। ठाकुर बांकेबिहारी साल में एक ही दिन हरियालीतीज पर हिंडोले में बैठ भक्तों को दर्शन देते हैं। जबकि दूसरे मंदिरों में हिंडोला उत्सव पंद्रह दिन तक चलता है।
फूलबंगला में होता है इन फूलों का उपयोग
ठाकुर बांकेबिहारी मंदिर में सजने वाले फूलबंगला में अधिकांश फूल दिल्ली, बंगलूरू, हैदराबाद, कोलकाता से मंगाए जाते हैं। इनमें मोगरा, गेंदा, मोतिया, गुलाब, रायबेल, रजनीगंधा, जूही, चंपा, केतकी, कमल के फूल प्रमुख है। इन्हीं से मंदिर को आकर्षक रूप प्रदान किया जाता है।
ठाकुरजी को शीतलता देने को बनाते हैं फूलबंगला
ठाकुर बांकेबिहारी के प्राकट्यकर्ता स्वामी हरिदासजी अपने लाड़ले ठाकुरजी की भावरूप में सेवा करते थे। मौसम के अनुसार ही उनकी एक बालक के रूप स्वामी सेवा करते थे। गर्मी के मौसम में स्वामीजी के मन में भाव होता था कि ठाकुरजी को शीतलता दी जाए, तो वे वृक्षों की पत्तियों, केले के पत्ते और फूलों का डोला बनाकर उन्हें राहत देने की कोशिश करते थे। यही परंपरा बाद में चल कर फूलबंगला में परिवर्तित हो गई।
स्वामी हरिदास द्वारा डाली गई इस परंपरा का आज भी उनके वंशज गोस्वामी फूलबंगला सेवा के रूप में निभा रहे हैं। -श्रीनाथ गोस्वामी, सेवायत: ठाकुर बांकेबिहारी मंदिर।
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