Banke Bihari Mandir से भोग भंडारी हटाना पड़ा भारी, श्रद्धालुओं के हंगामे पर कुछ ही देर में बुलाने पड़े वापस
बांके बिहारी मंदिर से भोग भंडारी को हटाने का निर्णय श्रद्धालुओं के विरोध के बाद वापस लेना पड़ा। उच्चाधिकार प्रबंधन समिति के इस फैसले से भक्तों में नार ...और पढ़ें

Banke Bihari Mandir में श्रद्धालुओं से प्रसाद लेकर अर्पित करने के लिए देते भोग भंडारी।
संवाद सहयोगी, जागरण, वृंदावन (मथुरा)। ठाकुर बांकेबिहारी मंदिर में व्यवस्था बनाने के लिए सुप्रीम कोर्ट द्वारा गठित उच्चाधिकार प्रबंधन समिति ने सेवाधिकारी के साथ रहने वाले भोग भंडारी को जाने की अनुमति नहीं दी। भंडारी हटने से श्रद्धालुओं को ठाकुर जी को प्रसाद अर्पित करने में दिक्कत आई। इसे लेकर सेवायतों ने हंगामा किया।
इस पर सुबह 11 बजे के बाद फिर से भंडारी लगाने की अनुमति दे दी गई। उधर, सेवायतों के साथ पांच नंबर प्रवेश द्वार से जो वीआइपी को प्रवेश दिया जाता था, उसमें अब प्रतिबंध लगा दिया गया। एक सेवायत के साथ केवल पांच यजमान ही दिनभर में प्रवेश करेंगे।
ठाकुर बांकेबिहारी मंदिर में जगमोहन पर सेवाधिकारी होते है। उनके साथ जगमोहन (गर्भगृह के बाहर बना चबूतरा) पर सहयोगी के रूप में भंडारी रहते हैं। कुछ भंडारी जगमोहन के आगे बनाए गए वीआइपी कटहरे में रहते हैं। रेलिंग से जो श्रद्धालु प्रसाद देते हैं, उसे भंडारी ऊपर जगमोहन पर खड़े भंडारी को पहुंचा देते हैं।
प्रसाद अर्पित होने के बाद बचा हिस्सा श्रद्धालु को वापस कर दिया जाता है। प्रबंधन समिति के अध्यक्ष रिटायर्ड जस्टिस अशोक कुमार ने मंगलवार को मंदिर का निरीक्षण किया था। इसके बाद उन्होंने भोग भंडारी हटाने के निर्णय लिया। इसके पीछे तर्क था कि मंदिर में व्यवस्था बिगड़ती है।
बुधवार सुबह ही सेवायत के साथ भोग भंडारी के प्रवेश पर रोक लग गई। इस पर सेवायतों ने हंगामा कर दिया। सेवायत रजत गोस्वामी ने कहा ये मंदिर की मर्यादा के विरुद्ध व भक्तों की भावना को आहत करने वाला निर्णय है। सभी मंदिरों में भंडारी द्वारा श्रद्धालु का प्रसाद ठाकुरजी को अर्पित किया जाता है।
काफी देर तक श्रद्धालुओं का प्रसाद ही ठाकुर जी को अर्पित नहीं किया। यह बात समिति अध्यक्ष को पता चली। उन्होंने प्रसाद अर्पित न होने पर सुबह 11 बजे फिर से मौखिक आदेश देकर भोग भंडारी को साथ रखने की अनुमति दे दी।

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