Banke Bihari Mandir: छुट्टियों से पहले ही उमड़ने लगी भीड़, मंदिर में बिगड़े हालात; सोचकर ही बनाएं आने का प्लान
वृंदावन के बांके बिहारी मंदिर में भक्तों की भारी भीड़ उमड़ी, जिससे व्यवस्थाएं चरमरा गईं। श्रद्धालुओं को दर्शन करने में मुश्किलों का सामना करना पड़ा, ख ...और पढ़ें

बांकेबिहारी मंदिर में दर्शन को उमड़ी भीड़।
संवाद सहयोगी, जागरण, वृंदावन (मथुरा)। ठाकुर बांकेबिहारी मंदिर में शुक्रवार को भी भक्तों की भीड़ दर्शन के लिए उमड़ी। इससे भीड़ के दबाव में श्रद्धालु परेशान हो गए। अंदर से लेकर बाहर बाजार मार्ग में भी भीड़ का दबाव बना रहा। जबकि मंदिर के अंदर प्रांगण में माला-प्रसाद अर्पित करने के लिए श्रद्धालुओं के ठहराव से आपाधापी का माहौल बना रहा।
ऐसे में हजारों श्रद्धालुओं को आराध्य के सुलभ दर्शन नहीं हो सके। दोपहर को राजभोग आरती के बाद मंदिर के पट बंद हुए तो भीड़ के कारण हजारों श्रद्धालु दर्शन से वंचित रह गए। ऐसे श्रद्धालुओं ने शाम को दर्शन किए।
ठाकुर बांकेबिहारी मंदिर में शुक्रवार अमावस के दिन श्रद्धालुओं की संख्या में हुई वृद्धि से व्यवस्थाएं धराशायी हो गईं। विद्यापीठ व जुगलघाट के एंट्री प्वाइंट से श्रद्धालुओं की भीड़ मंदिर की ओर बढ़ रही थी। ऐसे में मंदिर प्रांगण में श्रद्धालुओं के ठहराव व आपाधापी के कारण पुलिस ने बैरियर पर श्रद्धालुओं काे रोकना शुरू कर दिया।
श्रद्धालुओं को बैरियर पर रोका गया तो पीछे से श्रद्धालुओं की संख्या में वृद्धि होने से भीड़ का दबाव बनने लगा। भीड़ के दबाव में बुजुर्ग, महिलाओं और बच्चों को कठिनाइयों का सामना करना पड़ा। भीड़ में फंसे बुजुर्ग श्रद्धालुओं ने कुछ देर आगे चलकर दुकानों के किनारे बैठकर मंदिर तक का रास्ता तय किया। इसके बाद ही मंदिर प्रांगण में पहुंच सके।
बाजार में भीड़ का दबाव झेलते हुए आगे बढ़ रहे श्रद्धालुओं को जब मंदिर में आपाधापी का माहौल मिला, तो ठाकुरजी की एक झलक पाकर बाहर का रास्ता देखने लगे। ऐसे में सैकड़ों श्रद्धालु ठाकुरजी की एक झलक भी नहीं पा सके और आपाधापी के कारण बाहर निकल गए। दोपहर में मंदिर के पट बंद हुए तो हजारों श्रद्धालु दर्शन न कर सके और आसपास ही डेरा डालकर बैठ गए।
शाम को मंदिर के पट खुलने पर ही आराध्य के दर्शन किए। मंदिर के अंदर उच्चाधिकार प्रबंधन समिति द्वारा प्रस्तावित रेलिंग में श्रद्धालुओं को दर्शन करवाने की योजना और माला-प्रसाद अर्पित करने की वैकल्पिक व्यवस्था से ही मंदिर में श्रद्धालुओं की भीड़ व आपाधापी के माहौल से छुटकारा मिल सकता है।
सर्दियों में स्कूलों की छुट्टी होने के चलते अब मंदिर में रोजाना भीड़ बढ़ेगी। वहीं बहुत से लोग नया साल ठाकुरजी की शरण में मनाने आते हैं। ऐसे में सोच समझ कर आने का प्लान बनाएं क्योंकि भीड़ में बच्चों और बुजुर्गों को ज्यादा दिक्कत होती है।

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