Banke Bihari Mandir के आसपास 5 एकड़ में एक नया कोरिडोर बनाया जाएगा जिस पर लगभग 900 करोड़ रुपये का खर्च आएगा। इसमें एक साथ 10000 श्रद्धालु रुक सकेंगे। जुगल घाट से मंदिर तक सीधा रास्ता बनेगा। कोरिडोर में दो तल होंगे और भक्तों के लिए सभी आधुनिक सुविधाएं उपलब्ध होंगी जिससे दर्शन और आसान हो जाएंगे।
जागरण संवाददाता, मथुरा। ठाकुर बांकेबिहारी मंदिर प्राकृतिक सौंदर्य से आच्छादित दिव्य व भव्य होगा। पांच एकड़ में बनने वाले इस गलियारा के मंदिर परिसर में एक बार में 10 हजार श्रद्धालु रुक सकेंगे। मंदिर के लिए भूमि अधिग्रहण पर करीब ढाई सौ करोड़ और निर्माण पर करीब साढ़े छह सौ करोड़ रुपये खर्च होंगे।
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परिक्रमा मार्ग स्थित जुगल घाट से गलियारा का मुख्य प्रवेश द्वार होगा। इसका स्वरूप ऐसा तैयार किया गया है कि उसके अंदर प्रवेश करते ही आराध्य की छवि बाहर से ही दिखाई देगी।
पूर्व में वर्ष 2022 में जब सरकार ने गलियारा का प्रस्ताव तैयार किया था, तब भूमि अधिग्रहण के लिए करीब 210 करोड़ रुपये और निर्माण के लिए 506 करोड़ रुपये था। लेकिन भूमि का सर्किल रेट बढ़ जाने के कारण अब भूमि की खरीद करीब 250 करोड़ और निर्माण लागत बढ़कर साढ़े छह सौ करोड़ हो जाएगी।
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बांकेबिहारी मंदिर आने के लिए गलियारे में तीन रास्ते बनाए जाएंगे। एक मुख्य रास्ता जुगलघाट से सीधा मंदिर तक पहुंचेगा। एक रास्ता विद्यापीठ चौराहे से आएगा और तीसरा रास्ता जादौन पार्किंग से आएगा, इसे वीआइपी मार्ग कहा जाता है। यह रास्ते करीब 20 से 25 मीटर तक चौड़े होंगे।
मंदिर परिसर में दो तल होंगे, एक निचला तल होगा और एक तल उससे साढ़े तीन मीटर ऊंचा बनाया जाएगा। ठाकुर बांकेबिहारी ऊपरी तल पर विराजमान होंगे। हर तल पर श्रद्धालुओं के लिए सुविधाएं भी विकसित की जाएंगी।
गलियारा और मंदिर परिसर को कृष्णकालीन वृक्षों से आच्छादित किया जाएगा। दो हिस्सों में होगा मंदिर का परिसर यहां की बनावट के हिसाब से ठाकुर बांकेबिहारी मंदिर के परिसर को दो हिस्सों में बांटा जा रहा है। निचले तल पर श्रद्धालुओं बैठने के लिए दो हरे-भरे दो पार्क विकसित किए जा रहे हैं।
ये परिसर करीब 11 हजार वर्गमीटर का होगा। यहां पांच हजार मीटर का खुला क्षेत्र होगा। यहां जूता घर, सामान कक्ष, सार्वजनिक सुविधाएं, शिशु देखभाल कक्ष, चिकित्सा सुविधा, विशिष्ट अतिथि कक्ष, ठोस अपशिष्ट प्रबंधन, पूजा सामग्री की दुकानें, तीर्थयात्री प्रतीक्षालय के साथ ही कान्हा की लीलाओं से सुसज्जित छायाचित्रों का गलियारा होगा।
10 हजार वर्गमीटर का होगा ऊपरी तल बांकेबिहारी मंदिर परिसर का ऊपरी तल करीब 10 हजार मीटर का होगा। ये निचले तल से साढ़े तीन मीटर ऊंचा होगा। सीढ़ियों के जरिए श्रद्धालु ऊपरी तल पर पहुंचेंगे। अगल-बगल सीढ़ियों और बीच में भव्य फव्वारा होगा।
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ऊपरी तल पर चढ़ते ही सामने ठाकुर बांकेबिहारी दिखाई देंगे। यहां करीब नौ सौ मीटर में मंदिर की परिक्रमा के लिए मार्ग विकसित किया जाएगा। करीब साढ़े छह हजार वर्गमीटर का खुला क्षेत्र विकसित होगा। जूता घर, सामान कक्ष, सार्वजनिक सुविधाएं, शिशु-देखभाल कक्ष, चिकित्सा सुविधाएं, विशिष्ट अतिथि कक्ष, करीब 1800 वर्गमीटर का तीर्थयात्री प्रतीक्षालय होगा।
यहां पर करीब आठ सौ वर्गमीटर का कान्हा की लीलाओं के चित्रों से सुसज्जित गलियारा होगा, इसी गलियारे पर श्रद्धालुओं की दर्शन के लिए कतार लगेगी।
गलियारे में होगी हर सुविधा
वृंदावन में ठाकुर बांकेबिहारी मंदिर में श्रद्धालुओं की सुविधा के लिए प्रस्तावित गलियारा दिव्य और भव्य तो होगा ही, उसमें श्रद्धालुओं के लिए सारी सुविधा भी होंगी। प्रवेश परिसर दो तल में होगा। एक तल से दूसरा तल साढ़े तीन मीटर ऊंचा होगा। यहां गलियारे में पूजा सामग्री की दुकानों से लेकर चिकित्सा सुविधा भी उपलब्ध होगी।
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