शव लाने के लिए एंबुलेंस चालक ने वसूले ₹17000, फैमिली ने बनाया ‘पॉलिटिकल प्रेशर’ तो ADM बोले- वापस होंगे रुपये
मथुरा में एक एंबुलेंस चालक ने शव को ले जाने के लिए ₹17000 वसूले. पीड़ित परिवार ने राजनीतिक दबाव बनाया, जिसके बाद एडीएम ने कार्रवाई करते हुए पैसे वापस ...और पढ़ें

पोस्टमार्टम गृह पर एंबुलेंस कराते वित्त मंत्री सुरेश खन्ना के पूर्व निजी सचिव के स्वजन। फोटो सौ. स्वजन द्वारा
जागरण संवाददाता, मथुरा। यमुना एक्सप्रेसवे पर मंगलवार सुबह हुए भीषण सड़क हादसे के बाद मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने घायलों को बेहतर उपचार उपलब्ध कराने और पीड़ितों को निश्शुल्क एंबुलेंस सुविधा देने के निर्देश दिए थे, लेकिन स्वजन यहां पर निश्शुल्क एंबुलेंस नहीं मिल सकी।
वित्त मंत्री सुरेश खन्ना के पूर्व निजी सचिव के स्वजन से एंबुलेंस चालक ने साढ़े 17 हजार रुपये वसूल लिए। स्वजन ने इसकी शिकायत की। एडीएम ने रुपये वापस दिलाने की बात कही है।
बलदेव थाना क्षेत्र के यमुना एक्सप्रेसवे पर मंगलवार सुबह चार बजे हुए भीषण सड़क हादसे में प्रयागराज जिले के थाना सराय ममरेज क्षेत्र के मोद्दीनपुर निवासी और यूपी के वित्त मंत्री सुरेश खन्ना के पूर्व निजी सचिव व भाजपा नेता अखिलेंद्र प्रताप यादव की भी मृत्यु हो गई।
दर्दनाक हादसे में कई मृत्यु के बाद मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने घायलों को बेहतर उपचार उपलब्ध कराने और पीड़ितों को निश्शुल्क एंबुलेंस सुविधा देने के निर्देश दिए थे। हादसे के बाद जब शव को पोस्टमार्टम लाया गया, तब से ही स्वजन परेशानियों से जूझते रहे।
पोस्टमार्टम की प्रक्रिया पूरी होने के बाद भी काफी देर तक शव ले जाने के लिए एंबुलेंस उपलब्ध नहीं कराई गई। स्वजन बार-बार संबंधित अधिकारियों और अस्पताल प्रशासन से गुहार लगाते रहे, लेकिन उन्हें केवल आश्वासन ही मिलता रहा। मुख्यमंत्री के निर्देशों के बावजूद निश्शुल्क एंबुलेंस सुविधा न मिलने से स्वजन की पीड़ा और बढ़ गई।
स्वजन अजय कुमार ने बताया कि काफी समय तक इंतजार कराने के बाद शाम साढ़े चार बजे एक निजी एंबुलेंस की व्यवस्था कराई, लेकिन यह व्यवस्था भी पूरी तरह मानवीय और सरकारी निर्देशों के अनुरूप नहीं रही। आरोप है कि एंबुलेंस चालक ने शव को प्रयागराज ले जाने के लिए साढ़े 17 हजार रुपये वसूल लिए।
चलने से पहले ही उसने पांच हजार रुपये ऑनलाइन खाते में डलवाए। किसी तरह रकम का इंतजाम कर भुगतान किया। स्वजन ने कहा कि कान्हा की नगरी में लूट नहीं, महालूट है। अधिकारियों ने अच्छा व्यवहार किया, लेकिन निचले स्तर के कर्मियों की मानवता खत्म हो चुकी है।
स्वजन ने बताया कि उन्होंने एंबुलेंस कर्मी से गुहार लगाई तो उसने कह दिया कि यह उसका रोज का काम है। स्वजन का आरोप है कि मोर्चरी में इस तरह से कई और स्वजन भी परेशान हुए।
इसको लेकर उन्होंने एडीएम से शिकायत भी की है। एडीएम वित्त डाॅ. पंकज कुमार ने बताया कि एंबुलेंस चालक द्वारा लिए गए साढ़े 17 हजार रुपये स्वजन को वापस कराए जाएंगे।

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