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    बैकफुट पर आचार्य धीरेंद्र शास्त्री, वो क्या बयान था जिसे लेकर ब्रजवासियों से मांगनी पड़ी माफी?

    Updated: Sat, 15 Feb 2025 08:37 PM (IST)

    बागेश्वर धाम के पीठाधीश्वर आचार्य धीरेंद्र शास्त्री ने संत प्रेमानंद की रात्रिकालीन पदयात्रा के विरोध पर दिए अपने बयान पर खेद जताया है। उन्होंने कहा कि उनके बयान का गलत अर्थ निकाला गया और वह ब्रजवासियों का अपमान नहीं करना चाहते थे। धीरेंद्र शास्त्री के इस बयान के बाद ब्राह्मण सेवा संघ और अन्य संगठनों ने अपना विरोध वापस ले लिया है।

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    आचार्य धीरेंद्र शास्त्री - जागरण ग्राफिक्स ।

    संवाद सहयोगी, वृंदावन। संत प्रेमानंद की रात्रिकालीन पदयात्रा स्थगित होने के बाद समर्थन-विरोध में इंटरनेट मीडिया पर चल रहे वार युद्ध पर शुक्रवार को आचार्य धीरेंद्र शास्त्री द्वारा क्षोभ जताए जाने के बाद विराम लग गया। उधर, संत प्रेमानंद की पदयात्रा का विरोध करने वाले एनआरआइ ग्रीन कालोनी के लोगों को किसी तरह की वस्तु बिक्री पर प्रतिबंध लगाने वाले दुकानदारों की कालोनीवासियों से वार्ता हुई। सहमति बनने पर संतुष्ट होकर दुकानदारों ने अपने पोस्टर हटा लिए।

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    संत प्रेमानंद की रात्रिकालीन पदयात्रा के रास्ते में पड़ने वाली एनआरआइ ग्रीन कालोनी के निवासियों ने चार फरवरी को पदयात्रा में बैंडबाजा, आतिशबाजी से होने वाले ध्वनि प्रदूषण का विरोध किया था। इस पर संत प्रेमानंद ने पदयात्रा ही स्थगित कर दी और अब वह श्रीराधा केलिकुंज कार से पहुंच रहे हैं।

    धीरेंद्र शास्त्री का बयान

    पदयात्रा स्थगित होने के बाद बागेश्वर पीठाधीश्वर धीरेंद्र शास्त्री ने इंटरनेट मीडिया पर बयान जारी कर विरोध करने वाली महिलाओं से कहा था देवियों संत के भजन में रोक लगाओगी, तुम इंसान नहीं हो सकतीं। पुराने समय में हवनकुंड से राक्षसों को दिक्कत होती थी। जो पदयात्रा का विरोध कर रहा है दानव है। जिनके पेट में दर्द है वह वृंदावन छोड़ दिल्ली में बस जाए।

    इसी बयान पर नगरवासियों में आक्रोश उत्पन्न हो गया और लगातार विरोध के स्वर मुखर हो रहे थे। इस पर शनिवार को बागेश्वर धाम के पीठाधीाश्वर धीरेंद्र शास्त्री ने वीडियो जारी कर कहा मीडिया से जानकारी मिली कि वृंदावन में बाहरी लोगों ने संत प्रेमानंद की यात्रा का विरोध किया है।

    इस बात से दुख हुआ। जिन्हें राधे-राधे कहने में दिक्कत है उन्हें बाहर चले जाना चाहिए। लेकिन, जानकारी मिली है कि ये बात ब्रजवासियों ने अपने ऊपर ले ली। जो मैंने नहीं कही और दूसरे तरीके से अपने भाव में रख लिया। ब्रजवासी मेरे प्राण हैं। हमारे विचार में ब्रजवासियों के प्रति कुभाव प्रकट नहीं हो सकता। ब्रजवासियों को हम हाथ जोड़कर, दंडवत कर प्रार्थना कर रहे हैं वे हमारी बात को अपने ऊपर न लें।

    ब्राह्मण सेवा संघ ने वापस लिया विरोध

    बयान पर आक्रोशित ब्राह्मण सेवा संघ व अन्य संगठनों के पदाधिकारियों ने आचाार्य धीरेंद्र शास्त्री द्वारा अपनी बात का खंडन कर वीडियो जारी करने के बाद अपना विरोध वापस ले लिया है। संघ के राष्ट्रीय अध्यक्ष आनंदवल्लभ गोस्वामी, संस्थापक चंद्रलाल शर्मा ने कहा हमारा धीरेंद्र शास्त्री से कोई वैचारिक विरोध नहीं था। ब्रजवासियों के लिए जो उन्होंने अपने बयान में दानव और दिल्ली बसने की सलाह दी थी। उसके लिए उन्होंने क्षमा मांग ली। यहीं हमने उनसे मांग की थी। अब किसी तरह का विरोध नहीं है।

    दुकानदारों ने हटाए पोस्टर, बोले किया गुमराह

    संत प्रेमानंद महाराज की रात्रिकालीन पदयात्रा में ध्वनि प्रदूषण का विरोध करने वाले एनआरआइ ग्रीन के लोगों को दुकानों पर किसी तरह की वस्तु न बेचने के कुछ दुकानदारों ने पोस्टर लगा दिए थे। इसका शहर में भारी विरोध हुआ और इंटरनेट मीडिया पर दुकानदार ट्रोल होने लगे।

    दुकानदारों से मुलाकात करने पहुंचे एनआरआई ग्रीन सोसाइटी के प्रतिनिधिमंडल ने उनके सामने अपनी बात रखी, कहा उन्हें पदयात्रा पर नहीं, बल्कि ध्वनि प्रदूषण पर आपत्ति थी। जल्द ही प्रतिनिधि मंडल संत प्रेमानंद से मुलाकात कर पुन: इसी रास्ते से शांतिपूर्ण तरीके से पदयात्रा निकालने की मांग करेगा। इसके बाद दुकानदारों ने पोस्टर हटा दिए। दुकानदार राहुल सैनी ने कहा सोसायटी के पदाधिकारियों से मिलने के बाद उन्होंने पोस्टर हटा दिए हैं और न ही अब किसी तरह का विरोध है।

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