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    ये कैसी व्यवस्था? आगरा-मथुरा नेशनल हाईवे-19 पर 19 ब्लैक स्पाट, स्पीड लिमिट व साइन बोर्ड कुछ भी नहीं

    Updated: Mon, 22 Dec 2025 07:19 AM (IST)

    मथुरा में आगरा-मथुरा नेशनल हाईवे-19 पर कागजों में 19 ब्लैक स्पॉट हैं, लेकिन वहां स्पीड लिमिट और साइन बोर्ड जैसे जरूरी सुरक्षा उपाय नहीं हैं। पिछले 11 ...और पढ़ें

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    जागरण संवाददाता मथुरा। आगरा-मथुरा नेशनल हाईवे-19 पर भी वाहनों से टोल की खूब वसूली हो रही है, लेकिन धरातल पर सुविधाएं धड़ाम हैं। हाईवे पर कागजों में 19 ब्लैक स्पाट घोषित हैं। लेकिन, यहां पर स्पीड लिमिट व साइन बोर्ड तक नहीं लगाए गए हैं। वहीं दुर्घटना से बचाव के भी कोई इंतजाम नहीं किए गए हैं। इसके कारण चालक भी ब्लैक स्पाट क्षेत्र से अंजान हैं। 11 महीने में 249 सड़क हादसों में 152 लोगों की मृत्यु हो चुकी हैं। पुलिस प्रशासन के साथ हाईवे अथारिटी भी आंख बंद किए है।

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    11 महीने में 249 सड़क हादसों में 152 लोगों की हो चुकी मृत्यु

    बलदेव थाना क्षेत्र के यमुना एक्सप्रेसवे पर 16 दिसंबर को सुबह चार बजे घने कोहरे के कारण 11 वाहनों के आपस में टकराने से आठ बसें और एक कार जलकर खाक हो गईं। इस दर्दनाक हादसे में 19 लोगों की मृत्यु हुई। इनमें से अभी मात्र चार मृतकों की ही पहचान हो सकी है, जबकि 15 लोगों के अवशेष मोर्चरी में रखे हुए हैं। हादसे के बाद अधिकारियों ने जांच की तो यमुना एक्सप्रेसवे में कई खामियां सामने आई हैं। अब तक जांच रिपोर्ट भी पूरी नहीं हो सकी है।

    ब्लैक स्पाट वाले स्थलों पर स्पीड लिमिट व साइन बोर्ड नहीं लगाए


    ऐसा ही हाल आगरा-मथुरा नेशनल हाईवे-19 का है। पुलिस और हाईवे अथारिटी ने पूर्व में यहां 19 ब्लैक स्पाट चिन्हित किए। नियमानुसार, ब्लैक स्पाट वाले स्थलों के पास में बड़े चेतावनी बोर्ड, रेडियम साइन, स्पीड लिमिट संकेतक, रिफ्लेक्टर और क्रैश बैरियर अनिवार्य हैं। लेकिन, मथुरा सीमा में एक भी ब्लैक स्पाट ऐसा नहीं, जहां ये सभी इंतजाम मौजूद हों। ऐसे में वाहन चालकों को पता ही नहीं चलता कि वे किसी खतरनाक क्षेत्र में प्रवेश कर चुके हैं। इस वर्ष 11 महीने में 249 सड़क हादसों में 152 लोगों की मृत्यु हो चुकी है। यमुना एक्सप्रेसवे में दर्दनाक हादसे के बाद अधिकारी गंभीर जरूर हैं, लेकिन सुविधाओं के नाम पर ब्लैक स्पाट वाले स्थानों पर सिर्फ कागजों में सुविधाएं दी जा रही हैं।


    हाईवे पर एक किमी का होता है ब्लैक स्पाट

    तीन वर्षों में एक स्थान पर 10 हादसों में पांच या इससे अधिक मृत्यु होने पर पुलिस और हाईवे अथारिटी की तरफ से उस स्थान को ब्लैक स्पाट घोषित किया जाता है। हाईवे पर ब्लैक स्पाट एक किमी, यमुना एक्सप्रेसवे पर 500 मीटर, स्टेट हाईवे पर दो किमी और अंतर स्टेट मार्ग पर सात किमी का होता है।



    आगरा-दिल्ली हाईवे के ब्लैक स्पाट

    थाना-स्थान-शुरू-खत्म (किमी)
    रिफाइनरी-गांव बाद-155.2-153.72
    रिफाइनरी-गांव बरारी-161.2-160.1
    फरह-देवी मंदिर-168.8-167.8
    फरह-ग्वालियर हाईवे बाइपास-145.3-144
    फरह-महुअन टोल प्लाजा-135.5-136
    फरह-इंडियन पेट्रोल पंप-168.18-188.9
    हाईवे-नरहौली चौराहा भरतपुर कट-148.5-147.43
    हाईवे-जयगुरुदेव मंदिर-145.86-145.4
    हाईवे-अलवर पुल-141.58-140.55
    जैंत-संस्कृति कट-132-131.95
    जैंत-जीएलए यूनिवर्सिटी-128.4-129.8
    जैंत-अल्हैपुर कट-135.75-135.78
    छटीकरा-135.2-134.4
    छाता-कस्बा चौकी छाता-113.59-113.64
    छाता-गोहारी कट-108.8-108.88
    छाता-दोताना कट-107.52-106.19
    छाता-अकबरपुर कट-92.5-93
    कोसीकलां-अजीतपुर कट-105.43-106.19
    कोसीकलां-अनाज मंडी-101.72-102.48

    आगरा-दिल्ली नेशनल हाईवे-19

    वर्ष-हादसे-मृतकों की संख्या
    2023-311-189
    2024-270-169
    2025-249-152
    (वर्ष 2025 के आंकड़े जनवरी से 30 नवंबर तक हैं)


    ब्लैक स्पाट स्थानों पर संकेतक लगे हुए हैं। इस संबंध में कुछ दिन पूर्व जिलाधिकारी के साथ भी वार्ता हुई है। जिन स्थानों पर नहीं लगे हैं, वहां पर लगवा दिए जाएंगे, ताकि लोगों को जानकारी हो सके और वह सुरक्षित होकर वाहन चलाएं। -मन्नान खान, परियोजना निदेशक, एनएचएआइ