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    पढ़ने-लिखने वाले, वोट खूब डाले

    By Edited By:
    Updated: Tue, 28 Feb 2012 08:55 PM (IST)

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    मथुरा, स्टाफ रिपोर्टर: अल्पसंख्यक, अनुसूचितों व पिछड़ा वर्ग वोटर बहुल पोलिंग स्टेशनों पर वोट डालने के लिये सुबह से लंबी कतारें लगीं, वही अन्य पोलिंग स्टेशनों पर वोट डालने की रफ्तार दोपहर में बढ़ी। खास बात यह रही कि इस बार पढ़े-लिखे लोगों ने भी जमकर वोट डाले।

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    प्रात: करीब सवा दस बजे। वैश्य और क्षत्रिय बहुल डैंपियर नगर कॉलोनी का लाल स्कूल पोलिंग स्टेशन। इस समय तक यहां 14.50 फीसदी मतदान हुआ था। लंबी कतार के बजाय इक्का-दुक्का वोटर वोट डालने आ रहे थे। पोलिंग स्टेशन के बाहर प्रत्याशियों के समर्थकों की भारी भीड़ थी।

    अपरान्ह 11 बजे। केआर डिग्री कॉलेज और केआर डिग्री कॉलेज पोलिंग स्टेशन। यहां भरतपुर गेट वाल्मीकि बस्ती, सुदामापुरी, नई बस्ती व इसके आसपास के इलाकों में रहने वाले वोटर वोट डालने आ रहे थे। ये इलाके मुस्लिम, अनुसू. जाति तथा पिछड़ा वर्ग बहुल हैं। वोटरों की लंबी कतारें लगी थीं। इस समय तक करीब साढे़ सोलह फीसदी मतदान हो गया था।

    समय करीब सवा ग्यारह बजे। इस्लामियां इंटर कॉलेज पर अल्पसंख्यक वोटरों की लंबी-लंबी कई कतारें लगी थीं। इस समय तक यहां करीब साढ़े 22 फीसदी वोटरों ने मताधिकार का इस्तेमाल कर लिया था।

    दोपहर एक बजे महाराजा अग्रसेन इंटर कॉलेज में वैश्य वोटरों की लाइन लगी थी। इस समय तक यहां पोलिंग बूथ नंबर 188 पर 1350 में से 476 वोट, पोलिंग बूथ नंबर 189 पर 951 में से 304 वोट पड़ चुके थे। दोपहर करीब सवा एक बजे बीएसए डिग्री कॉलेज पोलिंग स्टेशन पर करीब 48 फीसदी मतदान हो सका था। यहां भी वोटरों की कतार थी।

    लब्बोलुआब यह कि मतदान करने के मामले में इस बार शिक्षित मतदाता भी खास पीछे नहीं रहे। धीमे ही सही, घरों पर सोने के बजाय उनके कदम मतदान केंद्रों की ओर उठे चले आ रहे थे।

    अल्पसंख्यक और पिछड़ा वर्ग बहुं बस्तियों में वोटर डालने के लिये जहां सुबह से लंबी कतारें लग गई, वही अन्य पोलिंग स्टेशनों पर वोट डालने की रफ्तार दोपहर में बढ़ी।

    बवाल होते-होते बचा

    दो राजनीतिक दलों के प्रत्याशियों के समर्थकों के बीच दोपहर करीब पौने बारह बजे डीग गेट पर बवाल होते-होते बचा। दोनों पक्ष अल्पसंख्यक समुदाय के थे। वे अपने समर्थित प्रत्याशियों के पक्ष में नारेबाजी कर वोटरों से बात कर रहे थे। पुलिस आने से पहले ही समझदार लोगों ने मामले को रफा-दफा कराया।

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