नास्तिक सम्मेलन से पहले ही गरमाया वृंदावन
जागरण संवाददाता, मथुरा (वृंदावन): धर्म नगरी में पहली बार होने जा रहे नास्तिक सम्मेलन की घोषणा से बख ...और पढ़ें

जागरण संवाददाता, मथुरा (वृंदावन): धर्म नगरी में पहली बार होने जा रहे नास्तिक सम्मेलन की घोषणा से बखेड़ा खड़ा हो गया। आयोजकों ने शुक्रवार से होने वाले दो दिवसीय सम्मेलन की जानकारी दी। इसके बाद खबर फैली तो संत-महंत मैदान में आ गए। डीएम-एसएसपी से मुलाकात कर इस पर रोक लगाने की मांग की। चेतावनी दी कि यदि नास्तिक सम्मेलन हुआ, तो अंजाम बुरा होगा।
शुक्रवार से परिक्रमा मार्ग स्थित आश्रम में (अम्माजी रेस्टोरेंट के पास) दो दिवसीय नास्तिक सम्मेलन कराने जा रहे बिंदु सेवा संस्थान के संचालक स्वामी बालेंदु ने गुरुवार को पत्रकार वार्ता बुलाई। उन्होंने कहा कि सभी धर्मो के ग्रंथ काल्पनिक और उपन्यास जैसी मनोरंजक किताबों की तरह हैं। ईश्वर के प्रति आस्था का जन्म लालच और भय से हुआ है। हर धर्म से जुड़े साधु-संत और मठाधीश धर्म के नाम पर श्रद्धालुओं का शोषण करते हैं। गरीब और गरीब होता जा रहा है, जबकि साधु-संत और महंत मालामाल होते जा रहे हैं।
स्वामी बालेंदु ने कहा कि उनकी लड़ाई किसी धर्म या ईश्वर से नहीं बल्कि गरीबी से है। उन्होंने बताया कि ईमानदार होने की सनक ने उनको नास्तिक बना दिया। शुक्रवार से दो दिवसीय नास्तिक सम्मेलन होगा, जिसमें पूरे देश से एक हजार लोग शामिल होंगे।
आयोजन स्थल पर पहुंचे संत, आयोजकों को ललकारा
नास्तिक सम्मेलन की जानकारी पर महंत फूल डोल बिहारी दास महाराज और महामंडलेश्वर नवल गिरि महाराज और कुछ श्रद्धालुओं ने स्वामी बालेंदु के प्रतिष्ठान पर पहुंचकर उनको सामने आने के लिए ललकारा, लेकिन कोई आयोजक बाहर नहीं आया। कुछ देर ललकारने के बाद संत लौट आए। इन दोनों संतों ने डीएम-एसएसपी और सीओ सदर से मोबाइल पर बात कर सम्मेलन की अनुमति नहीं देने का आग्रह किया है। अफसरों की तरफ से उनको सकारात्मक आश्वासन मिला है।
सम्मेलन हुआ तो पुलिस प्रशासन जिम्मेवार
अखिल भारत वर्षीय ब्राह्मण महासभा के वरिष्ठ पदाधिकारी बिहारी लाल वशिष्ठ और अतुल कृष्ण गोस्वामी ने कहा है कि सम्मेलन होने पर बवाल होने की आशंका से इन्कार नहीं किया जा सकता। ऐसा हुआ तो पुलिस-प्रशासन के अफसर जिम्मेदार होंगे। समाजसेवी रमेश पुजारी शुक्रवार को सम्मेलन आयोजकों का पुतला फूंकेंगे।
-संतों ने कहा
आयोजकों में नास्तिक सम्मेलन कराने की हिम्मत कैसे हुई? ईश्वर और सभी धर्मों के खिलाफ अपशब्द कहना आयोजकों के दिवालियापन होने का सबूत है। सम्मेलन हुआ तो संत-महंत ईंट का जवाब पत्थर से देंगे।
महंत फूल डोल बिहारी दास
सम्मेलन कराने का निर्णय सभी धर्म के लोगों को आपस में लड़ाने की साजिश है। ऐसा लगता है कि इस नगर के कुछ लोगों को आइएसआइ से पैसा मिल रहा है। इस कारण ऐसे लोग समाज में आपसी रिश्तों को बिगाड़ना चाह रहे हैं। सम्मेलन आयोजकों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई होनी चाहिए।
नवल गिरि महाराज।
डीएम का कहना..
डीएम नितिन बंसल का कहना है कि नास्तिक सम्मेलन को लेकर कोई अनुमति नहीं ली है। यदि जनभावनाओं को आहत करने वाला या कानून के विपरीत कोई काम किया जाता है, तो निश्चित रूप से कार्रवाई की जाएगी।

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