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    यहां श्री कृष्ण ने किया था कालिया मर्दन

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    Updated: Tue, 10 May 2016 12:13 AM (IST)

    वृंदावन (मथुरा) : वृंदावन में यमुना के किनारे कालीदह घाट है। इसी जगह पर यमुना को विषैला करने वाले का ...और पढ़ें

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    वृंदावन (मथुरा) : वृंदावन में यमुना के किनारे कालीदह घाट है। इसी जगह पर यमुना को विषैला करने वाले कालिया नाग का मर्दन भगवान श्रीकृष्ण ने किया था। पुराणों में उल्लेख है कि यह नाग कद्रू का पुत्र और पन्नग जाति का नागराज था। वह पहले रमणद्वीप में निवास करता था, ¨कतु पक्षीराज गरुड़ से शत्रुता हो जाने के कारण वह यमुना नदी में आकर रहने लगा था। यमुनाजी का यह स्थान गरुड़ के लिए अगम्य था। मतलब यहां गरुण का पहुंचना वर्जित था। उल्लेख है कि इसी स्थान पर एक बार क्षुधातुर गरुड़ ने तपस्वी सौभरि के मना करने पर भी अपने अभीष्ट मत्स्य को बलपूर्वक पकड़कर खा लिया था, इसीलिए महर्षि सौभरि ने गरुड़ को श्राप दिया था। कि यदि गरुड़ फिर कभी इस कुण्ड में घुसकर मछलियों को खाएंगे तो उसी क्षण प्राणों से हाथ धो बैठेंगे। कालिया नाग यह बात जानता था, इसीलिए वह यमुना के उक्त कुण्ड में रहने आ गया था। कालीया नाग के विष से यमुना का जल जहरीला हो गया। उसे पीकर गाय और गोप मरने लगे। एक बार जब खेलते समय गेंद यमुना में गिर गई तो श्रीकृष्ण उसे निकालने के लिए यमुना में कूदे और कालिया नाग को परास्त करने के बाद उसके फन पर नृत्य करने लगे। उन्होंने गरुड़ से निर्भयता का वरदान देकर कालीया को दोबारा रमणद्वीप भेज दिया। यमुना का यह स्थान आज भी कालीदह कहलाता है। हजारों श्रद्धालु प्रतिदिन इस प्राचीन और पवित्र भूमि पर पहुंचकर पुण्यलाभ कमा रहे हैं।

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