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    पोतरा कुंड: देवकी ने यहीं धोए थे कान्हा के कपड़े

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    Updated: Tue, 12 Jan 2016 12:30 AM (IST)

    जागरण संवाददाता, मथुरा: श्रीकृष्ण जन्मस्थान के निकट स्थित पोतराकुंड है। इसकी स्थापत्य कला इसकी खूबसू ...और पढ़ें

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    जागरण संवाददाता, मथुरा: श्रीकृष्ण जन्मस्थान के निकट स्थित पोतराकुंड है। इसकी स्थापत्य कला इसकी खूबसूरती के साथ ही पौराणिक महत्व की गवाही दे रही है। मान्यता है कि भगवान श्रीकृष्ण का जन्म होने के बाद उनकी मां देवकी ने अपने लाला के वस्त्र-उपवस्त्र इसी कुंड में धोए थे। इसलिए इस विशाल कुंड को पवित्र माना जाता है। कहा जाता है कि इस कुंड में पानी अंदरूनी स्त्रोतों से भरा जाता रहा है। इसके लिए कुंड में जगह-जगह स्त्रोत बनाए गए हैं। इस कुंड की गहराई का किसी को अंदाजा नहीं है। कुंड में प्रवेश करने के लिए खूबसूरत दरवाजा है। इसमें बड़ी-बड़ी सीढि़यां हैं। कुंड के चारों ओर बैठने के लिए दरवाजे वाली कोठरियां भी बनी हैं। किसी समय यात्री व पर्यटक इनमें बैठकर शाम के नजारे लेते थे। श्रीकृष्ण जन्मस्थान पर दर्शन करने आने वाले श्रद्धालु इस कुंड के भी दर्शन करते हैं। श्रद्धालुओं का मन तो बहुत करता है कि कुंड के पवित्र जल का आचमन करें, मगर प्रदूषित जल होने की वजह से मन को मार लेते हैं। विशाल कुंड में पानी बरसों पहले भरा गया था। मगर पूरा कुंड हरी काई से पटा हुआ है। यमुना कार्ययोजना लागू होने के दौरान इस कुंड का जीर्णोद्धार कराया गया। इसके साथ ही उसकी बेरीके¨डग भी करा दी गयी। इसकी वजह से जन्मस्थान के लिए पीछे से जाने वाले मार्ग पर स्थित कुंड को सड़क से ही यात्री निहार लेते हैं।

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    श्रीकृष्ण जन्मस्थान सेवा संस्थान के सदस्य गोपेश्वर नाथ चतुर्वेदी कहते हैं कि हेरिटेज सिटी योजना में इस स्थल को सौंदर्यीकरण के लिए लिया जा चुका है। संबंधित फर्म विस्तृत परियोजना रिपोर्ट बना रही है। कुंड के संरक्षण के लिए बेरीके¨डग कर देने से इसका उपयोग नहीं हो पा रहा है, जबकि शासन यहां व्यवस्थाएं करे तो यह पर्यटन का प्रमुख स्थल हो सकता है।