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    मोदी जैसे पुत्र से यमुना को थी बड़ी उम्मीद

    By Edited By:
    Updated: Mon, 25 May 2015 11:40 PM (IST)

    जागरण संवाददाता, दीनदयाल धाम, मथुरा: यमुना को मां बताकर नमन करने वाले प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से य

    जागरण संवाददाता, दीनदयाल धाम, मथुरा: यमुना को मां बताकर नमन करने वाले प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से यमुना के भक्तों को बड़ी उम्मीदें थीं। दीनदयाल धाम से यमुना शुद्धीकरण अभियान के एलान किए जाने की बाट जोह रहे लोगों को निराशा हाथ लगी। मोदी ने लगभग पौन घंटे के भाषण में सिर्फ एक बार यमुना का नाम लिया। हालांकि यमुना भक्तों की मोदी से उम्मीदें अब भी बरकरार हैं।

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    यमुना मुक्तिकरण को लेकर मथुरा में लंबे समय से आंदोलन चल रहे हैं। भारतीय किसान यूनियन ने चेतावनी दी थी कि यदि 23 मई की प्रस्तावित कोर ग्रुप की बैठक में यमुना पर कोई फैसला नहीं हुआ, तो भाकियू कार्यकर्ता प्रधानमंत्री की सभा में पहुंचकर हंगामा करेंगे। कुछ दिन पहले साध्वी ऋतंभरा के नेतृत्व में मिले पदाधिकारियों को गृहमंत्री राजनाथ ¨सह ने आश्वस्त किया था कि नोटीफिकेशन के अलावा नाले बनाए जाने आदि की अधिकांश औपचारिकताएं पूरी हो गई हैं। 23 मई को कोर ग्रुप की बैठक बुलाई गई है। इसमें फैसला हो जाएगा कि कब से यमुना शुद्धीकरण योजना शुरू की जानी है। उन्होंने यह भी संकेत दिए थे कि हो सकता है प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी दीनदयाल धाम की रैली में मंच से ही इसका एलान कर दें।

    इस आश्वासन से यमुना भक्तों को बहुत उम्मीद हो गई थी। समझा जा रहा था कि मेहनत का फल मिलने ही वाला है, लेकिन प्रधानमंत्री ने अपने संबोधन में यमुना के मुद्दे को छुआ तो सही, पर यह कहकर ही आश्वस्त किया कि हम काम करने आए हैं और प्रदूषण दूर करने का काम अवश्य करेंगे। आपका आशीर्वाद और सहयोग चाहिए। इससे यमुना मुक्तिकरण अभियान और यमुना रक्षक दल कार्यकर्ताओं में निराशा छा गई।

    दरअसल, मार्च में दोनों संगठनों ने आंदोलन करते हुए दिल्ली कूच किया था। यमुना मुक्तिकरण कार्यकर्ताओं ने तो जंतर मंतर पर धरना दिया था, जिसमें केंद्रीय मंत्री रविशंकर प्रसाद ने पूरी कार्ययोजना समझाते हुए नदियों में जल उपलब्धता बनाए रखने के लिए गजट प्रकाशित कराने और यमुना के समानांतर नाले समेत हथिनी कुंड से यमुना जल छोड़े जाने का आश्वासन दिया था। इसके लिए दो माह का समय मांगा था। दो माह की अवधि इसी महीने पूरी हो गई है।

    होगा जनजागरण, 27- 28 को पीएम के साथ बैठक

    यमुना रक्षक दल के राष्ट्रीय अध्यक्ष संत जयकृष्णदास ने कहा कि प्रधानमंत्री ने ब्रजवासियों को निराश किया। उम्मीद थी कि गंगा की तरह यमुना के लिए योजना की घोषणा करेंगे, लेकिन प्रधानमंत्री ने कुछ भी यमुना के लिए नहीं बोला। सरकार में इच्छा शक्ति नजर नहीं आ रही है। अब फिर से जनजागरण किया जाएगा। सरकार से कुछ करने की उम्मीद नहीं दिख रही है। यमुना मुक्तिकरण अभियान के सह संयोजक सुनील ¨सह ने कहा कि प्रधानमंत्री ने सभा में यह तो कहा कि गंगा और यमुना मां हैं, लेकिन यमुना के लिए क्या योजना है, इस पर कुछ भी साफ नहीं बोले। अब प्रधानमंत्री से 27 और 28 मई में होने वाली बैठक में फिर से चर्चा की जाएगी।