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    भगवान के भेजे दूत थे संत मलूकदास

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    Updated: Mon, 06 Apr 2015 11:52 PM (IST)

    जागरण संवाददाता, मथुरा (वृंदावन): ब्रज के प्रसिद्ध संत मलूकदास महाराज की जयंती पर आयोजित धार्मिक महो

    जागरण संवाददाता, मथुरा (वृंदावन): ब्रज के प्रसिद्ध संत मलूकदास महाराज की जयंती पर आयोजित धार्मिक महोत्सव में संत-महंतों ने महाराजश्री के जीवन चरित्र पर प्रकाश डाला। कहा, संत मलूकदास भगवान के भेजे दूत थे।

    वंशीवट स्थित मलूकपीठ में सोमवार को आयोजित संगोष्ठी में उमा पीठाधीश्वर रामदेवानंद ने अपनी वाणी में कहा कि मलूकदास जी महाराज ने हम सबको भगवान में विश्वास रखने को प्रेरित किया। उन जैसे संत जीव को भजन में लगाने के लिए भगवान के द्वारा पृथ्वी पर अवतार लेते हैं। महामंडलेश्वर स्वामी गुरुशरणानंद ने 'स्वामी मलूकदास का व्यक्तित्व और उनकी वाणी साहित्य' पुस्तक का विमोचन किया। इस अवसर पर उन्होंने कहा कि ब्रज संस्कृति के उत्थान के साथ संत मलूकदास ने गोसेवा में अहम भूमिका निभाई। गो उन्हें अत्यंत प्रिय रहीं। भगवान श्रीकृष्ण की क्रीड़ास्थली में संत मलूकदास ने सारा जीवन उनकी आराधना और सनातन धर्म के प्रचार-प्रचार में बिता दिया। स्वामी जगदानंद ने कहा कि संसार में हर तरह के इंसान होते हैं। भक्त समाज पर जब-जब संकट आता है, भगवान उस संकट से उबारने के लिए मलूकदास एवं राजेंद्र दास जैसे संतों को पृथ्वी पर भेजते हैं। जिनकी वाणी सुनकर लाखों भक्तों का कल्याण होता है।

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    राजाराम मिश्र, बिहारीलाल वशिष्ठ, संत राजाबाबा, किशोरीरमणाचार्य, रसिया बाबा, आचार्य बद्रीश, रामगोपाल, रामजी दास महाराज, महंत अनिरुद्धाचार्य, मदनमोहन दास, बसंत शास्त्री, अभिराम दास, स्वामी हरिबोल बाबा समेत अनेक लोग मौजूद रहे। महंत राजेंद्रदास महाराज ने धन्यवाद ज्ञापन किया।