पंचायत चुनाव में आरओ और एआरओ की खास भूमिका
पंचायत चुनाव को लेकर ग्राम विकास संस्थान के सभागार में प्रशिक्षण दिया गया। डीएम ने रिटर्निंग अधिकारी और सहायक रिटर्निंग अधिकारियों को निर्देश दिए।
जासं, मैनपुरी: बुधवार को पंचायत चुनाव को लेकर क्षेत्रीय ग्राम विकास संस्थान के सभागार में रिटर्निंग अधिकारियों और सहायक रिटर्निंग अधिकारियों को प्रशिक्षण दिया जा रहा है। प्रशिक्षण सत्र के दौरान जिला निर्वाचन अधिकारी महेंद्र बहादुर सिंह ने संबोधित करते हुए कहा कि पंचायत चुनाव को शांतिपूर्ण, निष्पक्ष ढंग से कराने में सबसे अहम भूमिका आप सबको निभानी है।
उन्होंने कहा कि आरओ और एआरओ को अपने दायित्वों, निर्वाचन प्रक्रिया की जितनी अधिक जानकारी होगी। नामाकंन से लेकर मतदान, मतगणना प्रक्रिया उतनी ही आसानी से संपन्न होगी। इसलिए आप सब प्रशिक्षण लें, उपलब्ध कराई गई आरओ हैंडबुक को अच्छी तरह पढ़ें। कहीं कोई संशय हो तो उसे अभी से दूर कर लें। नाम निर्देशन पत्र दाखिल होने से लेकर नामांकन पत्रों की जांच, मतदान, मतगणना आदि प्रक्रिया को ईआरओ पोर्टल पर समय से अपलोड किया जाना है, इसमें किसी भी स्तर पर विलंब न किया जाए, सभी विकास खंडों पर कंप्यूटर, इंटरनेट और स्टाफ की समुचित व्यवस्था रहे। आचार्य टीईपी सेंटर धीरेन्द्र यादव ने आरओ और एआरओ को उनके दायित्वों, निर्वाचन प्रक्रिया के बारे में जानकारी देते हुए बताया कि सदस्य ग्राम पंचायत, प्रधान ग्राम पंचायत, सदस्य क्षेत्र पंचायत, सदस्य जिला पंचायत का निर्वाचन लड़ने वाले प्रत्याशी, उम्मीदवार चार नाम निर्देशन पत्र प्रस्तुत कर सकते है, उसके लिए प्रत्याशी, उम्मीदवार को एक बार ही निर्धारित जमानत राशि जमा करनी होगी, लेकिन चार नाम निर्देशन पत्र जमा करने पर उसे नाम निर्देशन पत्र का निर्धारित मूल्य चार बार जमा करना होगा। इस अवसर पर एडीएम बी.राम, तैनात आरओ, एआरओ आदि उपस्थित रहे। प्रत्याशियों के यह खास
ग्राम पंचायत सदस्य उसी वार्ड का मतदाता हो, जिस वार्ड से उम्मीदवार अपना नामांकन पत्र दाखिल कर रहा है। ग्राम प्रधान उसी ग्राम पंचायत का मतदाता हो, जिस ग्राम पंचायत से उम्मीदवार अपना नामांकन पत्र दाखिल कर रहा है, सदस्य क्षेत्र पंचायत, क्षेत्र पंचायत के उसी वार्ड का मतदाता हो, जिस वार्ड से अपना नामांकन पत्र दाखिल कर रहा है। सदस्य जिला पंचायत, जिला पंचायत के उसी वार्ड का मतदाता हो, जिस वार्ड से अपना नामांकन पत्र दाखिल कर रहा हो। प्रत्याशी का प्रस्तावक उसी निर्वाचन क्षेत्र का मतदाता होना चाहिए, जिस क्षेत्र से वह निर्वाचन लड़ रहा है। उन्होंने बताया कि सभी उम्मीदवारों को नोटरी अवश्य लगानी होगी, नोटरी की धनराशि निर्धारित नहीं हैं। नामाकंन पत्र में लगाए गए शपथ पत्रों में अंकित विवरणों, आपराधिक इतिहास, चल- अचल संपत्ति का ब्योरा, दायित्व और शैक्षिक योग्यता का विवरण पूर्ण भरा जाए।
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