शिव के आंगन में सरस्वती की साधना
मैनपुरी ब्लाक का गांव देवीपुर। शिव मंदिर के आहते में पांच साल से सरस्वती की साधना चल रही है। अनुभवी शिक्षक कक्षा आठ तक के गरीब बच्चों को दो घंटे तक निशुल्क शिक्षा देकर उनकी बेहतरी की राह खोल रहे हैं। यही नहीं आर्थिक तौर पर कमजोर बच्चों को पाठ्य सामग्री भी उपलब्ध कराई जाती है। मकसद एक ही है कि कोई भी पैसे की तंगी से पीछे न छूट जाए।

श्रवण शर्मा, मैनपुरी:
मैनपुरी ब्लाक का गांव देवीपुर। शिव मंदिर के आहते में पांच साल से सरस्वती की साधना चल रही है। अनुभवी शिक्षक कक्षा आठ तक के गरीब बच्चों को दो घंटे तक निशुल्क शिक्षा देकर उनकी बेहतरी की राह खोल रहे हैं। यही नहीं, आर्थिक तौर पर कमजोर बच्चों को पाठ्य सामग्री भी उपलब्ध कराई जाती है। मकसद एक ही है कि कोई भी पैसे की तंगी से पीछे न छूट जाए।
सुल्तानगंज ब्लाक के देवीपुर निवासी प्रवेश कुमार यादव गांव के प्रधान हैं। शहर में टाइल्स और मार्बल पत्थर का उनका कारोबार है। कारोबार के सिलसिले में अक्सर बाहर जाना होता है। पांच साल पहले वह गाजियाबाद गए तो पीसीएस अधिकारी गंभीर सिंह यादव और उनकी पत्नी अंजली को नया विकास- नई ऊर्जा फाउंडेशन आफ इंडिया के माध्यम से समाज के कमजोर बच्चों को शिक्षित बनाने का काम करते देखा। उत्सुकता हुई तो वह भी फाउंडेशन से जुड़ गए। गांव के कुछ सेवानिवृत्त अध्यापकों और सहयोगियों से बात की तो सभी सहयोग को तैयार हो गए। हर दिन दोपहर दो से चार बजे तक एक से आठ तक कक्षा चलती हैं।
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शिव मंदिर से शुरुआत
प्रवेश कुमार बताते हैं शिव मंदिर परिसर में चंद बच्चों को लेकर शुरू हुआ यह काम आज 150 बच्चों तक जा पहुंचा है। बच्चों को किताब- कापी, रबर-पैन, पैंसिल आदि सामग्री भी वह उपलब्ध कराते हैं।
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इनका योगदान सराहनीय
गांव के चार सेवानिवृत शिक्षक महेश्वर दयाल, रक्षपाल सिंह, सुशीला देवी और देशराज सिंह मंदिर की इस पाठशाला के बच्चों को शिक्षित बनाने के काम में जुटे हैं।
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गांव के कमजोर बच्चों को योगदान देकर मन खुश होता है। इस काम को आसपास के गांवों में समाज के जागरूक नागरिकों की मदद से शुरू करवाएंगे।
- प्रवेश कुमार यादव।
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