मैनपुरी में पत्नी को आत्महत्या के लिए उकसाने के दोषी पति को सात साल की सजा, न्यायाधीश ने 50 हजार का लगाया जुर्माना
मैनपुरी की एक अदालत ने पत्नी को आत्महत्या के लिए उकसाने के दोषी पति को सात साल की कैद की सजा सुनाई है। न्यायाधीश ने उस पर 50,000 रुपये का जुर्माना भी लगाया। यह फैसला मैनपुरी जिले से संबंधित है, जहाँ एक महिला को आत्महत्या के लिए मजबूर किया गया था। अदालत ने इस मामले में न्याय प्रदान किया है।

जागरण संवाददाता, मैनपुरी। बेवर थाना क्षेत्र में तीन साल पहले मायके रह रही पत्नी को आत्महत्या के उकसाने के दोषी पति को न्यायालय द्वारा सात साल की सजा सुनाई गई है। सजा सुनाते हुए एडीजे प्रथम आच्छेलाल सरोज ने दोषी पर 50 हजार रुपये का जुर्माना भी लगाया है। सजा सुनाए जाने के बाद दोषी को पुलिस अभिरक्षा में लेकर जेल भेज दिया गया है।
कस्बा कुरावली के मुहल्ला फर्दखाना निवासी अंकित वर्मा की शादी 27 फरवरी 2020 को कस्बा बेवर के इटावा रोड निवासी नेहा के साथ हुई थी। शादी के बाद ससुरालियों के उत्पीड़न से तंग आकर नेहा अपनी डेढ़ वर्षीय पुत्री के साथ वर्ष 2022 में मायके आ गईं। 13 अप्रैल 2022 को उन्होंने फंदा लगाकर आत्महत्या कर ली थी। मृत्यु से पहले उन्होंने सुसाइड नोट भी लिखा था।
मृतका के भाई रजत वर्मा ने पति अंकित वर्मा, ससुर सतेंद्र, सास राधा के खिलाफ दहेज हत्या की प्राथमिकी दर्ज कराई। पुलिस ने विवेचना कर आरोप पत्र न्यायालय भेज दिया। मामले की सुनवाई एडीजे प्रथम के न्यायालय में हुई। जहां सुनवाई के दौरान एडीजीसी मुकुल रायजादा ने वादी, विवेचक, चिकित्सक सहित गवाहों की गवाही कराई। जिसके आधार पर न्यायाधीश आच्छेलाल सरोज ने पति अंकित को अपनी पत्नी नेहा को आत्महत्या के लिए उकसाने का दोषी पाते हुए उसे सात साल की सजा सुनाई।
सजा सुनाते हुए दोषी पर 50 हजार रुपये का जुर्माना भी लगाया है। न्यायाधीश ने ये भी आदेश दिया कि दोषी पर लगाए गए जुर्माने की पूरी धनराशि प्राथमिकी दर्ज कराने वाले मृतका के भाई रजत वर्मा को दी जाए। वहीं साक्ष्य के अभाव में ससुर सतेंद्र और सास राधा को बरी कर दिया गया है।

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