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    सेंट्रो की 5 बोरियों में भरे थे कछुए: UP से उत्तराखंड होनी थी तस्करी, दवा कंपनी में सप्लाई से पहले दबोचे दो तस्कर

    Updated: Wed, 12 Nov 2025 04:02 PM (IST)

    मैनपुरी में एसटीएफ और वन विभाग की संयुक्त कार्रवाई में 197 कछुए बरामद हुए और दो तस्कर गिरफ्तार किए गए। तस्कर कछुओं को शक्तिवर्धक दवा बनाने वाली कंपनियों को सप्लाई करने वाले थे। बरामद कछुए सुंदरी प्रजाति के हैं। वन विभाग ने मामला दर्ज कर आगे की कार्रवाई शुरू कर दी है।

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    दो तस्कर गिरफ्तार

    जागरण संवाददाता, मैनपुरी। जिले में वन्यजीव तस्करी के खिलाफ वन विभाग व एसटीएफ की संयुक्त टीम ने कार्रवाई की है। संयुक्त टीम ने कुसमरा-सौरिख मार्ग पर थाना किशनी के गांव नगला करनाई के निकट से मुखबिर की सूचना पर वाहन चेकिंग के दौरान एक कार से 197 कछुओं की खेप बरामद की है साथ ही दो तस्करों को गिरफ्तार किया है। वन विभाग ने वाहन को जब्त कर वन्य जीव संरक्षण अधिनियम के तहत कार्रवाई की है।

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    कछुआ तस्करी का बड़ा खुलासा

            

        
    मंगलवार की रात एसटीएफ कानपुर यूनिट को मुखबिर द्वारा सूचना मिली कि एक सिलेटी रंग की सेंट्रो कार में संरक्षित वन्य जीव की तस्करी कर बाहर ले जाए जा रहे हैं। मुखबिर की सूचना पर एसटीएफ व वन विभाग की संयुक्त टीम ने उस मार्ग पर वाहन चेकिंग शुरू कर दी। टीम को देख तस्करों ने कार को भगाने का प्रयास किया तो टीम ने घेराबंदी कर कार को पकड़ लिया। टीम ने कार में बैठे दो युवकों को हिरासत में लेकर कार की तलाशी ली तो कार में पांच बाेरे बंद रखे थे।


    एसटीएफ–वन विभाग की संयुक्त कार्रवाई में 197 कछुए बरामद, दो तस्कर गिरफ्तार

     

    जब वन विभाग की टीम ने बोरे खोलकर देखा तो उसमें संरक्षित वन्य जीव कछुए भरे थे। टीम कार सहित पकड़े गए युवकों को मैनपुरी पहुंची। पांच बाेरी में 197 कछुए बरामद हुए। पकड़े गए युवकों ने अपना नाम राकेश कश्यप पुत्र सियाराम निवासी बाासनदाड़ी, जिला बरेली (उत्तर प्रदेश) व मुकेश पुत्र विकासवाला, निवासी शक्तिफार्म, जिला ऊधमसिंह नगर (उत्तराखंड) बताया।

     

    सेंट्रो कार में पांच बोरियों में भरकर उत्तराखंड ले जाए जा रहे थे कछुए

     


    पूछताछ में आरोपियों ने खुलासा किया कि वे स्थानीय ग्रामीणों और नदी किनारे रहने वालों से कछुए खरीदते थे और उन्हें उत्तराखंड ले जाकर शक्तिवर्धक दवाएं बनाने वाली कंपनियों को ऊंची कीमत पर सप्लाई करते थे। वन विभाग ने दोनों तस्करों के खिलाफ वन्य जीव संरक्षण अधिनियम के तहत प्राथमिकी दर्ज कर जेल भेजा गया। कार्रवाई के दौरान में किशनी रेंज के वन क्षेत्राधिकारी वीरेंद्र प्रताप सिंह, मैनपुरी वन क्षेत्राधिकारी विवेकानंद दुबे, करहल वन क्षेत्राधिकारी शोएब आलम अंसारी समेत एसटीएफ कानपुर यूनिट की टीम मौजूद रही।

     

    सुंदरी प्रजाति के हैं कछुए

    वाहन चेकिंग के दौरान बरामद हुए कछुए सुंदरी प्रजाति के बताए गए हैं। वन विभाग ने बताया कि ये कछुए स्वच्छ जल में पाए जाते हैं। स्थानीय तालाबाें व पोखरों में भी इनको पाया जाता है। इसके अलावा ये चंबल नदी में भारी मात्रा में पाए जाते हैं। विभाग अब ये जानकारी जुटा रहा है कि इतनी मात्रा में ये कछुए कहां से लाए गए थे।

     

    वन विभाग व एसटीएफ कानपुर की संयुक्त टीम द्वारा ये कार्रवाई की गई है। पकड़े गए तस्करों के खिलाफ वन्य जीव संरक्षण अधिनियम के तहत प्राथमिकी दर्ज कर जेल भेजा गया। बरामद कछुओं का उच्चाधिकारियों से अनुमति लेने के बाद स्वास्थ्य परीक्षण कराकर आगरा स्थित कीठम झील में छोड़ा जाएगा। - संजय कुमार मल्ल, प्रभागीय वन निदेशक