मैनपुरी में 7.92 करोड़ से बनेगा नया बिजलीघर, नलकूप कॉलोनी के पीछे जमीन को मिली मंजूरी
मैनपुरी में बिजली की समस्या दूर करने के लिए सरकार ने भोजपुरा में एक नया बिजलीघर बनाने की मंजूरी दी है। इस परियोजना के लिए 7.92 करोड़ रुपये आवंटित किए गए हैं। 10 एमवीए क्षमता वाले इस बिजलीघर से शहर के कई क्षेत्रों को जोड़ा जाएगा जिससे बिजली की ओवरलोडिंग की समस्या से राहत मिलेगी। यह 2025-26 के बिजनेस प्लान का हिस्सा है।

जागरण संवाददाता, मैनपुरी। पावर हाउस बिजलीघर पर लगातार बढ़ते ओवरलोड को देखते हुए सरकार ने जिले को एक और नए बिजलीघर की स्वीकृति प्रदान कर दी है। वर्ष 2017 से चल रही बिजलीघर निर्माण की दौड को हरी झंडी मिल गई है।
भोजपुरा में नलकूप कॉलोनी के पीछे जगह को स्वीकृति दी गई है। इसके लिए शासन ने 7.92 करोड़ रुपये की राशि स्वीकृत की है। 10एमवीए क्षमता वाले इस बिजलीघर से नगर के कई क्षेत्रों को जोड़ा जाएगा। उपभोक्ताओं को ओवरलोडिंग की समस्या से भी मुक्ति मिल जाएगी।
पावर हाउस और सिविल लाइन बिजलीघर आती है बिजली
नगर के बड़े क्षेत्र को पावर हाउस और सिविल लाइन बिजलीघर से ही आपूर्ति प्रदान की जाती है। हालांकि, दोनों बिजलीघर की क्षमतावृद्धि तो की गई है, लेकिन ओवरलोडिंग की समस्या समाप्त नहीं हो पा रही है। बिजली विभाग के स्थानीय अधिकारियों द्वारा वर्ष 2017 में इसके लिए भोजपुरा के पास नलकूप कालोनी में जगह की तलाश की थी। तत्कालीन अधिशासी अभियंता मागेंद्र अग्रवाल ने नगर पालिका प्रशासन के साथ स्थलीय सत्यापन कर अपनी रिपोर्ट भेज दी थी।
तब से निरंतर प्रकरण लंबित चल रहा था। अब शासन ने बिजलीघर के लिए स्वीकृति प्रदान कर दी है। बिजनेस प्लान 2025-26 में इसे शामिल किया गया है। निर्माण के लिए 7.92 करोड़ रुपये की राशि स्वीकृत की गई है। 10एमवीए क्षमता वाले इस बिजलीघर पर पांच-पांच एमवीए क्षमता के दो ट्रांसफारमर स्थापित कराए जाएंगे। इस नए बिजलीघर से लोगों को ओवरलोडिंग की समस्या से पूरी तरह से मुक्ति मिल जाएगी।
इन प्रस्ताव पर भी लगी सरकार की मुहर
- औंग, मोटा और कुरावली बिजलीघर की क्षमतावृद्धि होगी।
- ज्योंती रोड बिजलीघर के लिए नई 33केवी लाइन का निर्माण भी होगा।
- 100 एवं 250 केवीए क्षमता के 31 नए ट्रांसफारमर रखे जाएंगे।
यह जिले के लिए बड़ी उपलब्धि है। शासन स्तर से स्वीकृति प्रदान कर दी गई है। भोजपुरा में बिजलीघर का निर्माण कराया जाएगा। इससे ओवरलोडिंग की समस्या दूर हो जाएगी। - अनिल कुमार वर्मा, अधिशासी अभियंता, वितरण खंड-प्रथम।
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