Fancy Number: यूपी के इस जिले में बढ़ा फैंसी नंबरों का शौक, ऑनलाइन लगा रहे बोली, जानिए प्रोसेस
मैनपुरी जिले में फैंसी नंबरों का शौक बढ़ रहा है। लोग अपनी गाड़ियों के लिए वीआईपी नंबर पाने के लिए ऑनलाइन बोलियां लगा रहे हैं। फैंसी नंबरों की मांग ज्यादा है जिसके लिए पांच हजार रुपये तक फीस जमा करके बोली में शामिल होते हैं। वीआईपी नंबरों के लिए ऑनलाइन लगने वाली बोली दो से पांच लाख रुपये तक पहुंचती है।

जागरण संवाददाता, मैनपुरी। खुद को वीआईपी दिखाने की होड़ हर किसी में है। शायद यही कारण है कि पिछले कुछ वर्ष में जिले में लग्जरी और महंगी गाड़ियों का शौक भी बढ़ा है।
जिले में भी फैंसी और वीआईपी नंबरों की मांग बढ़ रही है। मनपसंद नंबर की चाह में लोग आनलाइन बोली में भी शामिल हो रहे हैं। हालांकि, बड़ी बोली में अभी तक किसी ने प्रतिभाग नहीं किया है।
एआरटीओ कार्यालय से मिली जानकारी के अनुसार, पिछले चार वर्ष में फैंसी नंबर प्लेट के लिए ऑनलाइन आवेदन ज्यादा हुए हैं। महंगी बाइकों के लिए ऐसे नंबरों की मांग सर्वाधिक रही है।
जिले में अभी नौ से ज्यादा वाहन ऐसे हैं जिनमें फैंसी और वीआईपी नंबरों का पंजीकरण हुआ है। हालांकि, वीआईपी और वीवीआईपी नंबरों के लिए बोली में अभी जिले के स्तर पर उतनी रुचि नहीं दिखाई जा रही है, लेकिन पांच से छह हजार रुपये फीस होने के कारण फैंसी नंबरों पर रुचि ज्यादा है।
नंबर ही अलग बनाते हैं वीआईपी प्लेट को
वीआईपी नंबर प्लेट सामान्य प्लेट से अलग होती हैं। इनमें जो नंबर शामिल होते हैं वे आकर्षक होने के साथ ऐसे होते हैं जो आसानी से याद रखे जा सकें। इन नंबरों के लिए ऑनलाइन लगने वाली बोली दो से पांच लाख रुपये तक पहुंचती है।
इनकी सीरीज 0001 से 9999 के बीच कई नंबर में होती है। अलग-अलग राज्य इन नंबरों के लिए अपने अनुसार दर निर्धारित करते हैं। इन्हें अति आकर्षक, आकर्षक और बहुत ज्यादा आकर्षक नंबरों की श्रेणी में रखा जाता है।
ऐसे करते हैं आवेदन
परिवहन मंत्रालय की वेबसाइट पर पहले अपनी आईडी बनानी होगी। उसके बाद नंबर प्लेट को चुनना होगा। निर्धारित दर के अनुसार भुगतान ऑनलाइन करना होगा। फीस जमा करने के बाद ही ऑनलाइन नीलामी में शामिल हो सकते हैं। नीलामी में जीतने के बाद ही वह नंबर ले सकते हैं।
जिले में सर्वाधिक मांग फैंसी नंबरों की होती है। जिसके लिए अधिकतम पांच हजार रुपये तक फीस जमा करके ऑनलाइन बोली में शामिल होते हैं। महंगी और लग्जरी गाड़ियों के लिए अभी तक जिले से कोई बोली में शामिल नहीं हुआ है।
- शिवम यादव, एआरटीओ
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