घर के अंदर खड़ी स्कूटी का काट दिया चालान, ऐसे पकड़ी गलती
मैनपुरी में एक अनोखा मामला सामने आया है जहाँ एक स्कूटी मालिक को बिना हेलमेट का चालान मिला जबकि उनकी स्कूटी घर से निकली ही नहीं थी। जाँच में पता चला कि यातायात पुलिस ने गलत नंबर दर्ज कर दिया था जिससे चालान गलत पते पर पहुँच गया। एआरटीओ ने इस तकनीकी त्रुटि को स्वीकार करते हुए चालान को सही पते पर भेजने की बात कही है।

जागरण संवाददाता, मैनपुरी । तकनीक ने भले ही सड़क के कानून का पालन आसान बनाया हो, लेकिन तकनीकी त्रुटि और मानवीय अनदेखी अब भी सिरदर्द बढ़ा रही है। यातयात नियम के उल्लंघन पर ऐसा ही मामला सामने आया है।
स्कूटी घर से निकली नहीं और जिम्मेदारों ने बिना हलमेट का चालान वाहन स्वामी के घर भिजवा दिया। परेशान वाहन स्वामी ने जब भाग-दौड़ की तो विभागीय गल्ती पकड़ में आई। गाड़ी का गलत नंबर भर दिए जाने से किसी के नाम का चालान किसी और पते पर पहुंच गया। हालांकि, एआरटीओ कार्यालय द्वारा इसे संशोधित कर सही जगह पर भिजवाया गया है।
20 अगस्त को यातायात पुलिस द्वारा मैनपुरी-कुरावली मार्ग पर जज कंपाउंट के पास सुबह 7:58 बजे आनलाइन चालान किया गया था। सफेद रंग की स्कूटी नंबर यूपी 84 एडी 8945 पर एक महिला बैठी थीं और युवक बिना हेलमेट वाहन चला रहा था।
पते पर भेजा चालान
गाड़ी नंबर के आधार पर इंटरनेट ने जो पता दर्शाया वह मिथलेश देवी, निवासी दक्षिण फर्दखाना, कुरावली दर्शा रहा था। मोटरयान अधिनियम-1988 की धारा 194(डी) के तहत एक हजार रुपये का चालान उक्त पते पर भेज दिया।
चालान घर पहुंचने पर वाहन स्वामी हैरान हो गए। गाड़ी नंबर तो उन्हीं का था, लेकिन उनकी गाड़ी ग्रे कलर की है और चालान सफेद स्कूटी का किया गया था। जिस तिथि व समय पर चालान था, उस दिन तो गाड़ी घर से बाहर गई ही नहीं थी।
पीडिता ने इसकी शिकायत एआरटीओ और यातायात विभाग से की। शिकायत के आधार पर जांच कराई तो वीडियो में दोनों गाड़ियों के रंग में अंतर दिखा। गहनता से जांच में सामने आया कि चालान ही गलत भेजा गया है। असल में चालान यूपी 84 एक्यू 8945 गाड़ी का हुआ था और विभाग ने उसे यूपी 84 एडी 8945 दर्ज कर दिया।
एआरटीओ शिवम यादव का कहना है कि यह तकनीकी त्रुटि थी, जिसके कारण समस्या हुई। त्रुटि को सुधारकर सही नंबर वाले पते पर चालान की कापी भेजी गई है।
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