Honour Killing: मान की खातिर दो साल पहले कत्ल कर दी थी बेटी, मां-बाप को कोर्ट ने ठहराया दोषी
मैनपुरी के भोगांव में दो वर्ष पूर्व युवती की हत्या के मामले में न्यायालय ने माता-पिता को दोषी करार दिया है। एडीजे चतुर्थ ने आनर किलिंग के मामले में सज ...और पढ़ें

सांकेतिक तस्वीर का प्रयोग किया गया है।
जागरण संवाददाता, मैनपुरी। भोगांव थाना क्षेत्र में दो वर्ष पूर्व हुई युवती की हत्या के मामले में न्यायालय ने माता-पिता को दोषी करार किया है। आनर किलिंग के मामले में दोषी करार देते हुए एडीजे चतुर्थ ने सजा सुनाए जाने के लिए 11 दिसंबर की तारीख नियत की है।
माता-पिता ने युवती की हत्या कर साक्ष्य मिटाने के उद्देश्य से शव को पशु बाड़े में गड्ढा खोदकर दबा दिया था। मामले में अभियोजन पक्ष ने कड़ी पैरवी की है।
भोगांव थाना क्षेत्र के गांव मौजेपुर निवासी अशोक यादव की 24 वर्षीय पुत्री के पास ही के गांव निवासी युवक से प्रेम संबंध थे और वह उसी से विवाह करना चाहती थी। परंतु स्वजन इस बात पर राजी नहीं थे।
इसी के चलते अशोक यादव ने पत्नी और अन्य स्वजन के सहयोग से 19 जनवरी 2023 की रात 12 बजे पुत्री की गला दबाकर हत्या कर दी और पास ही स्थित अहाते में गड्ढा खोदकर शव को दबा दिया था।
घटना के दूसरे दिन घर में ताला लगा देख ग्रामीणों ने इसकी सूचना पुलिस को दी। घटना की प्राथमिकी गांव के ही चौकीदार मनोज कुमार ने अशोक यादव, उसकी पत्नी रामा देवी, पुत्र अमित, अनुज और अवनीश के खिलाफ दर्ज कराई थी।
20 जनवरी को पुलिस ने पशु बाड़े में गड्ढे से शव बरामद कर पोस्टमार्टम कराया तो गला दबाने की पुष्टि हुई। पुलिस ने आरोपितों को गिरफ्तार कर आरोप पत्र न्यायालय प्रेषित कर कर दिया। मामले की सुनवाई एडीजे चतुर्थ के न्यायालय में हुई।
जहां सुनवाई के दौरान अभियोजन पक्ष से एडीजीसी पुष्पेंद्र दुबे ने कड़ाई से पैरवी करते हुए वादी, विवेचक सहित अन्य गवाहों की गवाही दिलाकर साक्ष्य प्रस्तुत किए।
जिस पर न्यायाधीश ने मृतका ज्योति के माता-पिता को झूठी शान की खातिर गला दबाकर पुत्री की हत्या कर साक्ष्य मिटाने के उद्देश्य से गड्ढा खोदकर शव दबाए जाने का दोषी पाया।
जबकि साक्ष्य के अभाव में मृतका के भाई अमित, अनुज और अवनीश को बरी कर दिया गया है। न्यायालय ने सजा सुनाए जाने के लिए 11 दिसंबर की तारीख नियत की है।
गोबर से लीप दिया था गड्ढा
ज्योति की हत्या के बाद माता-पिता ने उसका शव पशु बाड़े में पांच फीट के गहरे गड्ढे में दबा दिया था। इसके बाद उसकी मिट्टी गीली कर उसे गोबर से लीप दिया था ताकि किसी को कोई संदेह न हो।

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