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    Silver Price Hike: चांदी पर छाई महंगाई, अब रेशमी पाजेब की झंकार बाजार से दूर; आर्टिफिशियल की डिमांड

    Updated: Mon, 22 Dec 2025 12:01 PM (IST)

    मैनपुरी में सोने के बाद अब चांदी के दाम में उछाल से सर्राफा बाजार में चिंता है। चांदी के आभूषणों की मांग कम हो रही है क्योंकि कीमतें आसमान छू रही हैं। ...और पढ़ें

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    खरीदारी के लिए दुकान पर ग्राहक।

    जागरण संवाददाता, मैनपुरी। सोने के बाद अब चांदी के दाम में उछाल ने सर्राफा बाजार को चिंता में डाल दिया है। कभी महिलाओं की पसंद रही रेशमी पाजेब और चांदी के अन्य आभूषण की झंकार बाजार से गायब होती नजर आ रही है। महंगाई और लगातार बदलते दाम के चलते चांदी के कारोबार में भारी गिरावट दर्ज की जा रही है। सराफा दुकान पर ग्राहकों की आवाजाही कम हो गई है और बाजार में सन्नाटा है। 

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    सोने के बाद अब चांदी हुई दूर, महिलाओं का अब आर्टिफिशियल ज्वेलरी की तरफ बढ़ा रुझान


    आंकड़ों पर नजर डालें तो जनवरी में चांदी की कीमत लगभग 90.5 हजार रुपये प्रति किग्रा थी। महज 15 दिन पहले यह दर 1.75 लाख रुपये प्रति किग्रा तक पहुंची, जबकि शुक्रवार को चांदी के दाम 1.95 लाख रुपये और रविवार को 2.05 लाख रुपये प्रति किग्रा तक जा पहुंचे। तुलना करें तो पिछले वर्ष चांदी की कीमत 75.5 हजार रुपये प्रति किग्रा थी। इतने कम समय में आई इस तेजी ने आम उपभोक्ता की पहुंच से चांदी को दूर कर दिया है।

    सबसे बड़ी मार मध्यम और निम्न वर्ग पर

    सराफा व्यापारी सोनू गुप्ता का कहना है कि महंगाई की मार सबसे अधिक मध्यम और निम्न वर्ग पर पड़ी है। पहले जहां सोना आम आदमी की पहुंच से बाहर हो चुका था, अब चांदी भी धीरे-धीरे उसी राह पर चल पड़ी है। महिलाएं पाजेब, पायल, बिछिया और अन्य चांदी के आभूषण खरीदने से कतराने लगी हैं। कई ग्राहक मजबूरी में नकली ज्वेलरी या फिर पीतल व अन्य धातुओं से बने आभूषणों की ओर रुख कर रहे हैं।


    सर्राफ श्यामबाबू वर्मा व सुमित वर्मा का कहना है कि दामों में स्थिरता नहीं होने के कारण ग्राहक खरीदारी का मन नहीं बना पा रहे। दिन में दो से तीन बार दाम बदल रहे हैं, जिससे न तो व्यापारी ठीक से सौदा कर पा रहे हैं और न ही ग्राहक। चांदी के दाम बढ़ने से कारीगरों का काम भी प्रभावित हुआ है।

    सोने-चांदी के दाम बढ़ने से खरीद सीमित करनी पड़ रही है। अब भारी गहनों की जगह हल्के डिज़ाइन और जरूरत के अनुसार खरीदारी कर रहे हैं। - रुचि यादव, आवास विकास कॉलोनी

    बढ़ती कीमतों ने बजट बिगाड़ दिया है। त्योहार और शादी के लिए आभूषण लेना मुश्किल हो गया, इसलिए खरीद टालकर हालात सुधरने का इंतजार है। - पूर्वी जैन, कचहरी रोड।