बजरंगी का साथी जीवा मैनपुरी में काट रहा सजा
जागरण संवाददाता, मैनपुरी: कुख्यात मुन्ना बजरंगी का अहम साथी संजीव उर्फ जीवा मैनपुरी जेल में सजा काट रहा है। ...और पढ़ें

जागरण संवाददाता, मैनपुरी: कुख्यात मुन्ना बजरंगी का अहम साथी संजीव उर्फ जीवा मैनपुरी जेल में सजा काट रहा है। बजरंगी की हत्या के बाद मैनपुरी जेल प्रशासन की धड़कनें बढ़ गई हैं। सुरक्षा घेरा बढ़ाते हुए कैदियों पर भी कड़ी नजर रखी जा रही है। जेल प्रशासन ने सभी बैरकों की तलाशी कराई है।
कुख्यात मुन्ना बजरंगी का साथी शामली निवासी संजीव उर्फ जीवा, विधायक कृष्णानंद राय की हत्या में शामिल था। वर्ष 2015 में जीवा को प्रशासनिक आधार पर बाराबंकी जेल से मैनपुरी जिला जेल लाया गया था। तब से वह मैनपुरी जेल में ही बंद है। नवंबर 2017 में जेल की तलाशी के दौरान जीवा से बीस हजार रुपये की नकदी बरामद हुई थी। बाद में यह मामला ठंडे बस्ते में चला गया था।
इधर सोमवार को बागपत में कुख्यात की हत्या की खबर मैनपुरी पहुंची तो जिला जेल के इंतजामों की भी समीक्षा शुरू हो गई। जेल प्रशासन ने मुख्य प्रवेश द्वार पर बंदी रक्षकों की ड्यूटी बढ़ा दी है। बंदियों से मिलने आए परिजनों व परिचितों की सघन तलाशी कराई गई। पेशी पर ले जाए गए बंदियों के साथ भी पर्याप्त संख्या में पुलिस बल भेजा गया।
जेल अधीक्षक हरिओम शर्मा ने दोपहर में सभी बैरकों की सघन तलाशी कराई। हालांकि तलाशी के दौरान कुछ भी आपत्तिजनक नहीं मिला। दोपहर में भी बंदियों की गिनती कराई गई। दीवार फांदकर भागते रहे हैं कैदी
14 मार्च 2017 को होली के दिन कारागार प्रशासन की आंखों में धूल झोंककर चार सजायाफ्ता मुजरिम फरार हो गए थे। कारागार की पिछली दीवार फांदकर फरार हुए कैदियों की जानकारी जेल प्रशासन को तब हुई, जब उनकी गिनती की गई। फरार अपराधियों में चारों अलग-अलग जिलों के इनामी अपराधी थे, जिन पर कई मुकदमे दर्ज थे। इस घटना में जेलर सहित सात जेलकर्मियों को निलंबित किया गया था। 11 साल पहले भी 12 सितंबर 2007 को चार कैदी बंदी रक्षक को घायल कर जेल की दीवार फांदकर फरार हो गए थे। हालांकि दो महीने बाद पुलिस ने सभी को गिरफ्तार कर लिया था। तब और अब में बहुत बदली व्यवस्था:
जेल अधीक्षक हरिओम शर्मा का कहना है कि कारागार में बंदियों पर नजर रखने के लिए जगह-जगह पर सीसीटीवी कैमरे लगवाए गए हैं। इन कैमरों का कंट्रोल कार्यालय में है। चौबीस घंटे इनकी मदद से निगरानी कराई जा रही है। प्रयास है कि जेल की मुख्य दीवार के अलावा चारों ओर की प्राचीरों पर भी खुफिया कैमरों की व्यवस्था कराई जाए। जेल की दीवारों के आसपास पेड़ की टहनियों को भी कटवा दिया गया है। इतना ही नहीं, बंदी रक्षकों की मदद से लगातार पेट्रो¨लग भी कराई जा रही है।

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