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    बौद्ध सर्किट के लिए भूमि अधिग्रहण का विरोध: मैनपुरी में किसानों ने जताई असहमति

    Updated: Tue, 04 Nov 2025 03:25 PM (IST)

    नूरपुर और जसराजपुर के किसानों ने बौद्ध सर्किट के लिए अतिरिक्त जमीन देने पर असहमति जताई है, जिससे परियोजना अधर में लटक गई है। पर्यटन विभाग ने पहले ही 45 बीघा जमीन का अधिग्रहण कर लिया है और अब पांच हेक्टेयर अतिरिक्त जमीन चाहता है। किसानों ने सर्किल रेट पर असहमति जताई है। प्रशासन पीपीपी मॉडल के तहत विकास करना चाहता है और किसानों को मनाने के प्रयास जारी हैं।

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    किसानों से बातचीत करने पहुंचे अधिकारी।

    संवाद सूत्र, जागरण. भोगांव। प्रस्तावित बौद्ध सर्किट का विकास ग्रामीणों की असहमति से असमंजस में पड़ गया है। बौद्ध सर्किट के लिए अतिरिक्त जमीन अधिग्रहण को लेकर अधिकांश किसानों ने असहमति जताई है। प्रशासन दो गांवों के किसानों से रजामंदी के लिए दोबारा प्रयास शुरू करेगा।

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    पर्यटन विभाग की टीम से वार्ता में नूरमपुर और जसराजपुर के किसानों ने जताई असहमति

     

    बौद्ध तीर्थ स्थल संकिसा के महत्व के चलते जिले के गांव जसराजपुर में पर्यटन विभाग सुविधाओं के विकास के लिए लगातार प्रयास कर रहा है। विभाग ने बौद्ध सर्किट के निर्माण का प्रस्ताव तैयार कर पर्यटन सुविधाओं को स्तरीय बनाने के लिए कार्य योजना बनाई है। पहले चरण में 45 बीघा जमीन किसानों से पर्यटन विभाग ने अपने नाम करा ली है। जमीन देने वाले किसानों को मुआवजा राशि मिल चुकी है। प्रशासन अब यहां पर पांच हेक्टेयर अतिरिक्त जमीन खरीदने पर विचार कर रहा है।

     

    पांच हेक्टेयर अतिरिक्त जमीन का किया जाना है अधिग्रहण

     

    पांच हेक्टेयर जमीन खरीदने के लिए पर्यटन विभाग लखनऊ के उपनिदेशक कल्याण सिंह यादव ने नायब तहसीलदार अजय यादव, क्षेत्रीय लेखपाल अरविंद कुमार के साथ गांव जसराजपुर और नूरमपुर के किसानों से बात की। अधिकांश किसानों ने बौद्ध सर्किट के लिए जमीन देने पर असहमति जता दी। प्रशासनिक अधिकारियों ने किसानों से कई दौर में वार्ता की, लेकिन किसानों ने सर्किल रेट व अन्य बिंदुओं को लेकर अपनी असहमति प्रशासन के सामने रख दी। किसानों के रुख के बाद अब नए सिरे से प्रशासन उनसे बात करेगा।


    पीपीपी मॉडल पर होना है काम

     

    जसराजपुर में पर्यटन सुविधाओं के विकास के लिए पब्लिक प्राइवेट पार्टनरशिप (पीपीपी) माडल पर काम करने का प्रस्ताव है। पर्यटन विभाग यहां पर प्राइवेट कंपनियों के जरिए विश्व स्तरीय सुविधाएं विकसित कराने पर जोर देर रहा है। ग्रामीणों के रुख के बाद अब भूमि अधिग्रहण की प्रक्रिया अमल में लाए जाने की संभावना है।

     


    ग्रामीणों से अधिकारियों के साथ वार्ता कर सरकार द्वारा जसराजपुर के विकास के लिए तैयार किए गए प्रस्ताव की जानकारी साझा की गई थी। ग्रामीणों की रजामंदी लेने का प्रयास जारी है। उनकी शंकाओं को दूर करने का प्रयास किया जाएगा। कल्याण सिंह, उप निदेशक पर्यटन विभाग