Lok Sabha Election: यूपी की सबसे चर्चित सीट मैनपुरी पर मायावती ने घाेषित किया प्रत्याशी, सामान्य कार्यकर्ता को बनाया उम्मीदवार
Mainpuri Lok Sabha Seat BSP Candidate परिवार का वर्षों से है पार्टी से रिश्ता पूर्व विधानसभा प्रभारी रहे पिता ने आठ वर्ष तक की पार्टी की सेवा। वर्ष 2019 में सपा से बसपा का गठबंधन था और मुलायम सिंह यादव ने सपा की टिकट पर चुनाव लड़ा था। अब बसपा का प्रत्याशी तय होने के बाद भाजपा के प्रत्याशी को लेकर कयासों का दौर शुरू हो गया है।
जागरण संवाददाता, मैनपुरी। प्रत्याशी के नाम पर कई दिनों से चल रही अटकलों को विराम देते हुए बसपा ने आखिरकार मैनपुरी संसदीय सीट पर शाक्य प्रत्याशी पर ही दांव खेल दिया। बसपा इससे पूर्व भी शाक्य प्रत्याशी के फार्मूले पर चुनाव लड़ चुकी है, हालांकि जीत तक नहीं पहुंची। दूसरी तरफ एक सामान्य कार्यकर्ता को बतौर प्रत्याशी मैदान में उतार कर बसपा ने संगठन को भी संदेश देने की कोशिश की है।
सपा ने डिंपल यादव को बनाया है प्रत्याशी
मैनपुरी लोकसभा सीट पर सपा ने डिंपल यादव को प्रत्याशी बनाया है। भाजपा अब तक अपने प्रत्याशी का नाम घोषित नहीं कर पाई है। बसपा के प्रत्याशी का भी लंबे समय से इंतजार हो रहा था। पार्टी के आठ पदाधिकारियों एवं सक्रिय कार्यकर्ताओं द्वारा टिकट की दावेदारी की गई थी। पार्टी द्वारा किसी शाक्य या लोधी चेहरे को प्रत्याशी बनाने के कयास लग रहे थे। बीते तीन दिन से किशनी विधानसभा क्षेत्र के गांव बरहा निवासी डा. गुलशन शाक्य या उनकी पत्नी का नाम घोषित होने की बात कही गई थी।
मायावती से मिले थे गुलशन शाक्य
डा. गुलशन शाक्य पार्टी पदाधिकारियों के साथ दो बार मायावती से मिलकर आए थे। बुधवार को लखनऊ में ही जिला प्रभारी दीपक पेंटर, मनीष सागर और जिलाध्यक्ष प्रेमचंद्र शाक्य की उपस्थित में डा. गुलशन शाक्य के नाम पर मुहर लगा दी गई। पेशे से चिकित्सक डा. गुलशन शाक्य के पिता 1898 से 2005 तक किशन क्षेत्र में विधानसभा प्रभारी के रूप में पार्टी की सेवा करते रहे हैं।
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मैनपुरी लोकसभा सीट पर यादव मतदाताओं की संख्या सबसे ज्यादा है। इसके बाद दूसरे नंबर पर शाक्य मतदाता आते हैं। बसपा पूर्व के चुनावों में भी शाक्य चेहरे पर दांव लगाकर जातीय गोलबंदी की कोशिश कर चुकी है।
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तीसरे नंबर पर थी बसपा
वर्ष 2009 के चुनाव में बसपा ने विनय शाक्य को प्रत्याशी बनाया था और तब पार्टी को 31.54 फीसद वोट मिले थे। पार्टी प्रत्याशी चुनाव में दूसरे नंबर पर रहा था। इसके बाद 2014 में भी बसपा ने डा. संघमित्रा मौर्य को शाक्य चेहरे के रूप में मैदान में उतारा था। उस चुनाव में बसपा तीसरे नंबर पर खिसक गई थी और 14.19 प्रतिशत वोट मिले थे।
सामान्य कार्यकर्ता को बनाया प्रत्याशी
बसपा से प्रत्याशी घोषित होने के बाद जागरण से बात करते हुए डा. गुलशन शाक्य ने बताया कि वे पार्टी में एक सामान्य कार्यकर्ता ही हैं। बीएचएमएस करने के बाद से ही वे क्षेत्र में अपना क्लीनिक संचालित कर रहे हैं। उनके पिता बीरबल सिंह शाक्य पूर्व विधानसभा प्रभारी रहे थे। वह पूरी ताकत से चुनाव लड़ेंगे और इस बार मैनपुरी सीट को जीतकर दिखाएंगे।