Mainpuri News: पुराने खंडहर में चली जेसीबी तो खनके सिक्के... खोदाई में सिक्कों के साथ सोना निकलने की भी चर्चा
मैनपुरी के सहारा गांव में एक पुराने मकान की खोदाई के दौरान ब्रिटिश कालीन सिक्के मिले। जेसीबी और ट्रैक्टर चालक सिक्कों को लेकर भाग गए लेकिन बाद में मालिक ने उन्हें वापस लेकर बंटवारा कर दिया। सिक्कों पर किंग एडवर्ड सप्तम का फोटो और 1907 सन् खुदा है। पुलिस ने जानकारी से इनकार किया है लेकिन ग्रामीणों के अनुसार सिक्के मिलने की खबर आग की तरह फैल गई।

संसू, जागरणl बिछवां(मैनपुरी): सहारा गांव में पुराने मकान की जेसीबी से खोदाई के दौरान ब्रिटिश कालीन सिक्के मिले हैं। सारे सिक्के समेटकर जेसीबी व ट्रैक्टर चालक भाग निकले। बाद में घर के मालिक ने बुलाया और सिक्कों का बटवारा कर लिया। सिक्के ब्रिटिश कालीन बताए गए हैं, हालांकि पुलिस और प्रशासन जानकारी से इन्कार कर रहा है।
नौवीं सदी के अवशेष भी पूर्व में मिल चुके हैं। बिछवां क्षेत्र में पुराने समय में काफी समृद्ध रहा है। यहां बाजार गुलजार हुआ करते थे। आगरा और दिल्ली के यात्री सुल्तानगंज, सहारा व करीमगंज ठहरने के बाद ही आगे बढ़ते थे।
सहारा गांव निवासी हरिश्चंद्र अपने खंडहर पड़े मकान की शुक्रवार की रात्रि में गांव कुंजलपुर निवासी जेसीबी चालक से खोदाई करा रहे थे। रात में दो-तीन ट्राली मिट्टी की खोदाई के बाद अचानक ही मिट्टी से50 से अधिक सिक्के निकले।
चर्चा है कि यहां अन्य सोना-चांदी के आभूषण भी मिले
चर्चा है कि यहां अन्य सोना-चांदी के आभूषण भी मिले हैं। जेसीबी व ट्रैक्टर चालक ने इन सिक्कों को आपस में बांट लिया। इसकी जानकारी हरिश्चंद्र के धेवते गोविंद को हुई तो वह ट्रैक्टर चालक रमाकांत व जेसीबी चालक आलोक के पास पहुंचे और सारा सामान ले लिया। इसके बाद 10 सिक्के जेसीबी चालक आलोक व पांच सिक्के रमाकांत को दे दिए।
ब्रिटिश काल तक यहां थी चहल−पहल
थानाध्यक्ष आशीष दुबे ने बताया कि इसकी उन्हें कोई जानकारी नहीं है। लोगों के मुताबिक जैसे ही सिक्के मिलने की जानकारी आसपास के लोगों को हुई तो यह चर्चा क्षेत्र में आग की तरह फैल गई। आसपास के ग्रामीण इस जगह को देखने के लिए आने लगे। कई लोगों के अधिक सिक्के मिलने और उन्हें छुपाने की बात कही है।
गौरतलब कि जहां सिक्के मिले वहां पहले राजा का परिवार रहा करता था। वहीं बिट्रिश काल तक यहां काफी चहल−पहल रही थी। यह क्षेत्र काफी चर्चित क्षेत्र रहा है।
सिक्कों पर छपा है किंग एडवर्ड सप्तम का फोटो
जमीन की खोदाई करने पर जो सिक्के मिले हैं। इन पर किंग एडवर्ड सप्तम का फोटो है। साथ ही सन् 1907 भी गुदा है। इससे स्पष्ट है कि यह सिक्के वर्ष 1907 में ढाले गए हैं और यह ब्रिटिश कालीन हैं।
इस गांव में रहते थे महाराजा तेज सिंह के सैनिक
मैनपुरी महाराजा तेज सिंह की जन्म व कर्मभूमि रही है। नगर क्षेत्र में इनका एक विशाल किला भी है। मान्यता है कि उनकी सेना में शामिल उनके घुड़सवार और उनके करिंदा क्षेत्र के गांव औरंध, सहारा के अलावा कुरावली क्षेत्र में भी रहते थे। गांव सहारा के ग्रामीणों के अनुसार, गांव सहारा के काफी ग्रामीण महाराज तेज सिंह के किले में अन्य काम भी करते थे।
गांव सहारा में सिक्के मिलने की जानकारी अभी ही मिली है। एसडीएम भोगांव को इसकी जानकारी करने के लिए कहा गया है। - अंजनी कुमार सिंह, जिलाधिकारी
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