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    सेना और पुलिस भर्ती के नाम पर ठगी का मुख्य आरोपित गिरफ्तार, नकली यूनिफॉर्म से लेकर फर्जी ज्वाइनिंग लेटर तक बरामद

    By Jagran NewsEdited By: Nitesh Srivastava
    Updated: Wed, 04 Jun 2025 08:12 PM (IST)

    मैनपुरी पुलिस ने सेना और पुलिस में भर्ती के नाम पर ठगी करने वाले मुख्य आरोपी और उसकी महिला सहयोगी को गिरफ्तार किया है। आरोपियों के पास से सेना की नकली वर्दी और फर्जी दस्तावेज बरामद हुए हैं। तेलंगाना के एक युवक की शिकायत पर यह कार्रवाई हुई। पुलिस मामले की जांच कर रही है और अन्य आरोपियों की तलाश जारी है।

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    पुलिस लाइन सभागार में पकड़े गए आरोपितों के बारे में जानकारी देते एसपी गणेश प्रसाद साहा। जागरण

    जागरण संवाददाता, मैनपुरी। पुलिस व सेना भर्ती का प्रशिक्षण दिलाकर नौकरी लगवाने के नाम पर करोड़ों रुपये की ठगी करने के मुख्य आरोपित व उसकी एक महिला सहयोगी को पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया। एक अन्य आराेपित को पुलिस तलाश कर रही है।

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    पुलिस ने इनके पास से सेना की नकली यूनिफार्म, नकली एयर गन, फर्जी दस्तावेज, लैपटाप, बांड पेपर, अशोक स्तंभ स्टीकर, फर्जी ज्वाइनिंग लेटर, मेडिकल एडमिट कार्ड, विभिन्न मंत्रालय के प्रमाण पत्र आदि बरामद किए हैं।

    पुलिस अधीक्षक गणेश प्रसाद साहा ने पत्रकार वार्ता में बताया कि तेलंगाना के जिला करीम नगर थाना वन टाउन करीम नगर अंतर्गत रामचंद्र पुर कालोनी निवासी अशोक ने थाना किशनी में प्राथमिकी दर्ज कराई थी कि उसने 21 जून 2024 को यूट्यूब पर विज्ञापन देखकर अपने साथी सागर, चंद्रशेखर, श्रीकांत, रवि तेजा, विजय और लक्ष्मण को बताया कि डा. अरविंद पांडेय नाम के व्यक्ति सीआरपीएफ, एयरफोर्स, नेवी, आर्मी आदि में प्रशक्षिण देने के बाद नौकरी लगवाता है।

    उसका ट्रेनिंग सेंटर भारतीय पुलिस प्रोटेक्शन फोर्स एवं हिंदुस्तान रक्षा धर्म के नाम से किशनी विधूना चौराहा से समान रोड के पास मैनपुरी उप्र में है। इन सभी लड़कों को मेरे द्वारा उक्त सेंटर पर दो से तीन लाख रुपये प्रति लड़का देकर प्रशिक्षण हेतु भर्ती करा दिया।

    इसमें से 1.20 लाख प्रति लड़का आनलाइन, 1.30 लाख रुपये प्रति लड़का कैश में जमा कराए थे। ट्रेनिंग सेंटर के संचालक डा. अरविंद पांडेय द्वारा आश्वासन दिया गया था कि तीन माह की ट्रेनिंग के बाद सभी को नौकरी दिलवाएंगे लेकिन ट्रेनिंग के बाद न तो नौकरी दिलवाई और न ही रुपये वापस किए।

    इस संबंध में एग्रीमेंट भी किया गया था लेकिन अब फोन मिलाने पर डा. अरविंद फोन नहीं उठाते हैं। यह भी बताया कि हम लोगाें के अतिरिक्त डा. अरविंद पांडेय द्वारा अनुरूद्ध दुबे निवासी मोहल्ला गढ़ी थाना किशनी से उनके भांजे अर्पित वाजपेयी निवासी मानपुर सराय मीरा कन्नौज को भर्ती कराने के नाम पर 2150 रुपये पंजीकरण शुल्क, एक लाख रुपये फोन पे और 3 लाख रुपये नकद प्राप्त किए लेकिन अर्पित की भी नौकरी नहीं लगवाई।

    एसपी ने बताया कि प्राथमिकी दर्ज होने पर पुलिस ने जांच के बाद डा. अरविंद पांडेय निवासी न्यू गाड़ीवान थाना कोतवाली हाल पता फरीदाबाद हरियाणा और उसकी महिला सहयोगी सुमित्रा सेनापति निवासी निवासी रसोईगढ़ थाना मंचेश्वर, जिला खुर्दा उड़ीसा को गिरफ्तार कर लिया गया।

    इन्होंने पूछताछ में बताया कि यह लोग सेना व पुलिस में नौकरी लगने के लिए आवश्यक प्रशिक्षण देते थे। साथ ही प्रशिक्षण के बाद सिक्याेरिटी कंपनी में नौकरी लगवाने का वादा करते थे। एसपी ने बताया कि जब युवाओं को नौकरी नहीं मिल पाई तो उन्होंने केस कर दिया।

    एक अन्य आरोपित प्रकाश कुमार कोषाध्यक्ष निवासी वार्ड नंबर एक मंझोलिया, थाना मंझोलिया जिला चंपारण बिहार अभी फरार है। पुलिस उसे तलाश कर रही है। मुख्य आरोपित के खिलाफ कोतवाली मैनपुरी में 2014 में भी धोखाधड़ी और जालसाजी का मुकदमा दर्ज है।

    यह हुई बरामदगी

    एसपी ने बताया कि आरोपित के पास से फर्जी यूनिफार्म (वर्दी, बेल्ट, बैज, जूते), प्रशिक्षण देने के लिए नकली एयर गन, फर्जी दस्तावेज, बांड पेपर, शपथ पत्र, एडमिट कार्ड, अशोक स्तंभ स्टीकर, ब्लेंक कार्ड, फर्जी ज्वाइनिंग लेटर, मेडिकल एडमिट कार्ड, आइडी कार्ड, सरकारी नौकरी हेतु विज्ञापन पंपलेट, एक लैपटाप, तीन स्मार्ट मोबाइल, एक टेबलेट, विभिन्न एनजीओ, हिंदुस्तान रक्षा धर्म, नेशनल एंटी करप्शन क्राइम ब्यूरो के बांड पेपर, लेटर पैड, रजिस्ट्रेशन प्रपत्र, विभिन्न मंत्रालय के प्रमाण पत्र एवं अन्य दस्तावेज, विभिन्न प्रतियोगिताओं के फर्जी विज्ञापन, सेना का फर्जी कैप्टन आइडी कार्ड बरामद किए गए हैं।

    300 से 400 युवाओं के साथ ठगी की मिली जानकारी

    एसपी ने बताया कि गिरफ्तार आरोपितों के पास से देश भर के विभिन्न प्रांतों तेलंगाना, हरियाणा, राजस्थान, उत्तराखंड आदि जगहों से युवाओं से रुपये लेकर फर्जी ट्रेनिंग के लिए बुलाया जाता था। ऐसे करीब 300 से 400 युवाओं के साथ ठगी किए जाने के दस्तावेज प्राप्त हुए हैं। इनमें से करीब 50 की जानकारी मिल चुकी है। अन्य युवाओं के बारे में भी जानकारी की जा रही है।

    अन्य स्थानों पर भी संचालित कर चुका है प्रशिक्षण केंद्र

    एसपी ने बताया कि मुख्य सरगना द्वारा पूर्व में मैनपुरी के घिरोर, नोएडा और उत्तराखंड में आदि स्थानों पर भी अपने फर्जी भर्ती सेंटर का संचालन करने की जानकारी मिली है।  इन सभी में देश भर में फैले एजेंटों के माध्यम से युवाओं को फर्जी ट्रेनिंग के लिए बुलाया जाता था। यह एजेंट फीस की रकम यहां जमा कराते थे।

    पूर्व में अन्य तरीकों से ठगी किए जाने के भी मिले दस्तावेज एसपी ने बताया कि अरविंद पांडेय से पूछताछ में पता चला कि इसके द्वारा पूर्व हिंदुस्तान दंत मंजन के नाम से टूथपेस्ट कंपनी चलाए जाने व कोविड 2019 से पहले मिस इंडिया की तैयारी कराए जाने के नाम पर लड़कियों से ठगी की गई है। इससे संबंधित दस्तावजे भी मिले हैं।