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    UP By Poll: रोमांचक है करहल में राजनीति की कुश्ती, तेजप्रताप के दंगल में अखिलेश का दांव; पहली बार यहां से बने थे MLA

    Updated: Wed, 30 Oct 2024 12:22 PM (IST)

    Karhal Vidhan Sabha By Election 2024 वर्ष 2022 में करहल विधानसभा सीट से ही विधायक बने थे सपा मुखिया अखिलेश यादव। उपचुनाव में अखिलेश यादव ने भतीजे को मैदान में उतारा है। इस सीट पर सपा का दबदबा रहा है। भाजपा यहां से मात्र एक बार जीती थी। लेकिन मुलायम सिंह ने भाजपा के विधायक को अपने पाले में शामिल कर लिया था।

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    UP News: तेज प्रताप सिंह यादव और अनुजेश यादव।

    दिलीप शर्मा, जागरण. मैनपुरी। करहल विधानसभा सीट पर उपचुनाव का दंगल शुरू हो चुका है। सपा का सबसे मजबूत अखाड़ा मानी जाने वाली इस सीट पर पार्टी मुखिया अखिलेश यादव के भतीजे पूर्व सांसद तेज प्रताप यादव को उतारा गया है। दूसरी तरफ भाजपा से उनके फूफा यानि चाचा धर्मेंद्र यादव के सगे बहनोई अनुजेश यादव मैदान में हैं। ऐसे में राजनीति की कुश्ती रोमांचक हो चुकी है।

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    सपा मुखिया अखिलेश यादव भी इस सीट से विधायक रहे हैं, ऐसे में उनकी प्रतिष्ठा भी लगी है। इस प्रतिष्ठा को बचाने के लिए चुनावी दंगल में अखिलेश यादव भी दांव चल रहे हैं। नामांकन में साथ आकर उन्होंने समर्थकों को संदेश दिया था और इसके बाद स्थानीय नेताओं को लगातार निर्देश भी दे रहे हैं।

    सपा के वर्चस्व की सीट है करहल

    करहल विधानसभा सीट पर सपा का लंबे समय से वर्चस्व चला आ रहा है। वर्ष 1993 से अब तक सपा इस सीट पर केवल एक बार पराजित हुई है। बीते चार चुनावों से तो सपा के प्रत्याशी लगातार जीत रहे हैं। यादव मतदाताओं की बहुलता वाली इस सीट पर वर्ष 2022 में खुद सपा मुखिया अखिलेश यादव चुनाव लड़े थे। उनके सामने भाजपा ने केंद्रीय मंत्री एसपी सिंह बघेल को प्रत्याशी बनाया था। चुनाव में भाजपा ने पूरी ताकत झोंकी थी, परंतु जीत की दहलीज तक नहीं पहुंच पाई थी। अखिलेश यादव ने 67 हजार से ज्यादा वोटों के अंतर से बड़ी जीत हासिल की थी।

    तेजप्रताप सिंह हैं सपा के प्रत्याशी।

    कन्नौज से जीतकर छोड़ी थी सीट

    पिछले दिनों हुए लोकसभा चुनाव में कन्नौज का सांसद बनने के बाद अखिलेश यादव ने इस सीट से त्यागपत्र दिया था, जिसके बाद अब यहां उपचुनाव हो रहा है। चुनाव में सपा ने तेज प्रताप यादव को प्रत्याशी बनाया है। तेज प्रताप यादव इससे पहले वर्ष 2014 में मैनपुरी लोकसभा सीट पर हुए उपचुनाव में लड़े थे और सांसद बने थे। उनके मैदान में उतरने के बाद अखिलेश यादव सहित पूरे सैफई परिवार की प्रतिष्ठा इस चुनाव से जुड़ गई है।

    नेताओं ने लगा रखी है ताकत

    दूसरी तरफ भाजपा उपचुनाव में करहल सीट पर जीत हासिल कर लोकसभा चुनाव में मिली हार का हिसाब बराबर करना चाहती है। उपचुनाव के लिए बीते कई माह से तैयारी चल रही है। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ, डिप्टी सीएम ब्रजेश पाठक व केशव प्रसाद मौर्य सहित कई मंत्री और बड़े नेताओं के करहल में दौरे हो चुके हैं। इसके साथ ही भाजपा ने सैफई परिवार के रिश्तेदार अनुजेश यादव को प्रत्याशी बनाकर सबको चौंकाया है।

    सीएम योगी कर चुके हैं यहां सभाएं।

    अनुजेश की मां रही हैं दो बार की विधायक

    अनुजेश यादव की मां उर्मिला यादव घिरोर विधानसभा सीट से दो बार विधायक रह चुकी हैं। यह क्षेत्र वर्तमान में करहल विधानसभा सीट के अंदर आता है। अनुजेश यादव की पत्नी संध्या यादव (सपा सांसद धर्मेंद्र यादव की बहन) मैनपुरी की जिला पंचायत अध्यक्ष रह चुकी हैं। ऐसे में सपा चुनौती को आसान नहीं मान रही और अखिलेश यादव खुद परदे के पीछे से कमान संभाले हुए हैं।

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    पार्टी नेताओं के अनुसार राष्ट्रीय अध्यक्ष ने नामांकन के साथी सभी स्थानीय नेताओं को एकजुट होकर पूरी ताकत से चुनावी तैयारी में जुटने के निर्देश दिए थे। इसके बाद वह कई बार पार्टी नेताओं को स्थानीय प्रमुख लोगों-समर्थकों से बात कर चुके हैं। दिवाली के बाद उनकी कई सभाएं कराने की भी रूपरेखा तैयार की जा रही है।