पुराने दौर के बर्तनों की फैशन लौटी, फिर से डिमांड में आए तांबा-पीतल, बाजार में दिख रहा सहालग का रंग
दीपावली के बाद सहालग के सीजन की शुरुआत के साथ ही मैनपुरी के बर्तन बाजार में रौनक लौट आई है। दुकानों में तांबा, पीतल और स्टील के नए डिजाइन वाले बर्तन उपलब्ध हैं, जिनकी मांग बढ़ रही है। व्यापारी पारंपरिक बर्तनों को प्राथमिकता दे रहे हैं, और उन्हें आने वाले महीनों में अच्छे कारोबार की उम्मीद है।

बर्तन की दुकान। जागरण
जागरण संवाददाता, मैनपुरी। दीपावली के त्योहार के बाद अब सहालग का सीजन दस्तक दे चुका है। इसके साथ ही नगर के बर्तन बाजारों में रौनक लौट आई है। दुकानों पर तांबा, पीतल और स्टील के नए डिजाइन वाले बर्तनों की भरमार है। ग्राहक अपनी पसंद के बर्तन खरीदने के लिए बाजारों में पहुंचने लगे हैं।
त्योहारों के बाद चढ़ा सहालग का रंग, तांबा-पीतल के बर्तनों की बढ़ी खरीदारी
पुराने दौर के बर्तन एक बार फिर फैशन में लौट आए हैं। कारोबारी भी परंपरागत तांबा और पीतल के बर्तनों को प्राथमिकता दे रहे हैं। इस बार बाजार में तांबे की ओरली, पीतल के फ्लावर पाट और पालिश वाले स्टील के बर्तन खास आकर्षण का केंद्र बने हुए हैं। शादी-ब्याह के सीजन में इन बर्तनों की मांग तेजी से बढ़ रही है। सहालग के सीजन की आहट के साथ ही बाजार में ग्राहकों की चहल-पहल बढ़ गई है। व्यापारी उम्मीद कर रहे हैं कि आने वाले तीन महीनों में बर्तनों का कारोबार चरम पर रहेगा।
परंपरा की ओर लौट रहा बाजार
बर्तन व्यापारी अशोक गुप्ता ने बताया कि सहालग के सीजन में पीतल और तांबा के बर्तनों की बिक्री में करीब 30 प्रतिशत तक वृद्धि देखने को मिल रही है। उन्होंने कहा कि अब लोग फिर से पारंपरिक धातुओं की ओर लौट रहे हैं क्योंकि ये देखने में सुंदर होने के साथ ही लंबे समय तक टिकाऊ भी होते हैं।
कारोबारी राम गुप्ता ने बताया कि स्टील की कीमतें स्थिर हैं, जबकि तांबा और पीतल के रेट में हल्की बढ़ोतरी हुई है। फिलहाल बाजार में तांबा करीब 950 से 1200 रुपये प्रति किलो और पीतल 600 से 850 रुपये प्रति किलो बिक रहा है। वहीं स्टील के बर्तनों के दाम 250 से 500 रुपये के बीच हैं।

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