बीच सड़क पर प्रसूता ने दिया बच्चे को जन्म, ई- रिक्शा में गूंजी किलकारी; लोगों ने की पुलिस की प्रशंसा
मैनपुरी में एक प्रसूता ने ई-रिक्शा में बच्चे को जन्म दिया। महिला को प्रसव पीड़ा होने पर अस्पताल ले जाया जा रहा था, लेकिन रास्ते में ही उसे प्रसव हो गया। पुलिस ने तत्परता दिखाते हुए यातायात को रोका और एम्बुलेंस बुलाने का प्रयास किया। एम्बुलेंस के न पहुँचने पर महिला ने सड़क पर ही बच्चे को जन्म दिया। बाद में पुलिस ने जच्चा-बच्चा को अस्पताल में भर्ती कराया।

बीच सड़क पर प्रसूता ने दिया बच्चे को जन्म, ई- रिक्शा में गूंजी किलका
जागरण संवाददाता, मैनपुरी। प्रसव कराने के लिए अस्पताल ले जाई जा रही प्रसूता ने शनिवार को बीच सड़क पर पुलिसकर्मियों के सहयोग से ई-रिक्शे में शिशु को जन्म दे दिया। इस घटनाक्रम के दौरान स्वास्थ्य विभाग की लापरवाही तो पुलिस का मानवीय चेहरा देखने को मिला।
नगर के मुहल्ला पुरोहिताना निवासी गुलशन गोस्वामी ई- रिक्शा चलाकर स्वजन का भरण पोषण करते हैं। उनकी 35 वर्षीय पत्नी प्रीति उर्फ हरियाणा गर्भवती थीं। प्रसव पीड़ा होने पर गुलशन दोपहर साढ़े 12 बजे के करीब अपनी मां के साथ प्रीति को को ई रिक्शा से ही सौ शैय्या अस्पताल ले जा रहे थे। परंतु रास्ते में अत्यधिक प्रसव पीड़ा होने लगी।
स्वजन के फूले हाथ-पांव, महिला थानाध्यक्ष ने पुलिसकर्मियों के साथ की मदद
कचहरी रोड पर होंडा एजेंसी के सामने पहुंचते ही प्रीति को प्रसव शुरू हो गया तो बीच सड़क पर ही रिक्शा रोक दिया गया। इसी दौरान यहां से गुजरते कोतवाली प्रभारी फतेह बहादुर सिंह भदौरिया और महिला थानाध्यक्ष हेमलता सिंह ने महिला के चीखने की आवाज सुनीं तो दोनों रुक गए। महिला थानाध्यक्ष ने महिला पुलिस कर्मियों से रिक्शा पर चादर से पर्दा किया। कोतवाली प्रभारी ने वाहनों के आवागमन को रोका। उन्होंने जिला अस्पताल के सीएमएस को दो बार काल कर एंबुलेंस भेजने के लिए बोला और हेल्पलाइन 108 नंबर भी डायल किया।
परंतु 20 मिनट तक एंबुलेंस मौके पर नहीं पहुंची। इस बीच महिला ने बीच सड़क पर ई- रिक्शा में ही बालक को जन्म दिया। कोतवाल ने प्राइवेट एंबुलेंस बुलाकर जच्चा-बच्चा को सौ शैय्या अस्पताल में भर्ती कराया। अस्पताल में डाक्टर की देखरेख में नाल काटा गया। वहां दोनों की स्थिति सामान्य है।
जनता ने की पुलिस की प्रशंसा
बीच सड़क पर प्रसव कराने के दौरान महिला थानाध्यक्ष हेमलता सिंह और कोतवाली प्रभारी फतेह बहादुर सिंह ने मानवीयता का परिचय दिया। इससे स्थानीय लोगों ने पुलिस के मानवीय चेहरे की प्रशंसा की। वहीं दूसरी ओर प्रसव स्थल से कुछ ही दूरी पर स्थित सौ शैय्या अस्पताल होने के बाद भी कोई स्वास्थ्यकर्मी वहां नहीं पहुंचा।
सौ शैय्या अस्पताल में भी करीब 15 मिनट तक स्टाफ ने नहीं ली कोई सुध
कोतवाली प्रभारी जच्चा-बच्चा को निजी एंबुलेंस से सौ शैय्या अस्पताल लेकर पहुंचे। यहां जानकारी होने के बाद भी करीब 15 मिनट तक कोई भी स्टाफ बाहर नहीं निकला। महिला डाक्टर जच्चा-बच्चा को बिना देखे ही वापस अंदर चली गईं। स्टाफ नर्स नाल काटने के बाद शिशु को अंदर ले गई और बाद में स्वजन ने प्रीति को वार्ड में भर्ती कराया।
मामले की जानकारी मिलते ही सौ शैय्या अस्पताल के सीएमएस को जच्चा बच्चा की जांच और कोई दिक्कत होने पर तत्काल इलाज के निर्देश दिए। स्वजन द्वारा एंबुलेंस सेवा के लिए काल की या नहीं इसके बारे में जानकारी की जा रही है। यदि काल के बाद भी एंबुलेंस नहीं पहुंची तो जांच कराकर रिपोर्ट शासन को भेजी जाएगी। डॉ. आरसी गुप्ता, सीएमओ।
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