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    काकुन, कोदो, साभा की फसलें उगाने पर होगा जोर

    By Edited By:
    Updated: Sat, 20 Feb 2016 06:03 PM (IST)

    जागरण संवाददाता, मैनपुरी : मोटे अनाज से तैयार लड्डू, बर्फी और दलिया अब कुपोषण की जंग में उतारे जाएंग ...और पढ़ें

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    जागरण संवाददाता, मैनपुरी : मोटे अनाज से तैयार लड्डू, बर्फी और दलिया अब कुपोषण की जंग में उतारे जाएंगे। इसके लिए मोटे अनाज की पैदावार बढ़ाने और मोटे अनाज से खाद्य पदार्थ तैयार करने का प्रशिक्षण दिया जाएगा। इससे कुपोषण के शिकार बच्चे स्वस्थ होंगे और किसानों को अतिरिक्त आमदनी का साधन उपलब्ध होगा।

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    सरकार ने न्यूट्रीफार्म योजना के तहत कम उत्पादन वाली फसलों में जिनके अंदर पोषक तत्व सामान्य उत्पादन से दोगुना है। ऐसी फसलों में शामिल साभा, काकुन, कोदो, बाजरा, ज्वार और मक्का की फसलों का उत्पादन बढ़ाने का निर्णय लिया है। इसके लिए जिले के अंदर 20-20 किसानों के 106 समूह गठित किए हैं। समूह के सदस्यों के खेतों में मक्का, बाजरा, काकुन और कोदो आदि का निश्शुल्क बीज देकर प्रदर्शन भी कराए जाएंगे।

    मोटे अनाज का उत्पादन होने के बाद कृषि वैज्ञानिकों द्वारा किसानों को मोटे अनाज से लड्डू, खीर, खिचड़ी, बर्फी और दलिया तैयार करने का प्रशिक्षण दिया जाएगा। तैयार खाद्य सामग्री की आंगनबाड़ी केंद्रों और प्राथमिक विद्यालयों में आपूर्ति की जाएगी। जिसका उपयोग आंगनबाड़ी केंद्रों और विद्यालयों में पंजीकृत कुपोषण के शिकार बच्चे करेंगे ताकि वह स्वस्थ हो सकें।

    कृषि विज्ञान केंद्र के कार्यक्रम समन्वयक डॉ. शंकर ¨सह ने बताया कि बच्चों को होने वाले संक्रामक रोगों व कुपोषण की समस्या को दूर करने के लिए सरकार ने अधिक पोषक मूल्य होने वाली फसलों में शामिल आधा दर्जन से अधिक प्रजातियां जो लुप्त हो रही हैं, उन्हें उगाने और उनसे बाई प्रोडक्ट तैयार करने की योजना तैयार की है। जिसके तहत जिले में लगभग ढाई हजार से अधिक किसानों को प्रशिक्षित किया जाएगा।