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    जानलेवा रास्तों पर जिम्मेदार ही बेपरवाह

    मैनपुरी: केस एक : बेवर क्षेत्र के जोगा मोड़ पर पर आए दिन हादसे होते हैं। 8 नवंबर की रात रोडवेज और

    By Edited By: Updated: Wed, 16 Dec 2015 08:09 PM (IST)

    मैनपुरी: केस एक : बेवर क्षेत्र के जोगा मोड़ पर पर आए दिन हादसे होते हैं। 8 नवंबर की रात रोडवेज और प्राइवेट बस में आमने -सामने भिड़ंत हो गई। तीन लोगों की मौके पर ही मौत हो गई और आधा दर्जन लोग घायल हो गए। हादसा इतना भीषण था कि दोनों बसों का अगला हिस्सा बुरी तरह क्षतिग्रस्त हो गया और बस की बॉडी काटकर शव निकाले गए।

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    केस दो : 28 जून को किशनी के विधूना चौराहा पर रात आठ बजे एक तेज रफ्तार ट्रक मकान तोड़ता हुआ खोखे में घुस गया। हादसे में दो लोगों की मौत हो गई। चौराहा पर गोल चक्कर नहीं बना है। ऐसे में चारों ओर से आने वाले वाहन एक-दूसरे से टकराते रहते हैं। मोड़ भी अंधा है, ऐसे में एक तरफ से आने वाले वाहन चालक दूसरी ओर से आने वाले वाहन को नहीं देख पाते।

    मैनपुरी: ये दो हादसे जिले में सड़क व्यवस्था में खामी बताने को काफी हैं। सड़क पर दौड़ रहे वाहनों की संख्या जितनी तेजी से बढ़ रही है, उतनी ही तेजी से हादसों में इजाफा हो रहा है। जिले में सड़कों का चौड़ीकरण हो रहा है, लेकिन सड़क के मानकों का ध्यान नहीं रखा जा रहा। जहां सबसे अधिक हादसे होते हैं, वहां सुरक्षा व्यवस्था को लेकर भी जिम्मेदार बेपरवाह हैं। सड़क के खतरनाक मोड़ों पर न तो रिफ्लेक्टर का इंतजाम किया गया है और न ही कोई ऐसा संकेतक है जिससे वाहन चालक को मोड़ का आभास हो सके।

    ये स्थान हैं खतरनाक

    गग्गर पुल नहर: बेवर क्षेत्र का यह पुल हादसे क्षेत्र में हादसे का सबसे बड़ा कारण बनता है। सड़क चौड़ी है लेकिन पुल काफी सकरा है। रात के अंधेरे में वाहन चालकों को पुल संकरा होने का आभास नहीं हो पाता। पुल के दोनों किनारों पर कोई संकेतक तक नहीं है। गाड़ियां नहर में गिर जाती हैं।

    कुरावली मोड़ : शहर के बाहर के इस रास्ते पर कहीं भी संकेतक नहीं लगा है। अचानक इस मोड़ पर वाहन आने से अक्सर टकरा जाते हैं। रात के अंधेरे में हादसे ज्यादा होते हैं।

    जोगा मोड़: बेवर क्षेत्र का ये मोड़ इतना घुमावदार है कि वाहन चालकों को परेशानी होती है। आमने -सामने वाहनों की भिड़ंत होती है।

    किशनी का विधूना चौराहा: कहने को ये चौराहा है लेकिन यहां गोल चक्कर तक नहीं है। चौराहा पर मोड़ अधिक है लेकिन कोई भी संकेतक नहीं है। ऐसे में रात के अंधेरे में सामने से आने वाले वाहन एक -दूसरे से टकरा जाते हैं।

    समान मोड़: किशनी क्षेत्र का ये मोड़ बेहद घुमावदार है। संकेतक न होने के कारण आए नए वाहन चालक हादसे का शिकार हो जाते हैं।

    फर्दपुर चौराहा: बिछवां क्षेत्र में ये चौराहा बेहद खतरनाक है। यहां सड़क भी नहीं है। यहां आने वाले वाहन दूसरे वाहन चालकों को दिखाई नहीं देते हैं।

    दन्नाहार नहर मोड़: आगरा रोड पर ये सबसे खतरनाक मोड़ है। यहां अक्सर रात में हादसे होते हैं।

    हाईवे पर नहीं हैं इंतजाम

    जीटी रोड पर सड़क सुरक्षा के कोई इंतजाम नहीं हैं। गड्ढ़ों के कारण तेज दौड़ते वाहन पलट जाते हैं। यहां सड़क पार करते लोग सबसे ज्यादा हादसे का शिकार होते हैं।

    ये होने चाहिए नियम

    -कहीं भी मोड़ से पहले ही संकेतक होना चाहिए। मोड़ के पास ब्रेकर भी जरूरी है।

    -सड़क पर सफेद पट्टी और रिफ्लेक्टर होना चाहिए ताकि रात में चालकों को जानकारी हो।

    -पुल आदि के पहले ही संकेतक होना चाहिए।

    जिम्मेदारों ने झाड़ा पल्ला

    सड़कें जब बनाई जाती हैं, तो तीव्र मोड़ पर संकेतक लगाए जाते हैं। सड़क पर क्रॉसर भी बनाए जाते हैं। लेकिन ग्रामीण बोर्ड लगाने के बाद उसे उखाड़ ले जाते हैं। अब जांच कराई जाएगी। जहां भी संकेतक नहीं हैं, वहां लगवाए जाएंगे।

    जितेंद्र कुमार बांगा, अधिशाषी अभियंता, पीडब्ल्यूडी निर्माण खंड तीन।

    क्या कहते हैं लोग

    सड़क पर नियमों का पालन नहीं किया जाता है। कहीं भी हादसे से बचाने के लिए संकेतक नहीं लगे हैं। ऐसे में वाहन चालकों को जानकारी नहीं हो पाती और हादसे हो जाते हैं।

    डॉ. संजीव मिश्रा, वैद्य।

    जिले में जितने भी खतरनाक स्थान हैं वहां लोक निर्माण ने कोई प्रबंध नहीं किया है। जरुरी है कि इन स्थानों को चिन्हित कर संकेतक लगवाए जाएं, ताकि हादसे घट सकें।

    प्रखर दीक्षित, एडवोकेट।

    चालकों को सड़क के बारे में जानकारी न होने के कारण ही हादसे होते हैं। हर मोड़ पर उसकी जानकारी के लिए बोर्ड लगाया जाना चाहिए, इससे चालक का वाहन पर नियंत्रण रहेगा।

    नीरज बैजल, व्यवसायी।

    सड़़क सुरक्षा के प्रति जिम्मेदार विभाग भी लापरवाह हैं। सड़कों पर कहीं भी मानकों के मुताबिक काम नहीं हो रहा है। सड़क तो बना दी लेकिन उसके मानक पूरे नहीं किए जा रहे हैं, इसके चलते ही हादसे होते हैं।

    डॉ. अंबुज मिश्रा, चिकित्सक।