बच्चों को कैसे पालूं? पति की लाश से लिपटकर पत्नी फूट-फूटकर रोई; हमीरपुर हादसे में मरने वाले चार लोगों का शव घर पहुंचा
उत्तर प्रदेश के हमीरपुर में एक भीषण सड़क हादसे में कई लोगों के घायल होने की खबर है। इस घटना से महोबा में शोक की लहर दौड़ गई है। दुर्घटना के कारणों का ...और पढ़ें

जागरण संवाददाता, महोबा। थाना खन्ना के ग्राम ग्योड़ी के जमुनीपुरा डेरा निवासी 85 वर्षीय अनुसुइया की बीमारी के चलते 11 दिसंबर को मौत हो गई थी। उसी दिन उनका अंतिम संस्कार हुआ था। रविवार की सुबह करीब 6 बजे बेटे सहित अन्य स्वजन बोलेरो कार से अस्थियां विसर्जित करने के लिए प्रयागराज जा रहे थे।
लेकिन हमीरपुर में हुए हादसे में उसके पुत्र 55 वर्षीय घनश्याम, उसके छोटे भाई 40 वर्षीय वर्षीय रामसहोदर, दिवंगत घनश्याम के चाचा 65 वर्षीय सिद्धगोपाल व भतीजे 35 वर्षीय सोनू की मौत हो गई। स्वजन महिला के जाने का गम नहीं भुला पाए थे कि चार और लोगों की मृत्यु ने उन्हें गहरा जख्म दिया है।
जिसे शायद ही कभी भुलाया जा सके। गांव में मातम का माहौल पसरा है। हादसे से चेहरों में अजीब सी खामोशी दिखाई दी और हर आंख से आंसू छलक उठे। सभी की जुबां से बस यही निकल रहा था कि ईश्वर की मर्जी के आगे कोई क्या कर सकता है।एक ही परिवार के चार लोगों की मौत की खबर सुनते ही गांव के लोगों के साथ ही रिश्तेदार भी दिवंगत के स्वजन के यहां पहुंचे और उन्हें ढांढस बंधाया। दिवंगत खेती कर परिवार का भरण पोषण करते थे।
इकलौते सोनू की मौत से पत्नी व बच्चे बदहवास
महोबा : हमीरपुर में हुए सड़क हादसे में दिवंगत 35 वर्षीय सोनू इकलौता पुत्र था। उसके पिता प्यारेलाल की भी कुछ सालों पहले मृत्यु हो गई थी। खेती व मजदूरी करके वह अपनी पत्नी ममता व तीन 5-7 साल की दो बेटियों व बेटे का भरण पोषण करता था।
पत्नी दहाड़े मारकर रो रही है और बच्चे बदहवास है। बच्चों को तो शायद पता ही नहीं कि आखिर ये क्या हो गया। सभी उनसे इधर उधर की बातें कर बहलाने में लगे हुए है। पत्नी का कहना है कि अब बच्चों का पेट कैसे पलेगा और कैसी उनकी शिक्षा होगी।
महज डेढ़ घंटे बाद ही आई खुद खबर
महोबा : दिवंगत के स्वजन जयदेवी, अनिल आदि बताते है कि पहले ही परिवार महिला की मौत से गमजदा था। उस पर दूसरी दुखद खबर आने से दिवंगतों के परिवार टूट से गए है। वे बताते है कि बोलेरो कार में सात लोग सवार होकर रविवार की सुबह 6 बजे प्रयागराज की ओर निकले थे और 7.30 बजे यह हादसा हो गया। इसकी जानकारी मिलते ही सभी के पैरों तले जमीन खिसक गई और हर आंख में आंसुओं का सैलाब बह निकला।
जिंदगी और मौत के बीच झूल रहा राधेश्याम
महोबा : हमीरपुर में हुए हादस में दिवंगत घनश्याम का भाई राधेश्याम भी गंभीर रूप से घायल हो गया। उसके सिर व शरीर के अन्य हिस्सों में चोटें आई। उसे हमीरपुर से मेडिकल कालेज झांसी के लिए रेफर किया गया है।
यहां वह जिंदगी और मौत के बीच झूल रहा है। उधर स्वजन के मुताबिक कार चालक विमल को कम चोटें आईं। जबकि 55 वर्षीय आशाराम को बांदा मेडिकल कालेज इलाज के लिए ले जाया गया है। सभी उनकी सलामती के लिए कामना कर रहे है।
टक्कर के बाद कुछ ही फिट में सिमट गई बोलेरो
महोबा : हमीरपुर में हुए हादसे में टक्कर कितनी जोरदार हुई होगी इसका इसी बात से अंदाजा लगाया जा सकता है कि 14 फिट की बोलेरो महज 6 फीट की ही रह गई। टूरिस्ट बस ने पीछे से टक्कर मारी तो कार के परखच्चे उड़ गए।
जिसने भी कार को देखा उसकी जुबां से यही निकला कि जो इस हादसे में बच गए वह बहुत भाग्यशाली है। बताया गया है कि टक्कर के बाद सभी घायल उसमें फंस गए और दरवाजों को तोड़कर उन्हें बाहर निकाला गया।
ओ भगवान जो का हो गओ रे
महोबा : ग्राम ग्योड़ी के जमुनी डेरा जाते ही हर गली और सड़क सूनसान थी। सभी गांव के लोग दिवंगतों के यहां एकत्र थे। जिसने भी घटना सुनी वह दौड़कर वहीं पहुंच गया। दिवंगत घनश्याम की पत्नी जयदेवी सहित परिवार की अन्य महिलाएं बस यहीं कर रही थी कि ओ भगवान जो का हो गओ रे....। हमने कोऊ को का बिगाड़ो हतो जो हमाए साथ ऐसो हो गओ। हादसे के चलते सभी बदहवास है।

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