माता शारदा देवी मंदिर की महिमा अपरंपार
जागरण संवाददाता महोबा महोबा का शारदा माता मंदिर श्रद्धालुओं से केवल नवरात्र ही नहीं बल्कि

जागरण संवाददाता, महोबा: महोबा का शारदा माता मंदिर श्रद्धालुओं से केवल नवरात्र ही नहीं बल्कि पूरे साल भरा पूरा रहता है। सुबह-शाम भजन कीर्तन चलते रहते हैं। यहां माता शारदा के साथ मां दुर्गा और काली जी की प्रतिमा भी स्थापित है। साल में पड़ने वाली दो नवरात्र पर शारदा माता मंदिर में बड़ी संख्या में श्रद्धालु पूजा अर्चना करने आते हैं। इस समय नवरात्र पर यहां पर धार्मिक अनुष्ठान का आयोजन प्रारंभ हो चुका है। मंदिर और परिसर की भव्य सजावट की गई है। पौराणिक इतिहास मान्यता है कि मुख्यालय के ही शिवरतन सिंह के गुरु जी मां शारदा के अनन्य भक्त थे। मां से मिली प्रेरणा के बाद उन्होंने ही मंदिर की स्थापना कराई थी। मां का यह स्थान आबादी के बीच में जीजीआईसी स्कूल के ठीक सामने है। साल भर यहां सुबह शाम की दिव्य आरती में लोग शामिल होते हैं। ढोल मंजीरा बजाकर आरती की जाती है। मंदिर के मुख्य द्वार में प्रवेश करते ही आकर्षक सजावट दिखाई देती है। मां शारदा की प्रतिमा भक्तों को तेज प्रदान करती हैं और मन चाहा फल प्रदान करने वाली हैं। मान्यता है कि मां शारदा का ये स्वरूप बुद्धि, विवेक, यश प्रदान करने वाला है। मां की सच्चे मन से आराधना करने पर भक्तों के सारे संकट दूर हो जाते हैं और परिवार में सुख समृद्धि और खुशहाली आती है। इंसेट- मां के दरबार में इस तरह पहुंचें मां शारदा मंदिर में पहुंचना बहुत आसान है। शहर के बीच में यह मंदिर स्थित है। शहर के किसी भी कोने से निजी वाहन, आटो, रिक्शा से बहुत आसानी से यहां पहुंचा जा सकता है। सुभाष चौकी, रोडवेज, मुख्य बाजार, तहसील चौराहा, ऊदल चौक, आल्हा चौक से पैदल ही मात्र 10 मिनट का रास्ता है। - मंदिर के इतिहास के विषय में कोई सटीक जानकारी नहीं है। बताया जाता है कि शिवरतन सिंह ने मैहर शारदा माता के पुजारी की प्रेरणा से महोबा में कई साल पहले इस मंदिर की स्थापना कराई थी। तभी से साल दर साल मंदिर के प्रति भक्तों की आस्था बढ़ती चली गई। - माता प्रसाद , शारदा माता मंदिर के पुजारी।
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