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    नीम सुकून भरी छाया के साथ है सेहत का खजाना

    By JagranEdited By:
    Updated: Mon, 14 Jun 2021 04:58 PM (IST)

    जागरण संवाददाता महोबा नीम गुणों का भंडार कहा गया है। नीम की छांव में बैठने से ही उ ...और पढ़ें

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    नीम सुकून भरी छाया के साथ है सेहत का खजाना

    जागरण संवाददाता, महोबा : नीम गुणों का भंडार कहा गया है। नीम की छांव में बैठने से ही उसका काफी लाभ मिलता है। उसकी छाल, लकड़ी, पत्ती, फल, जड़ सारा कुछ सेहत के लिए किसी वरदान से कम नहीं है। यही कारण है कि पुराने समय में आबादी के अंदर नीम के पेड़ बहुतायत में मिलते थे। भले ही इनकी संख्या अब कम हुई है लेकिन ग्रामीण इलाकों के लिए अभी भी नीम बहुत महत्वपूर्ण पेड़ है। कोरोना जैसी महामारी के लिए तो यह रामबाण है। आक्सीजन भरपूर में देने के साथ अन्य भी इसके फायदे उठाए जा सकते हैं।

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    नीम की खासियत

    विशेषज्ञ आरके यादव कहते हैं कि नीम अन्य वृक्षों की तरह एक दिन में करीब 20 घंटे से ज्यादा समय तक ऑक्सीजन का निर्माण करता है।

    धार्मिक फायदे : नीम का पौधा लगाने से कई धार्मिक फायदे हैं, जैसे नीम की लकड़ी से हवन भी होता है। नीम के पत्तियों का वंदनवार लगाने से घर में नकारात्मक उर्जा प्रवेश नहीं करती है।

    औषधीय गुणों का भंडार :

    वैद्य शंभू दयाल कहते हैं कि नीम के फल, बीज और पत्ते से तेल निकाला जाता है। तेल का उपयोग त्वचा से संबंधित बीमारियों में होता है। एक्जिमा और सोरायसिस जैसी बीमारियां इससे जल्दी ठीक हो सकती है। एंटीबायोटिक गुणों के कारण नीम से हर तरह के रोग का इलाज संभव है। अन्य रोग जैसे विषैले कीट के काट लेने पर नीम के पत्तों को पीस कर लगा लें। घाव में पत्तियों का लेप लगाएं। दाद- खुजली पर पत्तियों को दही के साथ पीसकर लगाने से लाभ होता है। गुर्दे में पथरी होने की स्थिति में पत्तियों की दो ग्राम राख लेकर रोजाना पानी के साथ लें। मलेरिया होने पर छाल को उबालकर काढ़ा पीएं। नीम के तेल में थोड़ा सा कपूर मिलाकर मालिश करने से त्वचा रोग ठीक हो जाते हैं। नीम के डंठल में, खांसी, बवासीर, प्रमेह और पेट में कीड़ों को खत्म करता है। नीम के दातुन से दांत मजबूत होते हैं, पायरिया भी समाप्त होती है। नीम की कुछ अहम बातें

    क्षेत्रीय वन अधिकारी आरके यादव कहते हैं कि पौधा लगाने के लिए पहले करीब डेढ़ से दो फीट गहरा गड्डा तैयार कर लें। नीचे गोबर मिट्टी मिक्स कर डालें, फिर पौधा लगा दें। खरपतवार यदि उग आए तो उसे हटा दें, पौधे के चारों और मिट्टी लगाएं, ताकि पानी अंदर तक सोख सके । पौधा लगाने के दो साल तक उसमें रासायनिक खाद और गोबर की खाद डालते रहें। पौधा लगाने से पहले यूरिया, सुपर फास्फेट एवं पोटाश की पांच ग्राम मात्रा भी डाल देनी चाहिए। इसे किसी भी मौसम में लगा सकते हैं, बशर्ते देखरेख और समय पर पानी जरूरी है।