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    बच्चों की इंजेक्शन लगने के बाद बिगड़़ी हालत, स्वजन ने किया हंगामा

    By sushant khare Edited By: Anurag Shukla1
    Updated: Tue, 08 Jul 2025 06:26 PM (IST)

    महोबा जिला अस्पताल के बच्चा वार्ड में इंजेक्शन लगने के बाद आठ बच्चों की हालत बिगड़ गई। बच्चों में कंपन और तेज बुखार के लक्षण दिखाई दिए जिससे परिजनों ने हंगामा किया। सीएमएस ने स्टाफ नर्स से स्पष्टीकरण मांगा है और पहले से इंजेक्शन भरकर रखने पर रोक लगा दी है।

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    बच्चों की इंजेक्शन लगने के बाद बिगड़ी हालत।

    जागरण संवाददाता, महोबा। महोबा के जिला अस्पताल में बच्चों की जान पर बन आई। इजेक्शन लगने के बाद बच्चों में कंपन और तेज बुखार हो गया। इससे स्वजनों में हड़कंप मच गया। कुछ ही देर में अस्पताल में हंगामा शुरू हो गया। आनन फानन में डाक्टरों की टीम ने बच्चों की जांच की। अब उनकी हालत में सुधार है।

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    जिला पुरुष अस्पताल के बच्चा वार्ड में सोमवार की रात इंजेक्शन लगने के बाद आठ बच्चों की हालत बिगड़ गई और अफरा-तफरी मच गई। इंजेक्शन के दुष्प्रभाव से बच्चों में कंपन, ठंड लगना और तेज बुखार आने लगा। ये देखकर स्वजन ने हंगामा करना शुरू कर दिया और बच्चों को लेकिर इमरजेंसी में भागे। चिकित्सक डा. पंकज ने बच्चों का उपचार किया और सूचना मिलते ही सीएमएस डा. पीके अग्रवाल ने भी पहुंचकर जानकारी ली। अब बच्चों की हालत में सुधार बताया गया है। उधर ड्यूटी में तैनात स्टाफ नर्स से स्पष्टीकरण मांगा गया है।

    जिला अस्पताल के बच्चा वार्ड में सोमवार की रात करीब 15 बच्चे भर्ती थे। चिकित्सक डा. शाही राहिल ने राउंड लिया और स्वास्थ्य कर्मी ने बच्चों को इंजेक्शन और ड्रिप लगाना शुरू किया। बच्चों को जैसे ही इंजेक्शन लगा उनको कंपन, सर्दी लगना और तेज बुखार आने लगा। यह देखकर बच्चा वार्ड में हड़कंप मच गया और स्वजन हंगामा करने लगे। बच्चे भी हालत बिगड़ने से रोने लगे। माता पिता मदद की गुहार लगाते हुए बच्चों को लेकर इमरजेंसी भागे।

    वार्ड में भर्ती एक वर्षीय अनुष्का पुत्री धर्मजीत निवासी अस्थौन चरखारी, किदवई नगर कबरई निवासी 11 वर्षीय शिवकांत, धरौन निवासी 5 वर्षीय सौरभ, बजरिया निवासी 11 वर्षीय पार्वती, श्रीनगर निवासी एक वर्षीय हिमांशु, शहर के कस्वाथाई निवासी 11 वर्षीय भूमि, भटीपुरा निवासी 5 वर्षीय प्रेमचंद्र सहित आठ बच्चे पीड़ित हो गए।

    अभिभावकों ने बताया कि जैसे ही इंजेक्शन लगा उसके बाद ही बच्चों को हालत बिगड़ गई और उन्हें लेकर इमरजेंसी पहुंचे। इसके बाद चिकित्सक आए और बच्चों का उपचार किया गया। आराेप लगाया कि सरकारी अस्पताल में पूरी तरह लापरवाही की गई है और वह इसकी शिकायत उच्चाधिकारियों से करेंगे। उपचार के बाद सभी बच्चाें की हालत में सुधार हो गया और मंगलवार को चार बच्चों की छुट्टी कर दी गई। दो बच्चों का उपचार किया जा रहा है।

    स्वास्थ्य कर्मियों की लापरवाही है। वह पहले से ही इंजेक्शन में दवा भरकर रख लेते हैं। इसी से बच्चों में रिएक्शन हो गया था। सभी बच्चे सुरक्षित है। ड्यूटी पर तैनात स्टाफ नर्स संगीता सोनी से स्पष्टीकरण मांगा गया है।

    डा. पीके अग्रवाल, सीमएमएस

    पहले से इंजेक्शन में नहीं भरी जाएगी दवा

    सोमवार की रात हुए मामले के बाद मंगलवार की सुबह सीएमएस ने वार्ड और इमरजेंसी का राउंड लेकर स्वास्थ्य कर्मियों को सख्त निर्देश दिए कि कोई भी पहले से इंजेक्शन लोड करके नहीं रखेगा। मरीज को जो भी इंजेक्शन लगना होगा उसी समय लोड किया जाएग। बच्चा वार्ड में जाकर भर्ती बच्चों का परीक्षण किया और हालचाल जाना। उनके के आदेश के बाद भी इमरजेंसी में लोड इंजेक्शन रखे रहे। इमरजेंसी में प्रतिदिन पहले से ही पेट दर्द, गैस, दर्द, उल्टी पहले से ही लोड कर रखे जाते हैं और मरीज के आने पर उसे वही इंजेक्शन लगाया जाता है। जिससे बरसात के मौसम में इसके दुष्प्रभाव की संभावना पढ़ जाती है।