मुंह में रखते ही घुल जाता है देसावरी पान, इंटरनेशनल ट्रेड शो में पहुंची मयंकिता चौरसिया ने बनाया शुगर फ्री गुलकंद
महोबा के देसावरी पान की खुशबू ग्रेटर नोएडा में आयोजित उत्तर प्रदेश इंटरनेशनल ट्रेड शो में बिखरी। मयंकिता चौरसिया ने पान से बने उत्पादों का स्टॉल लगाया जिसमें शक्कर-मुक्त गुलकंद चाकलेट और लड्डू शामिल हैं। उन्होंने देसावरी पान की खूबियों के बारे में बताया जो कभी अरब देशों तक जाता था। विजयवाड़ा महोत्सव में महोबा के पान उत्पाद को पहला पुरस्कार मिला था।

जागरण संवाददाता, महोबा। ग्रेटर नोएडा में उत्तर प्रदेश इंटरनेशनल ट्रेड शो (यूपीआईटीएस) का आयोजन किया जा रहा है, जिसमें महोबा के देसावरी पान की खुशबू भी बिखरी। महाेबा से मयंकिता चौरसिया ने देसावरी पान से संबंधित उत्पादों के यहां स्टाल लगाए।
ट्रेड शो का गुरुवार को प्रधानमंत्री मोदी ने शुभारंभ किया। हालांकि मयंकिता से उनकी कोई बात नहीं हुई। मयंकिता ने लोगों को पान से बने उत्पादों के बारे में बताया और देसावरी पान की खूबियों के बारे में जानकारी दी।
बताया कि देसावरी पान कभी अरब देशों तक भी जाता था। अब देश के कई हिस्सों में महोबा से पान भेजा जाता है। इसके पूर्व भी वह कई जगहों पर स्टाल लगा चुकी हैं और विजयवाड़ा महोत्सव में महोबा के पान उत्पाद को पहला पुरस्कार मिला था।
मयंकिता चौरसिया ने बताया कि उन्होंने पान से बने गुलकंद, चाकलेट, लड्डू, मुखवास व शर्बत के उत्पाद लगाए है। इनमें खास बात है कि किसी भी उत्पाद में शक्कर का प्रयोग नहीं किया गया है। सभी उत्पादों में शहद, मिसरी के साथ ही पान का उपयोग किया गया है। सभी आर्गेनिक उत्पाद है।
उन्होंने बताया कि गुलकंद तो सभी लोग खाते हैं, लेकिन इसमें शक्कर होती है। उनके सभी उत्पाद शुगर फ्री है और गुलकंद में पान, मिसरी आदि का प्रयोग किया गया है।
मयंकिता ने बताया कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने ट्रेड शो का शुभारंभ किया और स्टाल लगाए कुछ महिलाओं से बात की। हालांकि उनकी बात प्रधानमंत्री से नहीं हो सकी है। मयंकिता के मुताबिक, इसके पहले वह कश्मीर, जगन्नाथपुरी, ग्रेडर नोएडा, विजयवाड़ा, प्रगति मैदान दिल्ली आदि जगहों पर वह स्टाल लगा चुकी हैं।
2024 में विजयवाड़ा में भारत जीआई महोत्सव हुआ था। इसमें महोबा के पान के बने उत्पादों को पहला पुरस्कार मिला था। वह बताती है कि देसावरी पान मुंह में रखते ही घुल जाता है और इसके खाने के करीब आधा से पौन घंटे तक प्यास नहीं लगती। यह पाचक होता है और लोग खाने के बाद इसका सेवन करते है। मयंकिता ने लोगों को पान से बने उत्पाद को अपनाने के लिए प्रेरित किया।
कमेंट्स
सभी कमेंट्स (0)
बातचीत में शामिल हों
कृपया धैर्य रखें।