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    'मैंने क्या बिगाड़ा था...', पत्नी बेहोश होकर गिरी, महोबा में चार अर्थियां उठीं तो चीत्कार ने चीर दिया कलेजा

    Updated: Mon, 15 Dec 2025 03:04 PM (IST)

    उत्तर प्रदेश के महोबा में रविवार को एक सड़क हादसे में चार लोगों की मौत हो गई, जिससे पूरे गांव में मातम छा गया है। सोमवार को मृतकों का अंतिम संस्कार हु ...और पढ़ें

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    जागरण संवाददाता, महोबा। जिले के ग्राम ग्योड़ी में सोमवार की सुबह मातम की तस्वीर नजर आई। एक साथ दो सगे भाईयों सहित चार लोगों की अर्थियां उठीं तो सैकड़ों निगाहें नम हो गई। जो का गओ भगवान, हमने कोऊ को का बिगाड़ो हतो...हमाओ पति कहां चलो गओ...महिलाओं की जुबां से बस यही शब्द निकल रहे थे।

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    दिवंगत रामसहोदर की जैसे ही अर्थी उठी उसकी पत्नी शांति दहाड़े मारकर रोने लगी और गिरकर बेहोश हो गई। अन्य महिलाओं ने उसे संभाला है। हर ओर गम का माहौल दिख रहा था और एक साथ चारों शवों का अंतिम संस्कार किया गया।

    थाना खन्ना के ग्राम ग्योड़ी के जमुनीपुरा डेरा निवासी 85 वर्षीय अनुसुइया की बीमारी के चलते 11 दिसंबर को मौत हो गई थी। उसी दिन उनका अंतिम संस्कार हुआ था। रविवार की सुबह करीब 6 बजे बेटे सहित अन्य स्वजन बोलेरो कार से अस्थियां विसर्जित करने के लिए प्रयागराज जा रहे थे। लेकिन हमीरपुर स्थित बुंदेलखंड एक्सप्रेसवे में टूरिस्ट बस ने बोलेरो में पीछे से टक्कर मार दी थी।

    हादसे में उसके पुत्र 55 वर्षीय घनश्याम, उसके छोटे भाई 40 वर्षीय वर्षीय रामसहोदर, दिवंगत घनश्याम के चाचा 65 वर्षीय सिद्धगोपाल व भतीजे 35 वर्षीय सोनू की मौत हो गई। जबकि तीन अन्य लोग घायल हुए थे। सोमवार की देर शाम उनके शव गांव पहुंचे तो सारी रात स्वजन लिपटकर रोते रहे।

    सभी की जुबां से यही निकल रहा था कि आखिर उन्होंने किसी का क्या बिगाड़ा है जो उनके साथ इस तरह की घटना हुई। सूर्य निकलते ही पूरे गांव के लोग दिवंगत के घर एकत्र हुए और हर ओर मातम की तस्वीर नजर आई।

    चारों की अर्थियां एक साथ निकलीं। दिवंगत रामसहोदर की पत्नी शांति गम बर्दाश्त नहीं कर पा रही थी और बेहोश होकर गिर पड़ी। अन्य महिलाओं ने चेहरे पर पानी डालकर उसे होश में लाकर संभाला। पूरा गांव दिवंगतों की अंतिम यात्रा में शामिल हुआ और एक साथ सभी का अंतिम संस्कार कर दिया गया।

    बच्चों का चेहरा देखकर फफककर रो रही ममता

    महोबा : हमीरपुर में हुए सड़क हादसे में दिवंगत 35 वर्षीय सोनू इकलौता पुत्र था। उसके पिता प्यारेलाल की भी कुछ सालों पहले मृत्यु हो गई थी। खेती व मजदूरी करके वह अपनी पत्नी ममता व तीन 5-7 साल की दो बेटियों व बेटे का भरण पोषण करता था।

    सोमवार की शाम जैसे ही पति सहित अन्य स्वजन का शव आया तो वह बदहवास हो गई। पति का शव और बच्चों का चेहरा देखकर वह फफककर रो पड़ी। उसके सामने संकट आन खड़ा हुआ है कि अब बच्चों की परवरिश कैसे होगी और घर का पालन पोषण कैसे होगा। सभी उसको ढांढस बंधाने में लगे हुए है।

    अब कैसे हुईहै मोड़यन को ब्याओ

    महोबा : हमीरपुर में हुए हादसे में दिवंगत हुए रामसहोदर की पत्नी शांति पति की अर्थी देखकर बेहोश हो गई। होश में आने के बाद बस वह इतना ही कह रही थी कि अब कैसे उसकी मोडि़यन को ब्याओ हुईहै...। शांति की दो पुत्रियां लक्ष्मी व किरन शादी योग्य है। लेकिन पिता की मौत के बाद उनका रो-रोकर बुरा हाल बना हुआ है।