चार साल के बच्चे के गले में फंसा पॉपकॉर्न, खाते-खाते अचानक अचेत होने से हालत गंभीर
महोबा में एक चार वर्षीय बच्चे के गले में पॉपकॉर्न फंसने से उसकी हालत गंभीर हो गई। बच्चे के पिता ने बताया कि वह पॉपकॉर्न खाते-खाते अचेत हो गया। उसे जिला अस्पताल ले जाया गया जहाँ प्राथमिक उपचार के बाद उसे झांसी मेडिकल कॉलेज रेफर कर दिया गया। वर्तमान में बच्चे का इलाज छतरपुर के एक अस्पताल में चल रहा है।

जागरण संवाददाता, महोबा । ट्रेन की बर्थ पर लेटे चार वर्षीय बच्चे के गले में पॉपकॉर्न का एक टुकड़ा फंस गया, जिससे उसकी हालत बिगड़ गई। स्वजन उसे जिला अस्पताल लाए, यहां प्राथमिक उपचार के बाद उसे झांसी मेडिकल कालेज रेफर कर दिया गया। स्वजन उसे मध्य प्रदेश के छतरपुर जिला चिकित्सालय ले गए। बच्चे की हालत गंभीर बनी हुई है।
आगरा के शमसाबाद थाना के बरौली गूजर गांव निवासी कामता प्रसाद परिवार समेत शनिवार को मध्य प्रदेश के छतरपुर के ग्राम गढ़ा स्थित बागेश्वर धाम दर्शन करने आए थे। रविवार सुबह बस से सभी लोग छतरपुर से महोबा आए और आगरा जाने के लिए इंटरसिटी एक्सप्रेस ट्रेन में बैठ गए। पिता ने बताया कि पुत्र कार्तिक पॉपकॉर्न खाने की जिद करने लगा तो उसे स्टेशन की दुकान से पैकेट दिला दिया।
पॉपकॉर्न खाते-खाते अचेत हो गया बच्चा
वह ट्रेन की सीट पर लेट कर पॉपकॉर्न खाने लगा। इसी दौरान वह अचानक अचेत हो गया। स्वजन उसे जिला अस्पताल लेकर आए। डा. पंकज राजपूत ने बच्चे का इलाज शुरू किया। उन्होंने बताया कि श्वास नली में पॉपकॉर्न का टुकड़ा फंस गया है, जिससे बच्चे को सांस लेने में तकलीफ हो रही है। उसका इलाज जिला अस्पताल में संभव नहीं है।
दूरबीन पद्धति से ही उपचार होगा और उसे मेडिकल कालेज झांसी रेफर कर दिया गया। स्वजन उसे एंबुलेंस से छतरपुर के चिकित्सालय ले गए। नाक कान गला विशेषज्ञ डा. नरेंद्र राजपूत ने बताया कि बच्चे का उपचार केवल मेडिकल कालेज स्तर पर ही संभव है।
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