फर्जी टीईटी और एजुकेशन सर्टिफिकेट पर नौकरी कर रहे थे शिक्षक, धोखाधड़ी का मुकदमा दर्ज
उत्तर प्रदेश में दो शिक्षकों पर फर्जी टीईटी और शैक्षिक प्रमाणपत्रों के आधार पर नौकरी पाने का आरोप है, जिसके बाद उनके खिलाफ धोखाधड़ी का मामला दर्ज किया गया है। जांच में पता चला कि इन शिक्षकों ने जाली दस्तावेजों का उपयोग करके सरकारी स्कूलों में नौकरियां हासिल कीं। शिक्षा विभाग ने सभी शिक्षकों के दस्तावेजों की दोबारा जांच करने का फैसला किया है।

फर्जी टीईटी और शैक्षिक प्रमाणपत्र पर नौकरी करने वाले दो शिक्षकों पर मुकदमा
जागरण संवाददाता, महराजगंज। सिसवा ब्लाक के दो विद्यालयों में तैनात फर्जी शिक्षकों का बड़ा मामला उजागर हुआ है। प्राथमिक विद्यालय हरखपुरा में तैनात रहे सहायक अध्यापक आनंद कुमार पांडेय और कंपोजिट विद्यालय हेवती में तैनात सहायक अध्यापक शुभचंद्र यादव के विरुद्ध कोठीभार पुलिस ने धोखाधड़ी और कूटरचना का मुकदमा दर्ज कर जांच शुरू कर दी है।
दोनों शिक्षकों के टीईटी और शैक्षिक प्रमाणपत्र फर्जी पाए जाने के बाद जिला बेसिक शिक्षा अधिकारी रिद्धि पांडेय ने उन्हें बर्खास्त करते हुए एफआईआर दर्ज कराने का निर्देश दिया था। इसी क्रम में खंड शिक्षा अधिकारी वंशीधर सिंह की तहरीर के आधार पर पुलिस ने कार्रवाई की।
खंड शिक्षा अधिकारी वंशीधर सिंह के अनुसार, आनंद कुमार पांडेय की नियुक्ति वर्ष 2016 में प्राथमिक विद्यालय बरवा कृपाल, निचलौल में हुई थी। वर्ष 2018 में उनका स्थानांतरण प्राथमिक विद्यालय हरखपुरा, सिसवा में किया गया, जहां उन्होंने 21 अप्रैल 2018 को कार्यभार ग्रहण किया था। उनके विरुद्ध शिकायत मिलने पर दस्तावेजों की जांच कराई गई।
रिपोर्ट में उनका टीईटी 2013 प्रमाणपत्र फर्जी पाया गया, जिसके बाद उन्हें सेवा से बर्खास्त कर दिया गया। वहीं, कंपोजिट विद्यालय हेवती में तैनात सहायक अध्यापक शुभचंद्र यादव के विरुद्ध भी जांच उच्चाधिकारियों के आदेश पर कराई गई।
सत्यापन में उनका टीईटी 2015 प्रमाणपत्र कूटरचित पाया गया। रिपोर्ट आने के तुरंत बाद उनकी नियुक्ति निरस्त कर उन्हें भी बर्खास्त कर दिया गया।
कोठीभार थानाध्यक्ष धर्मेंद्र कुमार सिंह ने बताया कि तहरीर के आधार पर दोनों आरोपित शिक्षकों के विरुद्ध धोखाधड़ी और कूटरचना की धाराओं में मुकदमा दर्ज किया गया है। पुलिस दस्तावेजों की जांच कर रही है, जांच के बाद आवश्यक विधिक कार्रवाई की जाएगी।

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